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SPECIAL: सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को लेकर बघेल सरकार और बीजेपी के बीच सियासी संग्राम

छत्तीसगढ़ सरकार ने नवा रायपुर में 954 करोड़ रुपए के राजभवन, सीएम हाउस, विधानसभा भवन समेत निर्माण कार्यों पर रोक लगाने के बाद सियासत तेज हो गई है. इस फैसले के बाद केंद्र सरकार पर दिल्ली में बन रहे 'सेंट्रल विस्टा' पर रोक लगाने को लेकर दबाव बढ़ गया है.

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Published : May 15, 2021, 10:59 PM IST

Updated : May 19, 2021, 7:45 PM IST

nawa raipur
नया रायपुर

रायपुर: कोरोना संक्रमण के दौर में देश की राजधानी दिल्ली में सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को लेकर चल रहे विवाद के बीच छत्तीसगढ़ सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी है. सरकार ने नवा रायपुर में करीब 954 करोड़ 91 लाख रुपए के निर्माण कार्यों पर रोक लगाई है. इसमें नया राजभवन, सीएम हाउस, विधानसभा, मंत्रियों और अधिकारियों के आवास समेत नए सर्किट हाउस शामिल है. छत्तीसगढ़ सरकार के इस फैसले के बाद केंद्र सरकार पर दिल्ली में बन रहे सेंट्रल विस्टा पर रोक लगाने का दबाव शुरू हो गया. एक तरफ जहां कांग्रेस केंद्र से सेंट्रल विस्टा प्रोजक्ट पर रोक लगाने की मांग कर रही है. वहीं बीजेपी ने नवा रायपुर में निर्माण कार्य पर रोक लगाने को लेकर सवाल उठाए हैं. बीजेपी का कहना है कि निर्माण कार्य में रोकी गई राशि, सरकार कहां खर्च करेगी यह बड़ा सवाल है. यह फैसला केवल पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी को खुश करने के लिए है.

सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को लेकर बघेल सरकार और बीजेपी के बीच सियासी संग्राम

सोनिया गांधी ने किया था शिलान्यास

कोरोना के दौरान सरकार का यह फैसला खर्च में कटौती की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है. नवा रायपुर में 954 करोड़ रुपए की लागत से राजभवन, सीएम हाउस, विधानसभा, विधायक विश्राम गृह, मंत्रियों और अफसरों के बंगालों का निर्माण होना है. सरकार ने 245.16 करोड़ की लागत से बनने वाले विधानसभा भवन और 118 करोड़ की लागत से बनने वाले विधायक विश्रामगृह की निविदा भी निरस्त कर दी है. आपको बता दें कि इन सभी प्रोजेक्ट का शिलान्यास कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की मौजूदगी में 29 अगस्त 2020 को किया गया था.

इन निर्माण कार्यों पर लगी रोक

  • 12. 60 एकड़ में राज भवन का निर्माण, यहां दरबार हाल और सचिवालय भवन समेत कई भवन.
  • 7. 50 एकड़ में सीएम आवास और कार्यालय का निर्माण, इसमें थिएटर हेल्थ सेंटर और बड़ी लाइब्रेरी.
  • 19 एकड़ में विधानसभा अध्यक्ष आवास और कार्यालय भवन.
  • 1. 50 एकड़ में मंत्रीगण और नेता प्रतिपक्ष का आवास और कार्यालय भवन.
  • 45 एकड़ में वरिष्ठ अधिकारियों के लिए 85 आवास
  • 51 एकड़ में 270 करोड़ की लागत से मानती इंद्रावती भवन के पीछे सर्व सुविधा युक्त विधानसभा.
  • 90 एकड़ में 118 करोड़ की लागत से सर्व सुविधा युक्त विधायक विश्राम गृह.

प्राथमिकता लोगों के स्वास्थ्य की है: CM

निर्माण कार्यों को रोकने को लेकर सीएम भूपेश बघेल का कहना है कि अभी प्राथमिकता लोगों को बचाने की है. उनके इलाज की है. कोरोना काल से पहले हमने प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया था. संकट के समय अब इस पर रोक लगा रहे हैं. सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि कोरोना और लॉकडाउन से बहुत सारी आर्थिक गतिविधियां रुकी हुई है. इसलिए यह कड़ा फैसला लेना पड़ा है.

क्या दोबारा निर्माण कार्य शुरू नहीं करेगी सरकार: मूणत

निर्माण कार्य को रोके जाने को लेकर पूर्व मंत्री राजेश मूणत का कहना है कि सरकार की सरकार की कथनी और करनी में अंतर है. उन्होंने कहा कि निर्माण कार्य की राशि का अब किस मद में उपयोग किया जाएगा यह सरकार को स्पष्ट करना चाहिए. उन्होंने कहा कि सीएम बताएं कि निर्माण कार्य रद्द क्यों किया गया है? क्या सरकार वित्तीय संकट से जूझ रही है? आज बंद कर 6 महीने बाद फिर से तो चालू नहीं किया जाएगा ? निर्माण कार्य में लगे मजदूरों की रोजी-रोटी भी भी किल्लत खड़ी हो गई है.

