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SPECIAL: पुलिसकर्मियों पर भी कोरोना का साया लेकिन हौसले बुलंद

छत्तीसगढ़ में लगातार कोरोना के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं. महामारी के इस दौर में भी पुलिसकर्मियों ने हार नहीं मानी और लगातार अपनी सेवा दे रहे हैं. इस बीच कई पुलिसकर्मी संक्रमित भी हुए, लेकिन इससे पुलिस की कार्यशैली में कोई बदलाव नहीं आया. इस दौरान आपराधिक मामलों पर पुलिस ने लगातार अपनी नजर बनाए रखी और कई आरोपियों पर कार्रवाई भी की गई. पुलिस ने हर चुनौतियों का सामना डंटकर किया है. देखिए एक खास रिपोर्ट.

raipur police during corona pandemic
पुलिसकर्मी लगातार निभा रहे अपनी जिम्मेदारी
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Published : Jul 23, 2020, 9:44 PM IST

रायपुर: कोरोना संकट काल में हर कोई कई दिक्कतों से जूझ रहा है. कोरोना वॉरियर्स के रूप में काम कर रहे डॉक्टर्स और पुलिसकर्मियों का इस महामारी के दौर में सबसे महत्वपूर्ण योगदान है. छत्तीसगढ़ में लगातार कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं. बीते दिनों कई पुलिस जवान भी कोरोना की चपेट में आए, लेकिन पुलिस-प्रशासन अपनी जिम्मेदारियों से पीछे नहीं हटा.

कोरोना का साया लेकिन हौसले बुलंद

अपनी जिंदगी को दांव पर लगाकर, बिना घर-परिवार की चिंता किए ये पुलिसकर्मी हर पल प्रदेश की जनता की रखवाली और सुरक्षा के लिए लगे हुए हैं. राजधानी रायपुर में इस पूरे कोरोनाकाल के दौरान पुलिस की कार्यशैली को लेकर ETV भारत की टीम ने DSP मणिशंकर चंद्रा सहित दो और पुलिस जवान से बात की. उनसे ये जानने की कोशिश की गई कि इस दौरान पुलिस विभाग के सामने कौन-कौन सी चुनौतियां सामने आईं और उन्होंने कैसे समय पर अपना दायित्व निभाया.

पुलिस की बढ़ी चुनौतियां

पूरी दुनिया इस वक्त कोरोना महामारी के संकट से गुजर रही है. ऐसे में पुलिसकर्मी बतौर कोरोना वॉरियर्स मानव सेवा की मिसाल गढ़ रहे हैं. चेक पॉइंट्स पर लोगों की चेकिंग के साथ-साथ अस्पताल, क्वॉरेंटाइन सेंटर और कंटेनमेंट जोन जैसी जोखिम वाली जगहों पर भी पुलिसकर्मी तैनात हैं, लेकिन अब पुलिसकर्मी खुद कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गए हैं. कोरोना वायरस से बचाव पुलिस के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है. जिस तेजी से कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है, उससे हालात काफी संवेदनशील हो गए हैं. लेकिन पुलिस हर मोर्चे पर डटी है. एहतियातन पुलिस थानों को सील तक किया गया है.

राजधानी में 3500 पुलिसकर्मी

राजधानी रायपुर की बात करें तो यहां वर्तमान में 3500 पुलिस के जवान हैं. जे लगातार अपने काम में लगे हुए हैं. इस बीच कई आपराधिक मामलों पर कार्रवाई की गई. कई आरोपियों को गिरफ्तार किया गया और इस दौर में भी पुलिस अपना काम सामान्य दिनों की तरह करती रही. फर्क सिर्फ इतना आया है कि जिन थानों को सील किया गया था, उन थानों का कामकाज नजदीकी थानों को सौंप दिया गया था.

रायपुर में अबतक 49 पुलिसकर्मी संक्रमित

DSP मणिशंकर चंद्रा ने बताया कि कोरोना संक्रमित पुलिसकर्मियों की बात की जाए तो रायपुर जिले में पुलिसकर्मियों की संख्या 49 है. जिनमें से 21 पुलिसकर्मी स्वस्थ होकर सकुशल अपने घर लौट चुके हैं. 28 पुलिसकर्मी अब भी क्वॉरेंटाइन में हैं. रायपुर जिले में अब तक कोरोना संक्रमण की वजह से एसएसपी ऑफिस, ट्रैफिक विभाग के एडिशनल ऑफिस सहित पांच थाने सील किए गए थे, जिसमें कुछ की अवधि पूरी होने के बाद उन थानों और कार्यालयों को फिर से खोल दिया गया है. जिन थानों को सील किया गया था, उन्हें 5 दिनों के बाद सैनिटाइज किया गया और दोबारा कामकाज शुरू कर दिया गया.

