रायपुर: निलंबित आईपीएस जीपी सिंह की याचिका पर गुरुवार को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. उच्च न्यायालय ने दोनों याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से केस डायरी मांगी है. जीपी सिंह ने अंतरिम राहत की मांग अपनी पहली याचिका में की है, उस पर कोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा है. सरकार का जवाब आने के बाद ही अंतरिम राहत को लेकर सुनवाई होगी. मामले की अगली सुनवाई मंगलवार को होगी. याचिका में जीपी सिंह ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया है. उन्होंने एसीबी की कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की है, साथ पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराने की अपील की है.
गुरुवार शाम पुलिस की टीम निलंबित जीपी सिंह के घर पहुंची. कोर्ट से जारी सर्च वारंट लेकर तलाशी के लिए पुलिस पहुंची है. कंप्यूटर समेत जीपी सिंह के घर की तलाशी ली जा रही है. राजपत्रित अधिकारी समेत आधादर्जन से अधिक पुलिस जवान पहुंचे हैं.
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जीपी सिंह के खिलाफ राजद्रोह और आय से अधिक संपत्ति का केस
राजद्रोह और आय से अधिक संपत्ति मामले में निलंबित IPS अफसर जीपी सिंह के खिलाफ कार्रवाई तेज हो गई है. बुधवार को जीपी सिंह के घर से जब्त किए गए दस्तावेज लेने रायपुर पुलिस एसीबी दफ्तर पहुंची. कोतवाली टीआई मोहसिन खान के नेतृत्व में 6 सदस्यीय टीम ने एसीबी दफ्तर पहुंचकर डायरी समेत अन्य दस्तावेजों को लिया. जानकारी के मुताबिक, पुलिस जब्त दस्तावेजों के साथ जीपी सिंह की डायरी के पन्नों की हैंडराइटिंग का मिलान करने की तैयारी कर रही है. इसके तहत पुलिस ने दस्तावेजों को जांच के लिए भेज दिया है.
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जीपी सिंह के घर में भी पुलिस की दबिश
एसीबी के बाद निलंबित आईपीएस अफसर जीपी सिंह के खिलाफ अब पुलिस ने भी कार्रवाई तेज कर दी है. पुलिस ने जीपी सिंह के घर पर भी दबिश दी. इस दौरान एसीबी को जिस जगह से डायरी या अन्य दस्तावेज मिले हैं, पुलिस ने उसका मुआयना किया. वहीं बंगले में मौजूद कर्मचारियों से भी पुलिस ने पूछताछ की, साथ ही निवास पर आने- जाने वाले लोगों के बारे में बारीकी से जानकारियां जुटाई गईं. यही नहीं बल्कि बंगले में बीते कुछ दिनों से जो गाड़ियां आई या गई हैं, उसके नम्बर जुटाने में भी पुलिस लगी हुई है.
सीसीटीवी कैमरे की डीवीआर गायब, पुलिस कर रही तलाश
1 जुलाई को जब जीपी सिंह के बंगले में एसीबी की टीम ने छापेमार कार्रवाई की थी, तो कार्रवाई से पहले बंगले में लगे सीसीटीवी कैमरे की डीवीआर गायब मिलाी. फिलहाल पुलिस को इसकी तलाश है. ACB की टीम ने भी सीसीटीवी का डीवीआर ढूंढने के कोशिश की. पुलिस ने इस दौरान बंगले में मौजूद तमाम कर्मचारियों से भी पूछताछ की, लेकिन डीवीआर का कोई सुराग नहीं मिल पाया.
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जीपी सिंह पर राजद्रोह के साथ बेनामी संपत्ति बनाने का आरोप
एडीजी के पद पर रह चुके निलंबित आईपीएस जीपी सिंह के घर में एसीबी की टीम ने 1 जुलाई को छापेमार कार्रवाई शुरू की थी. इस दौरान जीपी सिंह के घर से 10 करोड़ रुपये से ज्यादा की अनुपातहीन संपत्ति मिली. इसके अलावा एसीबी को जीपी सिंह की एक डायरी भी हाथ लगी है, जिसमें सरकार के खिलाफ षडयंत्र रचने का जिक्र किया गया है. इसके बाद एसीबी की टीम ने कोतवाली थाने में जीपी सिंह के खिलाफ राजद्रोह समेत अन्य मामलों में एफआईआर दर्ज कराई.
जीपी के बंगले के बाहर पुलिस तैनात
निलंबित आईपीएस अफसर जीपी सिंह फरार चल रहे हैं. पुलिस के मुताबिक, जीपी सिंह का आखिरी लोकेशन बिलासपुर में मिला था. एसीबी की कार्रवाई के बाद से बंगले के बाहर दो जवानों की ड्यूटी लगाई गई है, जो 24 घंटे तैनात हैं. इतना ही नहीं पुलिस बल्कि एडीजी बंगले के बाहर से गुजरने वाली गाड़ियों का भी नम्बर नोट कर रही है.
लगातार मिल रही थी शिकायत
जीपी सिंह के खिलाफ आर्थिक अपराध ब्यूरो के कार्यकाल के दौरान डरा-धमकाकर अवैध वसूली के जरिए आय से अधिक संपत्ति रखने की शिकायत मिल रही थी. जिसके आधार पर जांच शुरू की गई. अब तक 10 करोड़ से ज्यादा के अवैध लेनदेन का खुलासा हुआ है. रायपुर, भिलाई, राजनांदगांव और ओडिशा राज्य में बेनामी संपत्तियां अर्जित करने की पुष्टि हुई है.
