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SPECIAL: अब सपनों में नहीं हकीकत में बन रहा अपना घर, ऑफर से आई रियल एस्टेट में खुशहाली

रियल एस्टेट में लंबे लॉकडाउन के बाद बेहतर ऑफर से लोगों का अब अपना मकान बनाने का सपना सच होता दिख रहा है. नई स्कीम और रियायत के बाद अब लोगों को अपने बजट में घर मिल रहा है. देखिये रियल एस्टेट में ईटीवी भारत की विशेष पड़ताल सच होते सपने...

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रियल एस्टेट का बढ़ता ग्राफ
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Published : Oct 5, 2020, 7:40 PM IST

Updated : Oct 6, 2020, 3:20 PM IST

रायपुर: कोविड-19 संक्रमण ने वैसे तो जीवन के हर क्षेत्र को प्रभावित किया है. हर स्तर पर इसका बुरा असर ही देखने को मिला है, लेकिन कुछ क्षेत्रों में अच्छे दिन भी आए हैं. हम बात कर रहे हैं, लोगों के अपने घर की. पहले कई परिवार के घर बनाने का सपना मात्र सपना रह जाता था. कभी बजट की समस्या, कभी जमीन की तो कभी लोकेशन की. इस कारण लोग खुद का घर बनाने के बजाय किराए के मकान में रहना पसंद कर रहे थे या यू कहें तो मजबूरी थी. अब लोगों के खुद का घर का सपना पूरा हो रहा है. इसकी वजह रियल एस्टेट में मिल रहे अच्छे ऑफर हैं, इस कारण लोग किराये के मकान में पैसा बर्बाद करने के बजाए अपने खुद के मकान में पैसा इंवेस्ट कर रहे हैं. ETV भारत ने स्थानीय लोगों के साथ-साथ रियल एस्टेट मार्केट से जुड़े लोगों से इस मुद्दे पर बातचीत की. बातचीत में बात सामने आई है कि रियल एस्टेट मार्केट में भी कम बेनिफिट पर कई तरह के ऑफर ने लोगों को अपने घरों में रहने के लिए आकार्षित किया है.

ऑफर से आई रियल एस्टेट में खुशहाली

छत्तीसगढ़ में कोविड-19 के कारण भले ही दूसरे सेक्टर में नुकसान हुआ हो, लेकिन रियल एस्टेट सेक्टर में कोविड के बाद ट्रेंड चेंज होने लगे हैं. पिछले 3 महीनों में ही रियल एस्टेट मार्केट में फायदे में बताया जा रहा है. हालांकि पुराने ट्रेंड के हिसाब से अब लोग कम बजट में खुद के मकान में रहने पर जोर दे रहे हैं. इसके पीछे कई तरह के कारण देखने को मिल रहे हैं. बैंकों के ब्याज दरों में कमी आने से लोग किराए के मकान की जगह खुद के घर में रहने की चाह रख रहे हैं. छत्तीसगढ़ सरकार में बीते साल ही धान के समर्थन मूल्य पर खरीदी होने के चलते मार्केट में कई सालों से मंदी के हालात झेल रहे रियल एस्टेट को एक ऑक्सीजन दिया था.

घर ऊपर ज्यादा फोकस

रियल एस्टेट से सेक्टर पर लंबे समय से काम कर रहे स्वास्तिक ग्रुप के एमडी सुनील साहू ने ETV भारत को बताया कि सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन का असर भी देखने को मिला है. कोविड-19 की बीमारी ने लोगों को अब अपने घरों की अहमियत को समझा दिया है. यहीं वजह है कि दूर-दराज से आकर नौकरी और छोटे-मोटे बिजनेस करने वाले लोग भी अब कुछ खुद का घर बनाने पर फोकस कर रहे हैं.