DSP ने बताया कि किसी भी पुलिसकर्मी के कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद अन्य स्टाफ का भी कोरोना टेस्ट कराया जाता है. रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर उनका इलाज कराने के साथ उनको क्वॉरेंटाइन पर रखा जाता है. जिले के चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात किए गए हैं. हर चौक-चौराहे, क्वॉरेंटाइन सेंटर, अस्पताल सहित कंटेनमेंट जोन एरिया में पुलिस जवानों की ड्यूटी लगाई गई है.

पढ़ें- रायपुर: शुरू हुआ लॉकडाउन, चप्पे-चप्पे पर रहेगी पुलिस की नजर

ETV भारत ने पुरानी बस्ती थाना प्रभारी राजेश सिंह से बात की तो उन्होंने बताया कि 25 जून को उनकी कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी. जिसके बाद उन्हें रायपुर के एम्स हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था. थाना प्रभारी अपना अनुभव बताते हुए कहते हैं कि हॉस्पिटल में 5 दिनों तक एडमिट होने के बाद उन्हें 7 दिनों के लिए होम क्वॉरेंटाइन में भी रहना पड़ा. इस दौरान उन्हें किसी तरह की कोई भी शारीरिक परेशानी नहीं हुई और वह अब स्वस्थ होकर काम पर वापस लौट आए हैं.

पढ़ें- रायपुर सहित कई जिलों में लॉकडाउन, पुलिस ने निकाला फ्लैग मार्च

थाना प्रभारी ने बताया कि कोई भी व्यक्ति अगर कोरोना पॉजिटिव हो जाता है तो उसके साथ समाज के लोग अलग बर्ताव करने लगते हैं. आस-पास के लोगों की धारणाएं बदल जाती है और कोरोना संक्रमित व्यक्ति को अलग समझा जाने लगता है. उनका कहना है कि कोविड-19 अब ऐसी बीमारी हो गई है, जो किसी को भी हो सकती है और लोग ठीक भी हो रहे हैं. जरूरत है कि समाज में लोग संक्रमित व्यक्ति को लेकर संवेदनशील बनें.

पढ़ें- कोरोना से जंग में कर्मवीर बन पुलिसकर्मियों ने निभाया अपना फर्ज

बता दें कि कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए एक बार फिर से रायपुर सहित कई जिलों में लॉकडाउन लगाया गया है. राजधानी में लगातार कोरोना के मामले बढ़ रहे थे, जिसे देखते हुए जिला प्रशासन ने 22 जुलाई से 28 जुलाई तक टोटल लॉकडाउन करने का फैसला लिया. लॉकडाउन के पहले दिन से ही पुलिस हर जगह मुस्तैद है और कड़ी निगरानी रख रही है. वहीं राजधानी में 40 से ज्यादा जगहों पर नाकेबंदी की गई है. नियम तोड़ने वालों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई भी की जा रही है. पुलिस प्रशासन लगातार अपना दायित्व निभा रहा है, जिससे आम नागरिक सुरक्षित रहें. अब जरूरत है कि लोग घरों में रहकर प्रशासन के नियमों का पालन करें और इस लॉकडाउन को सफल बनाने में पुलिस बल का सहयोग करें.

रायपुर: कोरोना संकट काल में हर कोई कई दिक्कतों से जूझ रहा है. कोरोना वॉरियर्स के रूप में काम कर रहे डॉक्टर्स और पुलिसकर्मियों का इस महामारी के दौर में सबसे महत्वपूर्ण योगदान है. छत्तीसगढ़ में लगातार कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं. बीते दिनों कई पुलिस जवान भी कोरोना की चपेट में आए, लेकिन पुलिस-प्रशासन अपनी जिम्मेदारियों से पीछे नहीं हटा.

कोरोना का साया लेकिन हौसले बुलंद

अपनी जिंदगी को दांव पर लगाकर, बिना घर-परिवार की चिंता किए ये पुलिसकर्मी हर पल प्रदेश की जनता की रखवाली और सुरक्षा के लिए लगे हुए हैं. राजधानी रायपुर में इस पूरे कोरोनाकाल के दौरान पुलिस की कार्यशैली को लेकर ETV भारत की टीम ने DSP मणिशंकर चंद्रा सहित दो और पुलिस जवान से बात की. उनसे ये जानने की कोशिश की गई कि इस दौरान पुलिस विभाग के सामने कौन-कौन सी चुनौतियां सामने आईं और उन्होंने कैसे समय पर अपना दायित्व निभाया.

पुलिस की बढ़ी चुनौतियां

पूरी दुनिया इस वक्त कोरोना महामारी के संकट से गुजर रही है. ऐसे में पुलिसकर्मी बतौर कोरोना वॉरियर्स मानव सेवा की मिसाल गढ़ रहे हैं. चेक पॉइंट्स पर लोगों की चेकिंग के साथ-साथ अस्पताल, क्वॉरेंटाइन सेंटर और कंटेनमेंट जोन जैसी जोखिम वाली जगहों पर भी पुलिसकर्मी तैनात हैं, लेकिन अब पुलिसकर्मी खुद कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गए हैं. कोरोना वायरस से बचाव पुलिस के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है. जिस तेजी से कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है, उससे हालात काफी संवेदनशील हो गए हैं. लेकिन पुलिस हर मोर्चे पर डटी है. एहतियातन पुलिस थानों को सील तक किया गया है.

