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वंदे भारत ट्रेन को लेकर सीएम भूपेश का बयान, नहीं मिला ओपनिंग सेरेमनी का निमंत्रण

Politics in Chhattisgarh on Vande Bharat train छत्तीसगढ़ में वंदे भारत ट्रेन की शुरुआत की गई. लेकिन इसकी सूचना तक मुख्यमंत्री को नहीं दी गई. ये बात खुद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कही है. Vande Bharat train मुख्यमंत्री भूपेश बघेल महासमुंद में भेंट मुलाकात के लिए रवाना हुए. उससे पहले उन्होंने मीडिया को जानकारी दी कि केंद्र सरकार का रेल विभाग प्रदेश के मुखिया को भी किसी भी ट्रेन की शुरुआत होने की सूचना देना मुनासिब नहीं समझता.ऐसा पहली बार नहीं हुआ है.इसके पहले भी अंतागढ़ रेललाइन शुरु होने पर सीएम भूपेश बघेल की अनदेखी की गई थी.CM Bhupesh statement regards Vande Bharat train

CM Bhupesh statement regards Vande Bharat train
वंदे भारत ट्रेन पर छत्तीसगढ़ में राजनीति
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Published : Dec 13, 2022, 4:14 PM IST

वंदे भारत ट्रेन पर छत्तीसगढ़ में राजनीति

रायपुर : 11 दिसंबर को छत्तीसगढ़ में वंदे भारत ट्रेन की शुरुआत हुई. इस ट्रेन को पीएम नरेंद्र मोदी ने नागपुर रेलवे स्टेशन से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. नागपुर से बिलासपुर तक इस ट्रेन का जोरदार स्वागत हुआ.सेलेक्टेड स्टेशन पर ट्रेन को रोका गया और क्रू का स्वागत हुआ.लेकिन इस ट्रेन को चलाने की जानकारी छत्तीसगढ़ के मुखिया यानी भूपेश बघेल को नहीं दी गई. सीएम भूपेश बघेल ने ये बात खुद स्वीकारी है कि रेलवे की ओर से उन्हें किसी भी तरह की सूचना नहीं दी गई.CM Bhupesh statement regards Vande Bharat train

वंदे भारत के किराए पर सवाल : आपको बता दें कि वंदे भारत ट्रेन का किराया आम ट्रेनों की तुलना में काफी ज्यादा है.जिसे लेकर सीएम भूपेश बघेल ने सवाल उठाए हैं.सीएम भूपेश ने कहा कि " वंदे भारत रेल शुरू हुआ देश को प्रधानमंत्री ने सौगात दी है. लेकिन रेट इतना अधिक है कि आम आदमी उसमें सफर नहीं कर सकता. बड़े लोग कर सकते हैं. पैसे वाले कर सकते हैं. मध्यमवर्गीय जिन ट्रेनों से सफर करते हैं उन 40 ट्रेनों को सरकार ने बंद कर दिया था. महीनों तक ट्रेनें बंद रही .इस बारे में पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह और सांसद अरुण साव के मुंह से एक शब्द नहीं निकला. आज एक ट्रेन शुरू हो गई तो पूरे छत्तीसगढ़ को सिर पर उठा लिया.

नहीं मिला ट्रेन शुरु होने का निमंत्रण : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा "वंदे भारत ट्रेन शुरू हुई. इसकी हम बधाई देते हैं. लेकिन जब छत्तीसगढ़ में वंदे भारत ट्रेन शुरू हुआ है तो कम से कम मुख्यमंत्री को तो निमंत्रण दे देते. रेल विभाग ने जब अंतागढ़ में ट्रेन शुरू की तब भी मुझे सूचना नहीं दी थी. छत्तीसगढ़ में वंदे भारत ट्रेन शुरू हुई तो नागपुर तक जा रही है उसमें भी मुझे सूचना नहीं है. भारत सरकार का रेल विभाग जिस प्रदेश में ट्रेन शुरू कर रहा है प्रदेश के मुख्यमंत्री को भी इसकी सूचना तक नहीं है. ऐसा एक बार नहीं बल्कि यह दूसरी बार हुआ है.''