पढ़ें : SPECIAL: कोरोना काल में लौह अयस्क के बढ़े दाम, कारोबारियों और बिल्डरों के छूटे पसीने

मिडिल रेंज के कॉलोनियों की बुकिंग
स्वास्तिक ग्रुप के एमडी सुनील साहू के मुताबिक जिस तरह से बीते कुछ सालों में रियल एस्टेट सेक्टर में ट्रेंड रहा है कि लोग लग्जरी, लेट्स और महंगे कॉलोनियों पर ही फोकस कर रहे थे, अब लोग कम खर्चों में अपनी आवश्यकताओं और जीवन को चलाने में फोकस कर रहे हैं. यहीं वजह है कि लोग अब खुद के घरों पर जोर दे रहे हैं. रियल स्टेट सेक्टर में भी महंगे हाउस और महंगे फ्लैट की जगह मिडिल क्लास सेक्टर ही फोकस करते हुए मिडिल रेंज के कॉलोनियों की बुकिंग करवा रहे हैं.

रनिंग प्रोजेक्ट में कई तरह के ऑफर
रियल एस्टेट एक्सपर्ट अंकुर अरोरा कहते हैं कि कोविड-19 में जहां बैंकों में भी कई तरह के ऑफर मिल रहे हैं. ऐसे में रियल एस्टेट कारोबारी भी अपने प्रोजेक्ट को जल्द से जल्द हैंड ओवर करने में जोर दे रहे हैं. यहीं वजह है कि पुराने प्रोजेक्ट को लेकर भी अब इसे जल्द से जल्द कंप्लीट कर हैंडओवर करने के लिए व्यापारियों में तेजी आई है. रनिंग प्रोजेक्ट में रियल एस्टेट के व्यापारी कई तरह के ऑफर और पुराने रेट में भी कई प्रॉपटी बेच रहे हैं. यहीं वजह है कि कोविड-19 दौर में भी लोग कम दामों में अच्छी प्रापर्टी लेने की तरफ रुझान दिख रहा है.

पढ़ें : SPECIAL: छत्तीसगढ़ सरकार के इस फैसले से रियल एस्टेट सेक्टर में जागी उम्मीद

किराये की जगह खुद की प्रॉपर्टी पर रुझान
स्थानीय लोगों का कहना है कि जिस तरह से दूसरे प्रदेश से भी बड़ी संख्या में लोग आकर नौकरी चाकरी और बिजनेस कर रहे हैं. सालों से भी यहां रह कर किराया में ही अपना काम धाम कर रहे थे, लेकिन अब कोविड में जिस तरह से कॉलोनियों में कंटेनमेंट जोन और अन्य तरह की दिक्कतें देखने को मिल रही है ऐसे में अब लोग अपने घरों पर फोकस कर रहे हैं. खास बात यह है बैंक में अब होम लोन भी काफी कम ब्याज पर उपलब्ध हो रहे हैं, ऐसे में घरों के किराया देने की जगह अब खुद के घरों की ईएमआई पटाने में भरोसा कर रहे हैं.

सरकार से मिली छूट

  • 2019-20 में तय गाइडलाइन तहत कीमत में 30% राहत जारी रखने का फैसला
  • मार्च 2021 तक जमीन की सरकारी कीमत में 30% छूट
  • छूट को मई और जून तक बढ़ाया गया
  • बाद में पूरे साल के लिए छूट बढ़ाया गया
  • 75 लाख रुपए तक के मकानों की पंजीयन शुल्क 4 से घटाकर 2 फ़ीसदी
  • साल भर जमीन की कीमतों में वृद्धि नहीं करने का फैसला


आरडीए (रायपुर विकास प्राधिकरण) की प्रॉपर्टी बिक्री 2020

  • फरवरी महीने में आरडीए ने अपने प्रोजेक्ट से 297 यूनिट प्रॉपर्टी बेची. जिसमें 27.48 करोड रुपये की आवक हुई.
  • मार्च महीने में आरडीए ने 198 यूनिट प्रॉपर्टी बेची. जिसमें 19.06 करोड़ रुपये की बिक्री हुई.
  • मई महीने में आरडीए ने 19 यूनिट प्रॉपर्टी बेची जिसमे कुल 4.7 करोड़ रुपये बिक्री हुई.
  • जून महीने में आरडीए ने 11 यूनिट प्रॉपर्टी बेची. जिसमें कुल 6.40 करोड़ रुपये बिक्री हुई है.

