रायपुर: एक तरफ पूरी दुनिया कोरोना महामारी से निपटने वैक्सीन और दवाइयां बनाने में जुटी है तो वहीं दूसरी ओर रायपुर नगर निगम पीलिया और सूअरों से फैलने वाली गंदगी से निपटने के लिए परेशान है. राजधानी के मदर टेरेसा वार्ड, श्याम नगर, मोवा, देवार डेरा तेलीबांधा, गीता नगर उत्कल बस्ती ये ऐसे इलाके हैं जहां बड़ी तादाद में सूअर घूमते नजर आते हैं. यहां के लोगों के लिए ये परेशानी सिरदर्द बन गई है.
सूअर से नहीं मिल पाई निजात
इस समस्या से निपटने पिछली बार भी नगर निगम ने एक अभियान छेड़ने की बात कही थी और इसे लेकर फंड भी जारी किया था. लेकिन लाखों खर्च के बाद भी समस्या जस की तस बनी हुई है. इसकी वजह से वहां रह रहे लोगों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. इसको लेकर यहां के रहवासियों ने हर स्तर पर अपनी बात पहुंचाई, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है.
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सूअर से गर्माई निगम की राजनीति
हाल ही में नगर-निगम चुनाव के दौरान भी ये मुद्दा हावी रहा. लेकिन चुनाव बीतने के साथ ही ये मसला हवा हो गया. महापौर एजाज ढेबर ने 15 दिनों के अंदर रायपुर को सूअर मुक्त बनाने का दावा किया है. ढेबर ने कहा कि पहले बीजेपी की सरकार थी इस वजह से काम पूरा नहीं हो पाया लेकिन अब कांग्रेस की सरकार है जिससे 15 से 20 दिनों में पूरे रायपुर को सूअरमुक्त कर दिया जाएगा. ढेबर ने शहर में घूम रहे आवारा पशुओं के मामले में भी कार्रवाई की बात कही है. बताते चलें कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार बने दो साल हो रहे हैं और नगर निगम में तीन बार से कांग्रेस के ही महापौर हैं. ऐसे में मेयर को ये ध्यान रखना होगा कि वो अपनी जिम्मेदारियों के लिए दूसरों को कैसे जिम्मेदार ठहरा सकते हैं.