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SPECIAL: कोविड-19 के साइड इफेक्ट: कोरोना को मात देने के बाद लोग हो रहे गंभीर बीमारियों का शिकार

छत्तीसगढ़ कोरोना के पीक से गुजर चुका है. लोग कोरोना से स्वस्थ होने के बाद भी अस्वस्थ हैं. चिड़चिड़ाहट, गुस्सा, कमजोरी और मेमोरी लॉस एक बड़ी परेशानी बनकर उभरी है. लोगों में अब भी घबराहट है. लोग सहमे हुए हैं. ऐसे में अब भी लोगों को संभलकर रहने की जरूरत है.

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कोविड-19 के साइड इफेक्ट
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Published : Dec 20, 2020, 8:13 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ कोरोना के पीक से गुजर चुका है. बड़ी संख्या में प्रदेश में ऐसे मरीज हैं, जिन्होंने कोरोना से जंग जीत ली है. अब अपनी जिंदगी पहले की तरह जी रहे हैं, लेकिन कुछ मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. कोरोना से जंग जीतने के बावजूद लोग पहले की तरह अपनी जिंदगी नहीं जी पा रहे हैं.

कोविड-19 के साइड इफेक्ट

पढ़ें: सावधान! कोरोना काल में गुटखा खाकर खुले में थूकना सब के लिए घातक

कोरोना को मात दे चुके मरीजों को हो रही परेशानी

कोविड 19 से जंग जीतने के बावजूद लोगों को एंग्जाइटी की दिक्कत बनी हुई है. इसके अलावा लोगों को ह्रदय, लीवर और ब्रेन फॉगिंग जैसी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. याददाश्त में कमी, चिड़चिड़ापन और कमजोरी बेहद देखने को मिल रही है.

पढ़ें: SPECIAL: कोरोना का साइड इफेक्ट, परिवार नियोजन कार्यक्रम पर लगा ब्रेक!

केस- 1

सुबोध हरितवाल 24 जुलाई को कोरोना पॉजिटिव आए थे. उन्होंने बताया कि पहले की तरह एनर्जी अब उन्हें महसूस नहीं होती. उनके परिवार में उनके अलावा अन्य 9 लोग पॉजिटिव आए थे. सभी में कुछ न कुछ दिक्कतें देखने को मिल रही है. पहले की तरह काम नहीं हो पाता है. हर थोड़ी देर में थकान जैसा महसूस होने लगता है.

केस- 2

रायपुर के उचित शर्मा लगभग 3 महीने पहले कोरोना से संक्रमित हुए थे. उन्होंने बताया कि वह अब पहले जैसा तो महसूस कर रहे हैं, लेकिन उनकी जानकारी में ऐसे कई लोग हैं, जो एंग्जाइटी के इतर कई और अन्य समस्याओं से गुजर रहे हैं. वे लगातार प्रिकॉशंस ले रहे हैं. वे योग भी कर रहे हैं. इसी का नतीजा है कि वह स्वस्थ हैं.

केस -3

राजधानी की मानसी शर्मा कुछ महीनों पहले ही पॉजिटिव आई थी. अब भी कोरोना के कारण होने वाली कमजोरी से जूझ रहीं हैं. वह कहती हैं कि पहले दिन भर काम आसानी से हो जाता था, लेकिन अब थोड़े ही देर में थकान महसूस होने लगती है. इसके अलावा चिड़चिड़ाहट और गुस्सा भी बेहद आता है. अब कोई भी भारी सामान उठाया नहीं जाता. दिन भर काम करना अब लगभग नामुमकिन सा लगने लगा है.

चिड़चिड़ाहट, गुस्सा और कमजोरी बन रही परेशानी

ETV भारत की टीम ने कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर स्मित श्रीवास्तव से भी बात की. वह खुद भी कोरोना पॉजटिव रह चुके हैं. वह एक बार नहीं बल्कि दो-दो बार कोविड-19 के चपेट में आ चुके हैं. उन्होंने कहा कि चिड़चिड़ाहट, गुस्सा, कमजोरी, ग्रीन फॉगिंग, हृदय और लीवर से संबंधित दिक्कतें हो रही हैं. उन्होंने कहा कि कहीं न कहीं लोगों के मन में एक डर है. क्योंकि हम मानसिक रूप से इसके लिए तैयार नहीं थे. इस तरीके की बीमारी से हम डील नहीं कर पा रहे हैं.