रायपुर: कोविड-19 संक्रमण ने वैसे तो जीवन के हर क्षेत्र को प्रभावित किया है. हर स्तर पर इसका बुरा असर ही देखने को मिला है, लेकिन कुछ क्षेत्रों में अच्छे दिन भी आए हैं. हम बात कर रहे हैं, लोगों के अपने घर की. पहले कई परिवार के घर बनाने का सपना मात्र सपना रह जाता था. कभी बजट की समस्या, कभी जमीन की तो कभी लोकेशन की. इस कारण लोग खुद का घर बनाने के बजाय किराए के मकान में रहना पसंद कर रहे थे या यू कहें तो मजबूरी थी. अब लोगों के खुद का घर का सपना पूरा हो रहा है. इसकी वजह रियल एस्टेट में मिल रहे अच्छे ऑफर हैं, इस कारण लोग किराये के मकान में पैसा बर्बाद करने के बजाए अपने खुद के मकान में पैसा इंवेस्ट कर रहे हैं. ETV भारत ने स्थानीय लोगों के साथ-साथ रियल एस्टेट मार्केट से जुड़े लोगों से इस मुद्दे पर बातचीत की. बातचीत में बात सामने आई है कि रियल एस्टेट मार्केट में भी कम बेनिफिट पर कई तरह के ऑफर ने लोगों को अपने घरों में रहने के लिए आकार्षित किया है.

ऑफर से आई रियल एस्टेट में खुशहाली

छत्तीसगढ़ में कोविड-19 के कारण भले ही दूसरे सेक्टर में नुकसान हुआ हो, लेकिन रियल एस्टेट सेक्टर में कोविड के बाद ट्रेंड चेंज होने लगे हैं. पिछले 3 महीनों में ही रियल एस्टेट मार्केट में फायदे में बताया जा रहा है. हालांकि पुराने ट्रेंड के हिसाब से अब लोग कम बजट में खुद के मकान में रहने पर जोर दे रहे हैं. इसके पीछे कई तरह के कारण देखने को मिल रहे हैं. बैंकों के ब्याज दरों में कमी आने से लोग किराए के मकान की जगह खुद के घर में रहने की चाह रख रहे हैं. छत्तीसगढ़ सरकार में बीते साल ही धान के समर्थन मूल्य पर खरीदी होने के चलते मार्केट में कई सालों से मंदी के हालात झेल रहे रियल एस्टेट को एक ऑक्सीजन दिया था.

घर ऊपर ज्यादा फोकस

रियल एस्टेट से सेक्टर पर लंबे समय से काम कर रहे स्वास्तिक ग्रुप के एमडी सुनील साहू ने ETV भारत को बताया कि सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन का असर भी देखने को मिला है. कोविड-19 की बीमारी ने लोगों को अब अपने घरों की अहमियत को समझा दिया है. यहीं वजह है कि दूर-दराज से आकर नौकरी और छोटे-मोटे बिजनेस करने वाले लोग भी अब कुछ खुद का घर बनाने पर फोकस कर रहे हैं.

पढ़ें : SPECIAL: कोरोना काल में लौह अयस्क के बढ़े दाम, कारोबारियों और बिल्डरों के छूटे पसीने

मिडिल रेंज के कॉलोनियों की बुकिंग
स्वास्तिक ग्रुप के एमडी सुनील साहू के मुताबिक जिस तरह से बीते कुछ सालों में रियल एस्टेट सेक्टर में ट्रेंड रहा है कि लोग लग्जरी, लेट्स और महंगे कॉलोनियों पर ही फोकस कर रहे थे, अब लोग कम खर्चों में अपनी आवश्यकताओं और जीवन को चलाने में फोकस कर रहे हैं. यहीं वजह है कि लोग अब खुद के घरों पर जोर दे रहे हैं. रियल स्टेट सेक्टर में भी महंगे हाउस और महंगे फ्लैट की जगह मिडिल क्लास सेक्टर ही फोकस करते हुए मिडिल रेंज के कॉलोनियों की बुकिंग करवा रहे हैं.

