रायपुर : राजधानी रायपुर के साथ ही प्रदेश के कई जिलों में कोरोना के बढ़ते संक्रमण की वजह से लॉकडाउन किया गया है. रायपुर में भी 22 जुलाई से 6 अगस्त तक लॉकडाउन किया गया है. अति आवश्यक सेवाओं को छोड़कर अन्य सेवाएं पूरी तरह से बंद हैं. लॉकडाउन के कारण पेट्रोल और डीजल के कारोबार पर भी असर पड़ा है. सामान्य दिनों की तुलना में पेट्रोल और डीजल का कारोबार 25% का ही रह गया है. इस कारोबार को सामान्य होने में फिर से 1 महीने का समय लगेगा.
राजधानी समेत रायपुर जिले में करीब 125 पेट्रोल पंप हैं. पूरे छत्तीसगढ़ में 1300 पेट्रोल पंप हैं. राजधानी में लॉकडाउन लगने के बाद से पब्लिक ट्रांसपोर्ट पूरी तरह से बंद होने के कारण पेट्रोल और डीजल का व्यवसाय बुरी तरह प्रभावित हुआ है. राजधानी के एक पेट्रोल पंप में सामान्य दिनों में 4,000 से 4,500 लीटर पेट्रोल और डीजल की खपत हुआ करती थी. लेकिन अब लॉकडाउन लगने के कारण प्रतिदिन एक पेट्रोल पंप में 800 से 1,000 लीटर पेट्रोल और डीजल की बिक्री हो रही है.
पेट्रोल पंप के संचालकों का मानना है कि सड़कों पर वाहनों की आवाजाही भी कम हो गई है. गाड़ियों की आवाजाही कम होने के कारण कोई भी पेट्रोल या डीजल की खरीदी नहीं कर रहे हैं. जिला प्रशासन ने लॉकडाउन की अवधि में पेट्रोल पंप को सुबह 5 बजे से दोपहर 3 बजे तक खोलने की अनुमति दी है.
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पेट्रोल पंप संचालक परेशान
पेट्रोल पंप संचालक यह भी बताते हैं कि सुबह के वक्त कुछ गाड़ियां पेट्रोल पंप में आती हैं. उसके बाद पेट्रोल पंप में सन्नाटा देखने को मिलता है. जिस तरह से लॉकडाउन की अवधि में पेट्रोल और डीजल की बिक्री में गिरावट आई है, उससे लग रहा है कि इस गिरावट को सामान्य होने में फिर से करीब 1 महीने का समय लग सकता है. सामान्य दिनों में पेट्रोल पंप सुबह से लेकर देर रात तक खोलने की अनुमति थी लेकिन लॉकडाउन की वजह से समय को कम कर दिया गया है.