जेपी नड्डा ने लिखा था पत्र

सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को लेकर कांग्रेस लगातार मोदी सरकार पर हमला कर रही है. इसके जवाब में बीते दिनों भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर छत्तीसगढ़ में नवा रायपुर में चल रहे निर्माण कार्यों को लेकर छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार को घेरा था. नड्डा ने नवा रायपुर में चल रहे करोड़ों के प्रोजक्ट पर सवाल उठाए थे.

श्वेत पत्र जारी करे सरकार: चंद्रशेखर साहू

पूर्व मंत्री चंद्रशेखर साहू का कहना है कि निर्माण कार्य पर रोक लगाकर कांग्रेस सरकार खुद पीठ थप-थपाने में लगी हुई है. सरकार पिछले ढाई साल में कई ऐसे प्रोजेक्ट जिन पर सरकार निर्णय नही ले पाई है. चाहे वह स्काई वॉक हो या एक्सप्रेसवे हो. ऐसे के निर्माण कार्यों पर श्वेत पत्र जारी करना चाहिए. पुरानी सरकार का भी रोना ढाई साल बाद भी रो रहे हैं. जो इंफ्रा स्ट्रक्चर आधा अधूरा बना हुआ है उसकी लागत बढ़ रही है. अच्छे प्रोजेक्ट की भी क्यों पलीता लगाने में लगे हुए हैं कुल मिलाकर इस मामले में राजनीतिक चश्मे से देखने की जो इनकी आदत है. उसको बदलने की जरूरत है.

पीएम की प्राथमिकता लोगों का स्वास्थ्य नहीं है: कांग्रेस प्रवक्ता

कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि देश कोरोना की महामारी से जूझ रहा है. ऐसे में केंद्र सरकार की प्राथमिकता लोगों के स्वास्थ्य को लेकर होनी चाहिए. लेकिन सरकार 20 हजार करोड़ रुपए से सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का निर्माण कर रहा है. बड़ी-बड़ी अट्टालिका बना रही है.

'निर्माण रोकना कोई औचित्य नहीं'

इस मामले में वरिष्ठ पत्र गिरीश केसरवानी ने बताया कि, हमारी सरकारों के पास पर्याप्त पैसे हैं. ऐसे में सरकार को बड़े राजनीतिक और सरकारी आयोजनों पर रोक लगानी चाहिए. उन्होंने कहा कि जो भी निर्माण कार्य होगा उसको न ही छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री अपने घर लेकर जाएंगे और न ही देश के प्रधानमंत्री अपने घर लेकर जाएंगे. यह निर्माण देश की संपत्ति होगी. रोक लगाने का कोई औचित्य नहीं है.

रायपुर: कोरोना संक्रमण के दौर में देश की राजधानी दिल्ली में सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को लेकर चल रहे विवाद के बीच छत्तीसगढ़ सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी है. सरकार ने नवा रायपुर में करीब 954 करोड़ 91 लाख रुपए के निर्माण कार्यों पर रोक लगाई है. इसमें नया राजभवन, सीएम हाउस, विधानसभा, मंत्रियों और अधिकारियों के आवास समेत नए सर्किट हाउस शामिल है. छत्तीसगढ़ सरकार के इस फैसले के बाद केंद्र सरकार पर दिल्ली में बन रहे सेंट्रल विस्टा पर रोक लगाने का दबाव शुरू हो गया. एक तरफ जहां कांग्रेस केंद्र से सेंट्रल विस्टा प्रोजक्ट पर रोक लगाने की मांग कर रही है. वहीं बीजेपी ने नवा रायपुर में निर्माण कार्य पर रोक लगाने को लेकर सवाल उठाए हैं. बीजेपी का कहना है कि निर्माण कार्य में रोकी गई राशि, सरकार कहां खर्च करेगी यह बड़ा सवाल है. यह फैसला केवल पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी को खुश करने के लिए है.

सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को लेकर बघेल सरकार और बीजेपी के बीच सियासी संग्राम

सोनिया गांधी ने किया था शिलान्यास

कोरोना के दौरान सरकार का यह फैसला खर्च में कटौती की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है. नवा रायपुर में 954 करोड़ रुपए की लागत से राजभवन, सीएम हाउस, विधानसभा, विधायक विश्राम गृह, मंत्रियों और अफसरों के बंगालों का निर्माण होना है. सरकार ने 245.16 करोड़ की लागत से बनने वाले विधानसभा भवन और 118 करोड़ की लागत से बनने वाले विधायक विश्रामगृह की निविदा भी निरस्त कर दी है. आपको बता दें कि इन सभी प्रोजेक्ट का शिलान्यास कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की मौजूदगी में 29 अगस्त 2020 को किया गया था.