पुरानी पेंशन योजना पर सीएम का बयान : पार्लियामेंट में कल ओवैसी के सवाल पुरानी पेंशन योजना पर केंद्र सरकार ने कहा था की ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि राज्यों को पैसा दिया जाए , ऐसे में छत्तीसगढ़ के जो ₹17000 करोड़ है उसका क्या होगा. इस सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा "यह जो पैसा है वह विशुद्ध रूप से राज्य के कर्मचारियों का है और राज्य का अंशदान है. भारत सरकार का इसमें एक पैसा भी नहीं है. जो केंद्रीय कर्मचारियों उनका पैसा उनके पास है. लेकिन यह जो पैसा है वह राज्य के कर्मचारियों का है राज्य का अंशदान है. इसलिए हम मांग कर रहे हैं और इसमें भारत सरकार का नकारात्मक रवैया है. इसलिए मैंने कल ही अधिकारियों को कहा कि कर्मचारी संघ के साथ बैठक करें. बैठक करके जो निष्कर्ष निकल सकता है उस पर विचार विमर्श करें. उसके बाद हमारे पास है जिससे हम कर्मचारियों को जो ओल्ड पेंशन स्कीम लागू किए हैं उस पर कुछ हल निकाल सके.

ये भी पढ़ें : छत्तीसगढ़ में रेल सेवा को लेकर राजनीति

अजय चंद्राकर को सीएम भूपेश का जवाब : पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने ट्वीट कर कहा है कि राजा पटेरिया कुत्ते की तरह भौंक रहे हैं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इस पर जवाब दें. इस पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा " अजय चंद्राकर दूसरे प्रदेश के बारे में बात कर रहे हैं. लेकिन जिस मंत्रिमंडल के वह सदस्य थे उसने मुझे मुसवा बिलाई कुकुर कहा है. उस समय अजय चंद्राकर का मुंह बंद था.।आप दूसरों की बात करते हैं लेकिन अपनी बात नहीं करते हैं. रमन सिंह जो बयान दिए उसका विरोध अजय चंद्राकर उसी दिन करना था कि यह गलत है. इस भाषा का प्रयोग नहीं होना चाहिए तो आज निश्चित रूप से राजा पटेरिया के बारे में जो वह बोल रहे हैं वह सही साबित होता.प्रदेश के मुख्यमंत्री को कुकुर , मुसवा उनके नेता संबोधित कर रहे हैं क्या यह अच्छा लगता है.''

वंदे भारत ट्रेन पर छत्तीसगढ़ में राजनीति

रायपुर : 11 दिसंबर को छत्तीसगढ़ में वंदे भारत ट्रेन की शुरुआत हुई. इस ट्रेन को पीएम नरेंद्र मोदी ने नागपुर रेलवे स्टेशन से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. नागपुर से बिलासपुर तक इस ट्रेन का जोरदार स्वागत हुआ.सेलेक्टेड स्टेशन पर ट्रेन को रोका गया और क्रू का स्वागत हुआ.लेकिन इस ट्रेन को चलाने की जानकारी छत्तीसगढ़ के मुखिया यानी भूपेश बघेल को नहीं दी गई. सीएम भूपेश बघेल ने ये बात खुद स्वीकारी है कि रेलवे की ओर से उन्हें किसी भी तरह की सूचना नहीं दी गई.CM Bhupesh statement regards Vande Bharat train