रनिंग प्रोजेक्ट में कई तरह के ऑफर
रियल एस्टेट एक्सपर्ट अंकुर अरोरा कहते हैं कि कोविड-19 में जहां बैंकों में भी कई तरह के ऑफर मिल रहे हैं. ऐसे में रियल एस्टेट कारोबारी भी अपने प्रोजेक्ट को जल्द से जल्द हैंड ओवर करने में जोर दे रहे हैं. यहीं वजह है कि पुराने प्रोजेक्ट को लेकर भी अब इसे जल्द से जल्द कंप्लीट कर हैंडओवर करने के लिए व्यापारियों में तेजी आई है. रनिंग प्रोजेक्ट में रियल एस्टेट के व्यापारी कई तरह के ऑफर और पुराने रेट में भी कई प्रॉपटी बेच रहे हैं. यहीं वजह है कि कोविड-19 दौर में भी लोग कम दामों में अच्छी प्रापर्टी लेने की तरफ रुझान दिख रहा है.

पढ़ें : SPECIAL: छत्तीसगढ़ सरकार के इस फैसले से रियल एस्टेट सेक्टर में जागी उम्मीद

किराये की जगह खुद की प्रॉपर्टी पर रुझान
स्थानीय लोगों का कहना है कि जिस तरह से दूसरे प्रदेश से भी बड़ी संख्या में लोग आकर नौकरी चाकरी और बिजनेस कर रहे हैं. सालों से भी यहां रह कर किराया में ही अपना काम धाम कर रहे थे, लेकिन अब कोविड में जिस तरह से कॉलोनियों में कंटेनमेंट जोन और अन्य तरह की दिक्कतें देखने को मिल रही है ऐसे में अब लोग अपने घरों पर फोकस कर रहे हैं. खास बात यह है बैंक में अब होम लोन भी काफी कम ब्याज पर उपलब्ध हो रहे हैं, ऐसे में घरों के किराया देने की जगह अब खुद के घरों की ईएमआई पटाने में भरोसा कर रहे हैं.

सरकार से मिली छूट

  • 2019-20 में तय गाइडलाइन तहत कीमत में 30% राहत जारी रखने का फैसला
  • मार्च 2021 तक जमीन की सरकारी कीमत में 30% छूट
  • छूट को मई और जून तक बढ़ाया गया
  • बाद में पूरे साल के लिए छूट बढ़ाया गया
  • 75 लाख रुपए तक के मकानों की पंजीयन शुल्क 4 से घटाकर 2 फ़ीसदी
  • साल भर जमीन की कीमतों में वृद्धि नहीं करने का फैसला


आरडीए (रायपुर विकास प्राधिकरण) की प्रॉपर्टी बिक्री 2020

  • फरवरी महीने में आरडीए ने अपने प्रोजेक्ट से 297 यूनिट प्रॉपर्टी बेची. जिसमें 27.48 करोड रुपये की आवक हुई.
  • मार्च महीने में आरडीए ने 198 यूनिट प्रॉपर्टी बेची. जिसमें 19.06 करोड़ रुपये की बिक्री हुई.
  • मई महीने में आरडीए ने 19 यूनिट प्रॉपर्टी बेची जिसमे कुल 4.7 करोड़ रुपये बिक्री हुई.
  • जून महीने में आरडीए ने 11 यूनिट प्रॉपर्टी बेची. जिसमें कुल 6.40 करोड़ रुपये बिक्री हुई है.
Last Updated : Oct 6, 2020, 3:20 PM IST
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