स्मित श्रीवास्तव दो बार हुए कोरोना संक्रमित

स्मित श्रीवास्तव ने कहा कि मैं दो बार कोरोना संक्रमित हो चुका हूं. पहली बार होम आइशोलेशन आराम से निकल गया, लेकिन जब दोबारा कोरोना से संक्रमित हुआ, तो बहुत कठिन लगने लगा.

रायपुर: छत्तीसगढ़ कोरोना के पीक से गुजर चुका है. बड़ी संख्या में प्रदेश में ऐसे मरीज हैं, जिन्होंने कोरोना से जंग जीत ली है. अब अपनी जिंदगी पहले की तरह जी रहे हैं, लेकिन कुछ मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. कोरोना से जंग जीतने के बावजूद लोग पहले की तरह अपनी जिंदगी नहीं जी पा रहे हैं.

कोविड-19 के साइड इफेक्ट

पढ़ें: सावधान! कोरोना काल में गुटखा खाकर खुले में थूकना सब के लिए घातक

कोरोना को मात दे चुके मरीजों को हो रही परेशानी

कोविड 19 से जंग जीतने के बावजूद लोगों को एंग्जाइटी की दिक्कत बनी हुई है. इसके अलावा लोगों को ह्रदय, लीवर और ब्रेन फॉगिंग जैसी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. याददाश्त में कमी, चिड़चिड़ापन और कमजोरी बेहद देखने को मिल रही है.

पढ़ें: SPECIAL: कोरोना का साइड इफेक्ट, परिवार नियोजन कार्यक्रम पर लगा ब्रेक!

केस- 1

सुबोध हरितवाल 24 जुलाई को कोरोना पॉजिटिव आए थे. उन्होंने बताया कि पहले की तरह एनर्जी अब उन्हें महसूस नहीं होती. उनके परिवार में उनके अलावा अन्य 9 लोग पॉजिटिव आए थे. सभी में कुछ न कुछ दिक्कतें देखने को मिल रही है. पहले की तरह काम नहीं हो पाता है. हर थोड़ी देर में थकान जैसा महसूस होने लगता है.

केस- 2

रायपुर के उचित शर्मा लगभग 3 महीने पहले कोरोना से संक्रमित हुए थे. उन्होंने बताया कि वह अब पहले जैसा तो महसूस कर रहे हैं, लेकिन उनकी जानकारी में ऐसे कई लोग हैं, जो एंग्जाइटी के इतर कई और अन्य समस्याओं से गुजर रहे हैं. वे लगातार प्रिकॉशंस ले रहे हैं. वे योग भी कर रहे हैं. इसी का नतीजा है कि वह स्वस्थ हैं.

केस -3

राजधानी की मानसी शर्मा कुछ महीनों पहले ही पॉजिटिव आई थी. अब भी कोरोना के कारण होने वाली कमजोरी से जूझ रहीं हैं. वह कहती हैं कि पहले दिन भर काम आसानी से हो जाता था, लेकिन अब थोड़े ही देर में थकान महसूस होने लगती है. इसके अलावा चिड़चिड़ाहट और गुस्सा भी बेहद आता है. अब कोई भी भारी सामान उठाया नहीं जाता. दिन भर काम करना अब लगभग नामुमकिन सा लगने लगा है.

चिड़चिड़ाहट, गुस्सा और कमजोरी बन रही परेशानी

ETV भारत की टीम ने कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर स्मित श्रीवास्तव से भी बात की. वह खुद भी कोरोना पॉजटिव रह चुके हैं. वह एक बार नहीं बल्कि दो-दो बार कोविड-19 के चपेट में आ चुके हैं. उन्होंने कहा कि चिड़चिड़ाहट, गुस्सा, कमजोरी, ग्रीन फॉगिंग, हृदय और लीवर से संबंधित दिक्कतें हो रही हैं. उन्होंने कहा कि कहीं न कहीं लोगों के मन में एक डर है. क्योंकि हम मानसिक रूप से इसके लिए तैयार नहीं थे. इस तरीके की बीमारी से हम डील नहीं कर पा रहे हैं.

स्मित श्रीवास्तव दो बार हुए कोरोना संक्रमित

स्मित श्रीवास्तव ने कहा कि मैं दो बार कोरोना संक्रमित हो चुका हूं. पहली बार होम आइशोलेशन आराम से निकल गया, लेकिन जब दोबारा कोरोना से संक्रमित हुआ, तो बहुत कठिन लगने लगा.

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