रायपुर: कोरोना संक्रमण के दौरान किए गए लॉकडाउन-1 में सभी पब्लिक ट्रांसपोर्ट बंद कर दिए गए थे. जिसके बाद लोगों की जिंदगी मानों थम सी गई थी. धीरे-धीरे ऑनलॉक के बाद पाबंदियों में छूट दी जाने लगी. अब ऐसे कम ही सेक्टर हैं, जिन्हें ऑनलॉक में शामिल नहीं किया गया है, लेकिन कुछ सेक्टर ऐसे हैं जिन्हें शुरू करने की कोशिश विफल साबित हो रही है. इनमें से एक है, पब्लिक ट्रांसपोर्ट सर्विस. सरकार ने ऑटो, बस, और ट्रेनों को शुरू करने की पहल तो की है, लेकिन अब तक ये सेक्टर कोरोना और लॉकडाउन की मार से उबर नहीं सका है. जिसका खामियाजा आम जनता को उठाना पड़ रहा है.
प्रदेश सरकार ने भले ही पाबंदियां हटा ली हैं, लेकिन रह-रह कर जिलों में लॉकडाउन लागू किया जा रहा है. एक जिले से दूसरे जिले जाने के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट का अभाव है, पाबंदियों से राहत देने के बावजूद कोरोना वायरस के प्रभाव के कारण सर्विस पूरी तरह से शुरू नहीं हो सकी है. ऐसे में मजबूर लोगों को पर्सनल व्हीकल का सहारा लेना पड़ रहा है. इससे उनके घर का बजट भी बिगड़ रहा है.
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पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमत
लॉकडाउन और ऑनलॉक की प्रक्रिया के बीच पेट्रोल और डीजल के दाम तेजी से बढ़े हैं. एक वक्त ऐसा भी था जब दोनों के दाम बराबर हो गए थे. इस महंगाई की मार भी आम जनता ही झेल रही है. पेट्रोल और डीजल के दामों में जो इजाफा हुआ है, उसका सीधा असर आज जनता की जेब पर पड़ा है, लोगों का कहना है कि आने वाले वक्त में भी जब पब्लिक ट्रांसपोर्ट दोबारा शुरू किए जाएंगे तो उनके दाम में इजाफा देखने को मिलेगा.
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बता दें कि सरकार ने पहले सिटी बसों को, फिर ऑटो और टैक्सी को, इसके बाद पब्लिक ट्रांसपोर्ट में निजी बस सर्विस को चलाने की इजाजत दी थी, लेकिन कुछ मांगों को लेकर सरकार और निजी बस संचालकों के बीच सहमति नहीं बन पा रही थी. काफी मशक्कत के बाद फिर से सर्विस को शुरू किया जा सका था, लेकिन फिर से लॉकडाउन ने बसों के संचालन को प्रभावित किया है.