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रायपुर: मंत्री अनिला भेड़िया ने किया प्लेस ऑफ सेफ्टी भवन का भूमिपूजन

रायपुर माना कैंप में बाल कैदियों के लिए प्लेस ऑफ सेफ्टी भवन का भूमिपूजन किया गया. प्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेड़िया ने भवन का शिलान्यास किया. 14 हजार 483 वर्गफीट भूमि में 1.13 करोड़ की लागत से 25 बाल कैदियों की क्षमता का प्लेस ऑफ सेफ्टी बनाया जाएगा.

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Published : Dec 4, 2020, 2:56 PM IST

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मंत्री अनिला भेड़िया ने भूमिपूजन किया.

रायपुर: राजधानी के माना कैंप में बाल कैदियों को रखने के लिए प्लेस ऑफ सेफ्टी भवन का निर्माण किया जाएगा. प्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेड़िया ने प्लेस ऑफ सेफ्टी भवन का भूमिपूजन किया. यह भवन 14 हजार 483 वर्गफीट भूमि में 1.13 करोड़ की लागत से बनाया जाएगा. जिसमें 25 बाल कैदी रखे जा सकेंगे. इस अवसर पर विधायक प्रतिनिधि पंकज शर्मा, महिला एवं बाल विकास विभाग की संचालक दिव्या उमेश मिश्रा समेत विभागीय अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहे.

प्रदेश में संभागीय मुख्यालयों रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, बस्तर और अंबिकापुर में प्लेस ऑफ सेफ्टी भवन की स्वीकृति 2014-2015 में दी गई थी. राजधानी रायपुर में भवन निर्माण के लिए 2018-19 में 87.45 लाख रुपए की राशि स्वीकृति हुई है, जिसमें से 40 प्रतिशत राशि 34.98 लाख रुपए राज्यांश है. वहीं राज्य मद से अतिरिक्त राशि 25.55 लाख रुपए स्वीकृति दी गई है. प्लेस ऑफ सेफ्टी के निर्माण में कुल 1.13 करोड़ रूपये की लागत आएगी.

पढ़ें- नारायणपुर: किसान आंदोलन से सैकड़ों किलोमीटर दूर अपने 'हक' के लिए डटे आदिवासी

बालकों के कौशल विकास पर जोर
प्लेस ऑफ सेफ्टी भवन में 16 से 18 वर्ष की आयु के गंभीर अपराधों में लिप्त बालकों या 18 से 21 वर्ष आयु तक के ऐसे व्यक्तियों जिन्होंने 18 वर्ष आयु होने के पूर्व अपराध किया हो, उनके प्रकरणों के विचाराधीन होने की अवधि में या दोष सिद्ध होने पर बालक न्यायालय और किशोर न्याय बोर्ड के आदेश पर रखा जाता है. यहां बालकों की काउंसलिंग कर उनके सुधार और पुनर्वास के लिए उपाय किए जाते हैं. बालकों को कौशल विकास, खेलकूद, योग जैसे कई माध्यमों से मुख्य धारा में लाने का प्रयास किया जाता है.

रायपुर: राजधानी के माना कैंप में बाल कैदियों को रखने के लिए प्लेस ऑफ सेफ्टी भवन का निर्माण किया जाएगा. प्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेड़िया ने प्लेस ऑफ सेफ्टी भवन का भूमिपूजन किया. यह भवन 14 हजार 483 वर्गफीट भूमि में 1.13 करोड़ की लागत से बनाया जाएगा. जिसमें 25 बाल कैदी रखे जा सकेंगे. इस अवसर पर विधायक प्रतिनिधि पंकज शर्मा, महिला एवं बाल विकास विभाग की संचालक दिव्या उमेश मिश्रा समेत विभागीय अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहे.

प्रदेश में संभागीय मुख्यालयों रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, बस्तर और अंबिकापुर में प्लेस ऑफ सेफ्टी भवन की स्वीकृति 2014-2015 में दी गई थी. राजधानी रायपुर में भवन निर्माण के लिए 2018-19 में 87.45 लाख रुपए की राशि स्वीकृति हुई है, जिसमें से 40 प्रतिशत राशि 34.98 लाख रुपए राज्यांश है. वहीं राज्य मद से अतिरिक्त राशि 25.55 लाख रुपए स्वीकृति दी गई है. प्लेस ऑफ सेफ्टी के निर्माण में कुल 1.13 करोड़ रूपये की लागत आएगी.

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प्लेस ऑफ सेफ्टी भवन में 16 से 18 वर्ष की आयु के गंभीर अपराधों में लिप्त बालकों या 18 से 21 वर्ष आयु तक के ऐसे व्यक्तियों जिन्होंने 18 वर्ष आयु होने के पूर्व अपराध किया हो, उनके प्रकरणों के विचाराधीन होने की अवधि में या दोष सिद्ध होने पर बालक न्यायालय और किशोर न्याय बोर्ड के आदेश पर रखा जाता है. यहां बालकों की काउंसलिंग कर उनके सुधार और पुनर्वास के लिए उपाय किए जाते हैं. बालकों को कौशल विकास, खेलकूद, योग जैसे कई माध्यमों से मुख्य धारा में लाने का प्रयास किया जाता है.

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