रायपुर/दिल्ली: छत्तीसगढ़ से कांग्रेस की राज्यसभा सांसद फूलो देवी नेताम ने सदन में शून्यकाल के दौरान छत्तीसगढ़ी भाषा को संविधान की आठवीं सूची में शामिल करने का मुद्दा उठाया है. फूलो देवी ने कहा कि छत्तीसगढ़ी भाषा का समृद्ध साहित्य है और लगभग नौ करोड़ लोग इसे बोलते और लिखते हैं. राज्यसभा सांसद ने सदन को बताया कि छत्तीसगढ़ी भाषा को आठवीं सूची में शामिल करने से भाषा का विकास होगा और सम्मान बढ़ेगा. फूलो देवी ने सदन को बताया कि छत्तीसगढ़ी भाषा के शब्दों का उपयोग रामायण के कई अध्यायों में किया गया है. राज्यसभा सांसद ने अपनी मांग रखते सदन को छत्तीसगढ़ी भाषा का विकास करने पर ध्यान आकृष्ट कराया.
बता दें, सोमवार से शुरू संसद के मानसून सत्र के अंतर्गत राज्यसभा की कार्यवाही की शुरुआत हुई. इस दौरान सांसद अजित भुयान, फूलो देवी, झारखंड मुक्ति मोर्चा के शिबू सोरेन ने पद और गोपनियता की शपथ ली.
राज्य सभा की कार्यवाही की शुरुआत नवनियुक्त सांसदों के शपथ ग्रहण के साथ शुरू हुई. हालांकि सदन की कार्यवाही एक घंटे तक के लिए स्थगित कर दी गई थी. सदन की कार्यवाही 4:40 बजे से दोबारा शुरू हुई.
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राज्यसभा में दिवंगत पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, बेनी प्रसाद वर्मा, अमर सिंह और अजीत जोगी को श्रद्धांजलि दी गई.
कौन हैं फूलो देवी नेताम
छत्तीसगढ़ के पिछड़े और आदिवासी बाहुल्य इलाके बस्तर से आने वाली फूलो देवी नेताम पहले विधायक रह चुकी हैं और मौजूदा समय में छत्तीसगढ़ प्रदेश महिला कांग्रेस की अध्यक्ष भी हैं. वह आदिवासियों के उत्थान और महिला सशक्तिकरण को लेकर हमेशा सक्रिय राजनीति करती रही हैं. वह 2020 में राज्यसभा के लिए कांग्रेस पार्टी से निर्विरोध निर्वाचित होकर ऊपरी सदन में पहुंची हैं.