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करोड़ों की अनुपातहीन अवैध संपति
जांच के दौरान इस बात के पुख्ता प्रमाण मिले हैं कि जीपी सिंह ने अलग-अलग जगहों पर करोड़ों की अनुपातहीन अवैध संपति अर्जित की है. उन्होंने कई बड़े लेन-देन किए हैं. शेल कंपनियों में निवेश करके मनी लॉन्ड्रिंग का प्रयास भी किया है. जीपी सिंह पर एंटी करप्शन ब्यूरो (Anti Corruption Bureau, ACB) और इकॉनॉमिक ऑफेंस विंग (Economic Offenses Wing, EoW) ने शिकंजा कसा था.
1994 बैच के IPS हैं जीपी सिंह
निलंबित गुरजिंदर पाल सिंह 1994 बैच के IPS हैं. प्रदेश के अलग-अलग जिलों में SP भी रह चुके हैं. इसके अलावा बिलासपुर, दुर्ग और रायपुर जिले के IGP भी रह चुके हैं. जीपी सिंह EOW और एंटी करप्शन ब्यूरो के मुखिया भी रह चुके हैं. सरकार ने उन्हें ACB से हटाकर पुलिस अकादमी में पदस्थ किया था. फिलहाल उन्हें सस्पेंड कर दिया गया है.
निलंबित IPS जीपी सिंह का नाता पहले भी विवादों से जुड़ा रहा है. जीपी सिंह साल 2019 में खुद एसीबी के चीफ थे. उन्हें भूपेश सरकार ने 1 साल पहले वहां से हटाकर पुलिस अकादमी भेज दिया था. इसके पहले वे रायपुर, बिलासपुर और दुर्ग रेंज के आईजी भी रह चुके हैं.
विवादों और आरोपों से घिरे रहे हैं जीपी सिंह
निलंबित आईपीएस जीपी सिंह (IPS GP Singh) लगातार विवादों में बने रहे हैं. चाहे बस्तर में गैलेंट्री अवॉर्ड पाने की लालच में ग्रामीणों को नक्सली बताने का मामला हो या फिर बिलासपुर एसपी सुसाइड मामला रहा हो. इसके अलावा आईजी के घर से लूट का सामान जब्त करने सहित खेल संचालक रहते हुए भी इन पर कई तरह के आरोप लगते रहे हैं.
गैलेंट्री अवॉर्ड के लिए ग्रामीणों को बताया नक्सली
निलंबित आईपीएस जीपी सिंह जब बस्तर में एसपी थे, तो उस दौरान वे 100 लोगों को लेकर रायपुर पहुंचे थे. इन सभी को जीपी सिंह ने नक्सली बताया था. बाद में सभी आदिवासी निकले थे. कहते हैं ये सब उन्होंने गैलेंट्री अवॉर्ड पाने के लिए किया था. इस घटना के बाद पुलिस विभाग की काफी किरकिरी हुई थी.
आईजी के घर लूट की रकम बरामद करने साजिश का आरोप
जीपी सिंह जब बस्तर में एसपी थे, तब बस्तर आईजी एमडब्लू अंसारी (Bastar IG MW Ansari) थे. उस दौरान जीपी सिंह और एम डब्लू अंसारी की आपस में नहीं बनती थी. जिसके बाद जीपी सिंह ने अंसारी के बंगले पर छापा मारा था और इस कार्रवाई के दौरान पीएसओ के कमरे से ढाई लाख रुपए भी बरामद किए गए थे. इसके तुरंत बाद जीपी सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि यह ढाई लाख रुपए की रकम लूट की थी. इस कार्रवाई के बाद आईजी एम डब्लू अंसारी का तबादला कर दिया गया था.
विवाद के चलते खेल संचालक पद से हटाए गए थे जीपी सिंह
रमन सिंह के शासनकाल में जीपी सिंह को खेल विभाग का संचालक बनाया गया था. खेल विभाग में भी जीपी सिंह का विवादों से नाता बना रहा. आलम यह था कि जीपी सिंह से रायपुर के तत्कालीन सांसद रमेश बैस (MP Ramesh Bais) खासे नाराज चल रहे थे. इसको लेकर उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह से भी शिकायत की थी और उसके कुछ समय बाद जीपी सिंह को खेल संचालक के पद से हटाते हुए राजकुमार देवांगन को वहां नियुक्त किया गया था.
एसपी राहुल शर्मा सुसाइड मामले से भी जुड़ा रहा जीपी सिंह का विवाद
निलंबित आईपीएस जीपी सिंह जब बिलासपुर के आईजी थे, उस दौरान मार्च 2012 में बिलासपुर एसपी राहुल शर्मा की आत्महत्या का मामला (Bilaspur SP Rahul Sharma suicide case) सामने आया था. इस दौरान एसपी राहुल शर्मा और तत्कालीन आईजी जीपी सिंह के बीच कई बार विवाद की बातें सामने आई थीं. यही नहीं सुसाइड नोट में भी राहुल शर्मा ने तत्कालीन आईजी के द्वारा उन्हें प्रताड़ित करने का भी आरोप लगाया था. हालांकि बाद में जांच के दौरान जीपी सिंह को क्लीन चिट दे दी गई. यहां तक कि उनका प्रमोशन भी कर दिया गया था.