रायपुर: छत्तीसगढ़ के वर्तमान और पूर्व मुख्यमंत्रियों के बीच ठन गई है. इस जुबानी जंग की वजह हैं दो नौकरशाह. हुआ ये कि पूर्व सीएम रमन के 'घर' कवर्धा में 18 दिसंबर को बीजेपी की किसान महापंचायत थी. भाजपा ने 14 दिसंबर को लिखित आवेदन देकर गांधी मैदान कवर्धा में इजाजत की अनुमति मांगी थी. 16 दिसंबर को एसडीएम ने पूर्व निर्धारित शर्तों के साथ पहले अनुमति भी दी. नगर पालिका परिषद में 3 हजार रुपए फीस भी जमा हुई लेकिन कार्यक्रम से ठीक एक दिन पहले प्रशासन ने जगह बदलने का आदेश दे दिया. ये बात रमन सिंह को बेहद नागवार गुजरी और उन्होंने अफसरों के लिए तीखे शब्दों का इस्तेमाल किया.
पूर्व सीएम रमन सिंह ने कड़े लहजों में कहा कि 'अधिकारियों के गिने-चुने दिन ही रह गए हैं, ज्यादा तलवे चाटने की जरुरत नहीं है. सरकार के 2 साल बीत चुके हैं, वक्त बदलता रहता है, 3 साल बाद हम हिसाब लेने आएंगे, ज्यादा गर्मी ना दिखाएं'. उन्होंने ये भी कहा था कि, 'इस सरकार में एसपी, कलेक्टर जैसे अधिकारियों के बड़े पदों के लिए नीलामी हो रही है, जो ज्यादा पैसा देगा उसकी बड़ी पोस्टिंग होगी.'
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किस मुंह से IPS, IAS की बात करती है बीजेपी: बघेल
रमन के आरोपों पर सीएम भूपेश बघेल कैसे चुप रहते. वे फौरन अफसरों के पक्ष में उतरे. बघेल ने कहा कि बीजेपी किस मुंह से आईएएस, आईपीएस का नाम लेती है. ये लोग तो कॉरपोरेट हाउस से 15% लोगों को बिना आईएएस और आईपीएस की परीक्षा लिए भर्ती ले रहे थे. अवमानना तो भारतीय जनता पार्टी ने किया है और आरोप कांग्रेस पर लगा रहे हैं.
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दूसरे दिन फिर अधिकारियों पर बिफरे रमन सिंह
दूसरे दिन ये घटना अखबारों की सुर्खी बनी, तो रमन सिंह के जेहन से भी नहीं उतरी. शनिवार को भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता प्रशिक्षण शिविर में शामिल हुए रमन सिंह ने फिर अधिकारियों पर हमला किया. उन्होंने आरोप लगाया कि कमीशन देकर कॉन्ट्रैक्ट पर अफसरों की पोस्टिंग हो रही है. रमन सिंह ने कहा कि कॉन्ट्रैक्ट पर आए अधिकारियों को लगता है कि जब तक अनुबंध है, तब तक उन्हें कुछ नहीं होगा. यही वजह है कि कॉन्ट्रैक्ट पर आए हुए अधिकारी अपने इलाकों में जमकर भ्रष्टाचार कर रहें हैं. प्रदेश के तमाम जिलों में रेत तस्करी, लूट, अपराध जैसी घटनाएं हर रोज हो रही है.
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अधिकारियों को धमकाएं न रमन सिंह: बघेल
रमन सिंह के बयान के 4 घंटे के अंदर ही सीएम बघेल ने फिर पलटवार किया. बघेल ने कहा कि रमन अधिकारियों को डराएं, धमकाएं नहीं. वे ऐसी भाषा का इस्तेमाल न करें, तो अच्छा है. बघेल ने कहा कि रमन 15 साल तक इन्हीं अधिकारियों के भरोसे राज करते रहे. आज यह अधिकारी हमारी सरकार के साथ काम कर रहे हैं. हमारी सरकार जो फैसला करती है, उसके हिसाब से काम कर रहे हैं.
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अफसरों के मुद्दे पर जिस तरह पूर्व सीएम रमन सिंह नाराज हुए, उनका वैसा रूप कई दिनों के बाद देखने को मिला है. रमन कैमरे के सामने अफसरों से इस अंदाज में मुखातिब होते पहली बार नजर आए हैं. देखते हैं ये वार-पलटवार कहां जा कर रुकता है.