रायपुर: कोविड-19 महामारी का दौर और कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए किए गए लॉकडाउन ने बाजार से उसकी रौनक छीन ली थी. इस मुश्किल वक्त में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'आत्मनिर्भर भारत' का नारा देते हुए लोकल के लिए वोकल होने की अपील की थी, जिसका असर दिवाली पर नजर आ रहा है. पिछले कुछ महीनों से लोगों का झुकाव स्वदेशी की तरफ बढ़ा है. यही वजह है कि इस दिवाली लोग चाइनीज सामानों का विकल्प 'मेड इन इंडिया' में खोज रहे हैं. राजधानी रायपुर के लोग सामान खरीदने से पहले 'मेड इन इंडिया' चेक कर रहे हैं.
व्यापारी भी मानते हैं कि कॉम्पिटिशन के इस दौर में हर कोई आगे आना चाहता है. पहले लोग सस्ते दामों पर चाइना के सामानों की खरीदी करते थे, लेकिन अब दुकान पहुंचकर भारत में बने सामान की मांग करते हैं. मोबाइल मार्केट से लगभग 80 प्रतिशत तक मेड इन चाइना की डिमांड कम हुई है. इलेक्ट्रॉनिक सामानों में लाइट, मोबाइल, कैमरे में भी स्वदेशी लोगों की पसंद बन चुका है. बच्चों के खिलौने हों, भगवान की मूर्तियां हों या लाइट वाली झालर अब सबकुछ लोगों को देसी चाहिए.
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भारत में बने पटाखे की डिमांड
चाइनीज पटाखे भी इस दिवाली बुझ गए. लोग भारत में बने पटाखों की डिमांड कर रहे हैं. ग्रीन पटाखों की तरफ भी लोगों का झुकाव है. कंनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के प्रदेश प्रवक्ता राजकुमार राठी ने बताया कि 6 साल में चाइना से 6 लाख करोड़ों रुपए का सामान भारत में आयात हुआ था. लेकिन इस साल भारत का पैसा भारत में रहेगा. व्यापारियों का कहना है कि पहले सस्ते के चक्कर में लोग चीन में बने सामानों को प्राथमिकता देते थे लेकिन इस बार अपने देश में बनी चीजों की तरफ लोगों का झुकाव है.
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भारत में बने सामान की गारंटी
पहले चाइना के मोबाइल बैटरी मोबाइल और केबल की भरमार हुआ करती थी, लेकिन अब ग्राहकों ने इसे नकार दिया है. व्यापारी भी कहते हैं कि कोई भी ग्राहक आता है तो 'मेड इन इंडिया' देखकर ही सामान खरीदता है. बहुत इमरजेंसी में ही लोग चीन का बना सामान ले रहे हैं. ऐसे में काराबारियों ने भी चीन का सामान इस साल अपनी-अपनी दुकानों में कम रखा है. व्यापारी कहते हैं कि चाइना के सामान थोड़े सस्ते जरूर हुआ करता था, लेकिन उनकी गारंटी नहीं होती थी. भारत में बना सामान भले चीन के मुकाबले थोड़ महंगा हो लेकिन उसकी गारंटी है.
इस दिवाली ETV भारत भी आपसे लगातार मिट्टी के दीये और देसी सामान खरीदने की अपील कर रहा है, जिससे मुश्किल वक्त में लोगों की मदद हो सके. आइए मनाएं 'लोकल' वाली, 'वोकल' दिवाली.