राजधानी में 3500 पुलिसकर्मी

राजधानी रायपुर की बात करें तो यहां वर्तमान में 3500 पुलिस के जवान हैं. जे लगातार अपने काम में लगे हुए हैं. इस बीच कई आपराधिक मामलों पर कार्रवाई की गई. कई आरोपियों को गिरफ्तार किया गया और इस दौर में भी पुलिस अपना काम सामान्य दिनों की तरह करती रही. फर्क सिर्फ इतना आया है कि जिन थानों को सील किया गया था, उन थानों का कामकाज नजदीकी थानों को सौंप दिया गया था.

रायपुर में अबतक 49 पुलिसकर्मी संक्रमित

DSP मणिशंकर चंद्रा ने बताया कि कोरोना संक्रमित पुलिसकर्मियों की बात की जाए तो रायपुर जिले में पुलिसकर्मियों की संख्या 49 है. जिनमें से 21 पुलिसकर्मी स्वस्थ होकर सकुशल अपने घर लौट चुके हैं. 28 पुलिसकर्मी अब भी क्वॉरेंटाइन में हैं. रायपुर जिले में अब तक कोरोना संक्रमण की वजह से एसएसपी ऑफिस, ट्रैफिक विभाग के एडिशनल ऑफिस सहित पांच थाने सील किए गए थे, जिसमें कुछ की अवधि पूरी होने के बाद उन थानों और कार्यालयों को फिर से खोल दिया गया है. जिन थानों को सील किया गया था, उन्हें 5 दिनों के बाद सैनिटाइज किया गया और दोबारा कामकाज शुरू कर दिया गया.

DSP ने बताया कि किसी भी पुलिसकर्मी के कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद अन्य स्टाफ का भी कोरोना टेस्ट कराया जाता है. रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर उनका इलाज कराने के साथ उनको क्वॉरेंटाइन पर रखा जाता है. जिले के चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात किए गए हैं. हर चौक-चौराहे, क्वॉरेंटाइन सेंटर, अस्पताल सहित कंटेनमेंट जोन एरिया में पुलिस जवानों की ड्यूटी लगाई गई है.

पढ़ें- रायपुर: शुरू हुआ लॉकडाउन, चप्पे-चप्पे पर रहेगी पुलिस की नजर

ETV भारत ने पुरानी बस्ती थाना प्रभारी राजेश सिंह से बात की तो उन्होंने बताया कि 25 जून को उनकी कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी. जिसके बाद उन्हें रायपुर के एम्स हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था. थाना प्रभारी अपना अनुभव बताते हुए कहते हैं कि हॉस्पिटल में 5 दिनों तक एडमिट होने के बाद उन्हें 7 दिनों के लिए होम क्वॉरेंटाइन में भी रहना पड़ा. इस दौरान उन्हें किसी तरह की कोई भी शारीरिक परेशानी नहीं हुई और वह अब स्वस्थ होकर काम पर वापस लौट आए हैं.

पढ़ें- रायपुर सहित कई जिलों में लॉकडाउन, पुलिस ने निकाला फ्लैग मार्च

थाना प्रभारी ने बताया कि कोई भी व्यक्ति अगर कोरोना पॉजिटिव हो जाता है तो उसके साथ समाज के लोग अलग बर्ताव करने लगते हैं. आस-पास के लोगों की धारणाएं बदल जाती है और कोरोना संक्रमित व्यक्ति को अलग समझा जाने लगता है. उनका कहना है कि कोविड-19 अब ऐसी बीमारी हो गई है, जो किसी को भी हो सकती है और लोग ठीक भी हो रहे हैं. जरूरत है कि समाज में लोग संक्रमित व्यक्ति को लेकर संवेदनशील बनें.

पढ़ें- कोरोना से जंग में कर्मवीर बन पुलिसकर्मियों ने निभाया अपना फर्ज

बता दें कि कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए एक बार फिर से रायपुर सहित कई जिलों में लॉकडाउन लगाया गया है. राजधानी में लगातार कोरोना के मामले बढ़ रहे थे, जिसे देखते हुए जिला प्रशासन ने 22 जुलाई से 28 जुलाई तक टोटल लॉकडाउन करने का फैसला लिया. लॉकडाउन के पहले दिन से ही पुलिस हर जगह मुस्तैद है और कड़ी निगरानी रख रही है. वहीं राजधानी में 40 से ज्यादा जगहों पर नाकेबंदी की गई है. नियम तोड़ने वालों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई भी की जा रही है. पुलिस प्रशासन लगातार अपना दायित्व निभा रहा है, जिससे आम नागरिक सुरक्षित रहें. अब जरूरत है कि लोग घरों में रहकर प्रशासन के नियमों का पालन करें और इस लॉकडाउन को सफल बनाने में पुलिस बल का सहयोग करें.

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