वंदे भारत के किराए पर सवाल : आपको बता दें कि वंदे भारत ट्रेन का किराया आम ट्रेनों की तुलना में काफी ज्यादा है.जिसे लेकर सीएम भूपेश बघेल ने सवाल उठाए हैं.सीएम भूपेश ने कहा कि " वंदे भारत रेल शुरू हुआ देश को प्रधानमंत्री ने सौगात दी है. लेकिन रेट इतना अधिक है कि आम आदमी उसमें सफर नहीं कर सकता. बड़े लोग कर सकते हैं. पैसे वाले कर सकते हैं. मध्यमवर्गीय जिन ट्रेनों से सफर करते हैं उन 40 ट्रेनों को सरकार ने बंद कर दिया था. महीनों तक ट्रेनें बंद रही .इस बारे में पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह और सांसद अरुण साव के मुंह से एक शब्द नहीं निकला. आज एक ट्रेन शुरू हो गई तो पूरे छत्तीसगढ़ को सिर पर उठा लिया.

नहीं मिला ट्रेन शुरु होने का निमंत्रण : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा "वंदे भारत ट्रेन शुरू हुई. इसकी हम बधाई देते हैं. लेकिन जब छत्तीसगढ़ में वंदे भारत ट्रेन शुरू हुआ है तो कम से कम मुख्यमंत्री को तो निमंत्रण दे देते. रेल विभाग ने जब अंतागढ़ में ट्रेन शुरू की तब भी मुझे सूचना नहीं दी थी. छत्तीसगढ़ में वंदे भारत ट्रेन शुरू हुई तो नागपुर तक जा रही है उसमें भी मुझे सूचना नहीं है. भारत सरकार का रेल विभाग जिस प्रदेश में ट्रेन शुरू कर रहा है प्रदेश के मुख्यमंत्री को भी इसकी सूचना तक नहीं है. ऐसा एक बार नहीं बल्कि यह दूसरी बार हुआ है.''

पुरानी पेंशन योजना पर सीएम का बयान : पार्लियामेंट में कल ओवैसी के सवाल पुरानी पेंशन योजना पर केंद्र सरकार ने कहा था की ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि राज्यों को पैसा दिया जाए , ऐसे में छत्तीसगढ़ के जो ₹17000 करोड़ है उसका क्या होगा. इस सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा "यह जो पैसा है वह विशुद्ध रूप से राज्य के कर्मचारियों का है और राज्य का अंशदान है. भारत सरकार का इसमें एक पैसा भी नहीं है. जो केंद्रीय कर्मचारियों उनका पैसा उनके पास है. लेकिन यह जो पैसा है वह राज्य के कर्मचारियों का है राज्य का अंशदान है. इसलिए हम मांग कर रहे हैं और इसमें भारत सरकार का नकारात्मक रवैया है. इसलिए मैंने कल ही अधिकारियों को कहा कि कर्मचारी संघ के साथ बैठक करें. बैठक करके जो निष्कर्ष निकल सकता है उस पर विचार विमर्श करें. उसके बाद हमारे पास है जिससे हम कर्मचारियों को जो ओल्ड पेंशन स्कीम लागू किए हैं उस पर कुछ हल निकाल सके.

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अजय चंद्राकर को सीएम भूपेश का जवाब : पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने ट्वीट कर कहा है कि राजा पटेरिया कुत्ते की तरह भौंक रहे हैं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इस पर जवाब दें. इस पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा " अजय चंद्राकर दूसरे प्रदेश के बारे में बात कर रहे हैं. लेकिन जिस मंत्रिमंडल के वह सदस्य थे उसने मुझे मुसवा बिलाई कुकुर कहा है. उस समय अजय चंद्राकर का मुंह बंद था.।आप दूसरों की बात करते हैं लेकिन अपनी बात नहीं करते हैं. रमन सिंह जो बयान दिए उसका विरोध अजय चंद्राकर उसी दिन करना था कि यह गलत है. इस भाषा का प्रयोग नहीं होना चाहिए तो आज निश्चित रूप से राजा पटेरिया के बारे में जो वह बोल रहे हैं वह सही साबित होता.प्रदेश के मुख्यमंत्री को कुकुर , मुसवा उनके नेता संबोधित कर रहे हैं क्या यह अच्छा लगता है.''

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