इन निर्माण कार्यों पर लगी रोक

  • 12. 60 एकड़ में राज भवन का निर्माण, यहां दरबार हाल और सचिवालय भवन समेत कई भवन.
  • 7. 50 एकड़ में सीएम आवास और कार्यालय का निर्माण, इसमें थिएटर हेल्थ सेंटर और बड़ी लाइब्रेरी.
  • 19 एकड़ में विधानसभा अध्यक्ष आवास और कार्यालय भवन.
  • 1. 50 एकड़ में मंत्रीगण और नेता प्रतिपक्ष का आवास और कार्यालय भवन.
  • 45 एकड़ में वरिष्ठ अधिकारियों के लिए 85 आवास
  • 51 एकड़ में 270 करोड़ की लागत से मानती इंद्रावती भवन के पीछे सर्व सुविधा युक्त विधानसभा.
  • 90 एकड़ में 118 करोड़ की लागत से सर्व सुविधा युक्त विधायक विश्राम गृह.

प्राथमिकता लोगों के स्वास्थ्य की है: CM

निर्माण कार्यों को रोकने को लेकर सीएम भूपेश बघेल का कहना है कि अभी प्राथमिकता लोगों को बचाने की है. उनके इलाज की है. कोरोना काल से पहले हमने प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया था. संकट के समय अब इस पर रोक लगा रहे हैं. सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि कोरोना और लॉकडाउन से बहुत सारी आर्थिक गतिविधियां रुकी हुई है. इसलिए यह कड़ा फैसला लेना पड़ा है.

क्या दोबारा निर्माण कार्य शुरू नहीं करेगी सरकार: मूणत

निर्माण कार्य को रोके जाने को लेकर पूर्व मंत्री राजेश मूणत का कहना है कि सरकार की सरकार की कथनी और करनी में अंतर है. उन्होंने कहा कि निर्माण कार्य की राशि का अब किस मद में उपयोग किया जाएगा यह सरकार को स्पष्ट करना चाहिए. उन्होंने कहा कि सीएम बताएं कि निर्माण कार्य रद्द क्यों किया गया है? क्या सरकार वित्तीय संकट से जूझ रही है? आज बंद कर 6 महीने बाद फिर से तो चालू नहीं किया जाएगा ? निर्माण कार्य में लगे मजदूरों की रोजी-रोटी भी भी किल्लत खड़ी हो गई है.

जेपी नड्डा ने लिखा था पत्र

सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को लेकर कांग्रेस लगातार मोदी सरकार पर हमला कर रही है. इसके जवाब में बीते दिनों भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर छत्तीसगढ़ में नवा रायपुर में चल रहे निर्माण कार्यों को लेकर छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार को घेरा था. नड्डा ने नवा रायपुर में चल रहे करोड़ों के प्रोजक्ट पर सवाल उठाए थे.

श्वेत पत्र जारी करे सरकार: चंद्रशेखर साहू

पूर्व मंत्री चंद्रशेखर साहू का कहना है कि निर्माण कार्य पर रोक लगाकर कांग्रेस सरकार खुद पीठ थप-थपाने में लगी हुई है. सरकार पिछले ढाई साल में कई ऐसे प्रोजेक्ट जिन पर सरकार निर्णय नही ले पाई है. चाहे वह स्काई वॉक हो या एक्सप्रेसवे हो. ऐसे के निर्माण कार्यों पर श्वेत पत्र जारी करना चाहिए. पुरानी सरकार का भी रोना ढाई साल बाद भी रो रहे हैं. जो इंफ्रा स्ट्रक्चर आधा अधूरा बना हुआ है उसकी लागत बढ़ रही है. अच्छे प्रोजेक्ट की भी क्यों पलीता लगाने में लगे हुए हैं कुल मिलाकर इस मामले में राजनीतिक चश्मे से देखने की जो इनकी आदत है. उसको बदलने की जरूरत है.

पीएम की प्राथमिकता लोगों का स्वास्थ्य नहीं है: कांग्रेस प्रवक्ता

कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि देश कोरोना की महामारी से जूझ रहा है. ऐसे में केंद्र सरकार की प्राथमिकता लोगों के स्वास्थ्य को लेकर होनी चाहिए. लेकिन सरकार 20 हजार करोड़ रुपए से सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का निर्माण कर रहा है. बड़ी-बड़ी अट्टालिका बना रही है.

'निर्माण रोकना कोई औचित्य नहीं'

इस मामले में वरिष्ठ पत्र गिरीश केसरवानी ने बताया कि, हमारी सरकारों के पास पर्याप्त पैसे हैं. ऐसे में सरकार को बड़े राजनीतिक और सरकारी आयोजनों पर रोक लगानी चाहिए. उन्होंने कहा कि जो भी निर्माण कार्य होगा उसको न ही छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री अपने घर लेकर जाएंगे और न ही देश के प्रधानमंत्री अपने घर लेकर जाएंगे. यह निर्माण देश की संपत्ति होगी. रोक लगाने का कोई औचित्य नहीं है.

Last Updated : May 19, 2021, 7:45 PM IST
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