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रायपुर एम्स में छात्रा की संदिग्ध मौत के मामले में पीएमओ ने लिया संज्ञान

रायपुर एम्स के हॉस्टल में बीते 2 जुलाई को साक्षी दुबे ने संदिग्ध परिस्थितियों में आत्महत्या कर ली थी. इसके बाद उसके परिजनों ने एम्स के रेडियोलॉजी के एचओडी पर प्रताड़ना का आरोप लगाया था. इस मामले में प्रधानमंत्री कार्यालय ने संज्ञान लिया है. पीएमओ में केएम अग्रवाल को मामले का जांच अधिकारी बनाया गया है.

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Published : Aug 13, 2021, 5:18 PM IST

raipur-aiims
रायपुर एम्स

रायपुरः

रायपुर एम्स में बीएससी नर्सिंग छात्रा साक्षी दुबे के आत्महत्या (suicide) मामले में प्रधानमंत्री कार्यालय ने संज्ञान लिया है. शिकायत के बाद एम्स से मामले में जवाब मांगा जा रहा है. जानकारी के अनुसार 2 जुलाई 2021 को एम्स रायपुर (aiims raipur) के हॉस्टल में साक्षी दुबे ने संदिग्ध परिस्थितियों में आत्महत्या कर ली थी. इसके बाद उसके परिवार वालों ने एम्स के रेडियोलॉजी के एचओडी डॉ नरेन्द्र कुमार वोधे पर प्रताड़ना का आरोप लगाया था. शिकायत पर पुलिस ने पूछताछ के लिए डॉक्टर को थाने भी तलब किया था.
जांच समिति बिठाने, आरोपित को तब तक पद से हटाने का मिला था आश्वासन

इधर, साक्षी को न्याय दिलाने के लिए सर्व समाज समिति के कार्यकर्ताओं ने एम्स डायरेक्टर डॉक्टर नितिन एम नागरकर और डिप्टी डायरेक्टर अंशुमन गुप्ता के कार्यालय का घेराव कर आरोपित एचओडी के खिलाफ विभागीय जांच की मांग की थी. लेकिन एम्स से संतोषजनक जवाब न मिलने की वजह से युवाओं को डायरेक्टर कार्यालय के बाहर धरने पर बैठना पड़ा था. इसके बाद कहीं जाकर डायरेक्टर नागरकर ने जांच समिति बिठाने और आरोपित डॉक्टर को तब तक के लिए पद से हटाने की बात कार्यकर्ताओं से कही थी.
घटना के कुछ दिन बाद ही एम्स ने मामले को करा दिया था रफा-दफा
घटना के महज कुछ दिन बाद ही एम्स की ओर से मामले को रफा-दफा करा दिया गया. आलम यह है कि पुलिस ने भी सबूत न मिलने का हवाला देते हुए जांच को ठंडे बस्ते में डाल दिया है. आत्महत्या के बाद जिस तरह से एम्स प्रबंधन का रवैया सामने आया है, उससे एम्स प्रबंधन पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं. मामले में सर्वसमाज समिति ने जांच के लिए पीएमओ में पत्र भेजा था, जिसपर संज्ञान लेते हुए पीएमओ में केएम अग्रवाल को जांच अधिकारी बनाया गया है. इधर, साक्षी आत्महत्या मामले में बिलासपुर में मानवता सामाजिक संगठन ने कैंडल मार्च निकालकर साक्षी दुबे को श्रद्धांजलि देते हुए उसे इंसाफ देने की मांग की.

रायपुरः

रायपुर एम्स में बीएससी नर्सिंग छात्रा साक्षी दुबे के आत्महत्या (suicide) मामले में प्रधानमंत्री कार्यालय ने संज्ञान लिया है. शिकायत के बाद एम्स से मामले में जवाब मांगा जा रहा है. जानकारी के अनुसार 2 जुलाई 2021 को एम्स रायपुर (aiims raipur) के हॉस्टल में साक्षी दुबे ने संदिग्ध परिस्थितियों में आत्महत्या कर ली थी. इसके बाद उसके परिवार वालों ने एम्स के रेडियोलॉजी के एचओडी डॉ नरेन्द्र कुमार वोधे पर प्रताड़ना का आरोप लगाया था. शिकायत पर पुलिस ने पूछताछ के लिए डॉक्टर को थाने भी तलब किया था.
जांच समिति बिठाने, आरोपित को तब तक पद से हटाने का मिला था आश्वासन

इधर, साक्षी को न्याय दिलाने के लिए सर्व समाज समिति के कार्यकर्ताओं ने एम्स डायरेक्टर डॉक्टर नितिन एम नागरकर और डिप्टी डायरेक्टर अंशुमन गुप्ता के कार्यालय का घेराव कर आरोपित एचओडी के खिलाफ विभागीय जांच की मांग की थी. लेकिन एम्स से संतोषजनक जवाब न मिलने की वजह से युवाओं को डायरेक्टर कार्यालय के बाहर धरने पर बैठना पड़ा था. इसके बाद कहीं जाकर डायरेक्टर नागरकर ने जांच समिति बिठाने और आरोपित डॉक्टर को तब तक के लिए पद से हटाने की बात कार्यकर्ताओं से कही थी.
घटना के कुछ दिन बाद ही एम्स ने मामले को करा दिया था रफा-दफा
घटना के महज कुछ दिन बाद ही एम्स की ओर से मामले को रफा-दफा करा दिया गया. आलम यह है कि पुलिस ने भी सबूत न मिलने का हवाला देते हुए जांच को ठंडे बस्ते में डाल दिया है. आत्महत्या के बाद जिस तरह से एम्स प्रबंधन का रवैया सामने आया है, उससे एम्स प्रबंधन पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं. मामले में सर्वसमाज समिति ने जांच के लिए पीएमओ में पत्र भेजा था, जिसपर संज्ञान लेते हुए पीएमओ में केएम अग्रवाल को जांच अधिकारी बनाया गया है. इधर, साक्षी आत्महत्या मामले में बिलासपुर में मानवता सामाजिक संगठन ने कैंडल मार्च निकालकर साक्षी दुबे को श्रद्धांजलि देते हुए उसे इंसाफ देने की मांग की.

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