रायपुर: गुरुवार को छत्तीसगढ़ सरकार ने मॉल्स, होटल, रेस्टोरेंट और यात्री बसों के आवागमन को मंजूरी दे दी थी. जिसके बाद कारोबारियों ने चैन की सांस ली थी. लेकिन यात्री बसें सरकार के कड़े नियमों को देखते हुए नहीं चलाई गईं. बता दें बस संचालक सरकार की ओर जारी गाइडलाइन के अनुसार बस संचालन नहीं करना चाहते हैं. इसके अलावा बस संचालकों ने सरकार से कुछ मांगे रखी थीं, जिसपर सरकार ने विचार नहीं किया है. ऐसे में बसों के पहिए अब भी थमे हुए हैं.
बता दें कि, राजधानी में पहले से ही नियमों को ध्यान में रखते हुए सिटी बस चलाने की अनुमति शासन ने दे दी थी. बावजूद इसके सिटी बस सड़कों पर बहुत कम नजर आ रही है. बस ड्राइवर और कंडक्टर ने बताया कि नियम इतने सख्त हैं कि, ड्राइवर और कंडक्टर पेट्रोल तक के पैसे नहीं बच पा रहे हैं. जिससे काफी कम सिटी बसें राजधानी में चल रही हैं. प्राइवेट बसों को शासन के बनाए गए नियमों का पालन करते हुए 1 जिले से दूसरे जिले चलाने की अनुमति दे दी गई है.
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बस संचालकों की मांग
- लगातार देश में बढ़ रहे पेट्रोल और डीजल के दामों को देखते हुए संचालकों ने शासन से मांग की है कि यात्रियों के टिकट के मूल्य में भी वृद्धि की जाए.
- संचालकों की मांग है कि, जो बसें संचालित नहीं की जा रही हैं, और जो बसें स्टैंड में खड़ी हैं उन बसों का टैक्स माफ कर दिया जाए.
- संचालकों ने ज्यादा यात्री बैठाने की मांग की है. साथ ही बस स्टॉपेज को भी बढ़ाए जाने की मांग की गई है.
सरकार की गाइडलाइन
- तय समय सीमा में चल सकेंगी बसें.
- अंतर-जिला यात्री बसों का हो सकेगा संचालन.
- सरकार की गाइड लाइन के आधार पर होंगे बसों के फेरे.
- सरकार के आदेश का करना होगा पालन.
- निर्धारित स्टॉपेज पर ही रुकेंगी बसें.
- यात्रा के दौरान बसों के चालक, परिचालक और यात्रियों को चेहरे पर मास्क अनिवार्य.
- सैनिटाइजर और सोशल डिस्टेंसिंग का करना होगा कड़ाई से पालन.
- यात्रा के दौरान यात्रियों, चालकों पर धूम्रपान, पान, गुटखा, खैनी इत्यादि खाना और थूकना प्रतिबंधित रहेगा.
- बसों में सोडियम हाईपोफ्लोराइड जैसे रसायनों का करना होगा छिड़काव.
- यात्रियों के यात्रा का ब्योरा भी बस संचालक को रखना होगा.
- चालक के केबिन में प्रवेश वर्जित होगा.