रायपुर : शुक्रवार और शनिवार की दरमियानी की रात चंद्रमा की सतह पर लैंड करने से पहले ही लैंडर विक्रम से ISRO का संपर्क टूट गया. चंद्रमा से महज 2.1 किलोमीटर की दूरी से ISRO और चंद्रयान-2 का संपर्क टूटा, लेकिन देशवासियों का हौसला अब भी जिंदा है. आम लोगों के साथ राजनीतिक पार्टियां भी वैज्ञानिकों का हौसला बढ़ा रही हैं. बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव ने वैज्ञानिकों का हौसला बढ़ाते हुए कहा हमारे भारतीय वैज्ञानिकों ने एक बहुत बड़ा अचीवमेंट हासिल किया है.
उन्होंने कहा कि चंद्रयान-2 इसरो का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट था. उसमें लगभग हमने सफलता अर्जित कर ली थी, लेकिन ठीक 2 किलोमीटर पहले लैंडर से संपर्क टूटा, जिससे निराशा जनक भाव आए हैं, लेकिन हमने सफलता अर्जित की है. भले ही लैंडर विक्रम का सम्पर्क टूट गया हो, लेकिन हौसले नहीं टूटे हैं. आने वाले समय में इसरो के वैज्ञानिकों को जरूर सफलता हासिल होगी.
वहीं कांग्रेस मीडिया सेल के प्रमुख शैलेष नितिन त्रिवेदी ने कहा कि 'इसरो के वैज्ञानिकों ने बहुत अच्छी तैयारी की थी. इस अभियान का सफल होना देश के भविष्य के लिए और वैज्ञानिकों की प्रगति के लिए बेहद आवश्यक था. जितना काम हुआ, वो बहुत अच्छा हुआ. हम लक्ष्य से थोड़ा पीछे रह गए, हमें पूरा विश्वास है, अगली बार हम इस लक्ष्य को जरूर पार करेंगे. वहीं छतीसगढ़ की राजनीतिक पार्टियों ने इसे वैज्ञानिकों की उपलब्धि बताते हुए अगले मिशन के लिए सफल होने की कामना की है.