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मोदी सरकार कर्ज लेकर राज्यों के जीएसटी का करे भुगतान: विकास उपाध्याय - विकास उपाध्याय ने मोदी सरकार पर लगाया आरोप

संसदीय सचिव विकास उपाध्याय गुरुवार को जीएसटी काउंसिल की अहम बैठक में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने कहा कि सभी राज्य अभी आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है. इस कोरोना संकट में मोदी सरकार को कर्ज लेकर राज्यों का जीएसटी भुगतान करना चाहिए.

Parliamentary Secretary Vikas Upadhyay said Modi government should pay GST to states by taking loans
संसदीय सचिव विकास उपाध्याय ने मोदी सरकार पर कसा तंज
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Published : Aug 27, 2020, 9:37 PM IST

रायपुर: संसदीय सचिव विकास उपाध्याय जीएसटी काउंसिल की अहम बैठक में शामिल हुए. जीएसटी काउंसिल की अहम बैठक के बीच उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने केन्द्र सरकार को जीएसटी लागू करने के पहले ही अगाह कर दिया था कि मोदी सरकार नोटबंदी की तरह जीएसटी को भी लागू करने में जल्दबाजी कर रही है. नतीजन मोदी सरकार अपने ही बनाए कानून का आज पालन नहीं कर पा रही है. राज्यों को दिए जाने वाले गुड्स एंड सर्विस टैक्स यानी जीएसटी के लगभग 44 हजार करोड़ रुपये बकाया है.

संसदीय सचिव विकास उपाध्याय ने मोदी सरकार पर कसा तंज

विकास उपाध्याय ने कहा कि मोदी सरकार अपने ही बनाए कानून में घिरती जा रही है. जीएसटी को लेकर राहुल गांधी ने उसी समय केन्द्र सरकार को अगाह कर दिया था कि यह कानून भी जल्दबाजी में लिया गया निर्णय साबित होगा और आज वहीं हो रहा है. केंद्र सरकार की तरफ से राज्यों को दिए जाने वाले गुड्स एंड सर्विस टैक्स यानी जीएसटी के लगभग 44 हजार करोड़ रुपये बकाया है, जिसे मोदी सरकार राज्यों को देने में आनाकानी कर रही है.

पढ़ें: जीएसटी कॉउंसिल की बैठक में मंत्री टीएस सिंहदेव ने स्पष्ट की छत्तीसगढ़ की नीति और अपेक्षाएं

विकास उपाध्याय ने आगे कहा कि गुड्स एंड सर्विस टैक्स कानून के तहत राज्यों को जीएसटी लागू करने के बाद पांच साल तक राजस्व में होने वाले नुकसान के बदले मुआवजा देने का प्रावधान है. ऐसे में राज्यों को मुआवजा नहीं दे पा रही केंद्र सरकार को इस विषय पर आत्ममंथन करने की जरूरत है कि आखिर वह अपने ही बनाए कानून का पालन क्यों नहीं कर पा रही है? जबकि महामारी के इस संकट काल में राज्यों को इस पैसे की जरूरत पहले से कहीं ज्यादा है.

पहले ही जाहिर की थी आपत्ति

विकास उपाध्याय ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी इस बात पर आपत्ति जाहिर की थी कि 11 अगस्त को वित्त मामलों पर संसद की 'स्टैंडिंग कमिटी' के सामने भारत के वित्त सचिव का यह बयान दुर्भाग्यपूर्ण था. उन्होंने आगे कहा कि केंद्र इस स्थिति में नहीं है कि राज्यों को जीएसटी का मुआवजा दे सके. उनका कहना था कि चालू वित्त वर्ष में केंद्र सरकार को जीएसटी का 14 प्रतिशत राज्यों को बतौर मुआवजा देना था, जो अबतक नहीं मिला है.

पढ़ें: अजय चंद्राकर के सवाल पर मंत्री लखमा ने कसा तंज, 'मैं तो पढ़ता नहीं हूं, आप पूरा पढ़ लेना और मुझे भी बताना'

विकास उपाध्याय ने कहा कि बीजेपी शासित राज्य भी जीएसटी मुआवजा की मांग कर रहे हैं. वे भी केन्द्र के इस रवैये के खिलाफ हैं. विकास ने मांग की है कि केन्द्र सरकार कर्ज लेकर राज्यों का भुगतान करे, क्योंकि सभी राज्य आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहे हैं. उन्होंने छत्तीसगढ़ के भाजपा नेताओं को आड़े हाथों लेते हुए कहा है कि केन्द्र सरकार की नाकामी देखकर भी क्यों मूकदर्शक बने हुए हैं.

रायपुर: संसदीय सचिव विकास उपाध्याय जीएसटी काउंसिल की अहम बैठक में शामिल हुए. जीएसटी काउंसिल की अहम बैठक के बीच उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने केन्द्र सरकार को जीएसटी लागू करने के पहले ही अगाह कर दिया था कि मोदी सरकार नोटबंदी की तरह जीएसटी को भी लागू करने में जल्दबाजी कर रही है. नतीजन मोदी सरकार अपने ही बनाए कानून का आज पालन नहीं कर पा रही है. राज्यों को दिए जाने वाले गुड्स एंड सर्विस टैक्स यानी जीएसटी के लगभग 44 हजार करोड़ रुपये बकाया है.

संसदीय सचिव विकास उपाध्याय ने मोदी सरकार पर कसा तंज

विकास उपाध्याय ने कहा कि मोदी सरकार अपने ही बनाए कानून में घिरती जा रही है. जीएसटी को लेकर राहुल गांधी ने उसी समय केन्द्र सरकार को अगाह कर दिया था कि यह कानून भी जल्दबाजी में लिया गया निर्णय साबित होगा और आज वहीं हो रहा है. केंद्र सरकार की तरफ से राज्यों को दिए जाने वाले गुड्स एंड सर्विस टैक्स यानी जीएसटी के लगभग 44 हजार करोड़ रुपये बकाया है, जिसे मोदी सरकार राज्यों को देने में आनाकानी कर रही है.

पढ़ें: जीएसटी कॉउंसिल की बैठक में मंत्री टीएस सिंहदेव ने स्पष्ट की छत्तीसगढ़ की नीति और अपेक्षाएं

विकास उपाध्याय ने आगे कहा कि गुड्स एंड सर्विस टैक्स कानून के तहत राज्यों को जीएसटी लागू करने के बाद पांच साल तक राजस्व में होने वाले नुकसान के बदले मुआवजा देने का प्रावधान है. ऐसे में राज्यों को मुआवजा नहीं दे पा रही केंद्र सरकार को इस विषय पर आत्ममंथन करने की जरूरत है कि आखिर वह अपने ही बनाए कानून का पालन क्यों नहीं कर पा रही है? जबकि महामारी के इस संकट काल में राज्यों को इस पैसे की जरूरत पहले से कहीं ज्यादा है.

पहले ही जाहिर की थी आपत्ति

विकास उपाध्याय ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी इस बात पर आपत्ति जाहिर की थी कि 11 अगस्त को वित्त मामलों पर संसद की 'स्टैंडिंग कमिटी' के सामने भारत के वित्त सचिव का यह बयान दुर्भाग्यपूर्ण था. उन्होंने आगे कहा कि केंद्र इस स्थिति में नहीं है कि राज्यों को जीएसटी का मुआवजा दे सके. उनका कहना था कि चालू वित्त वर्ष में केंद्र सरकार को जीएसटी का 14 प्रतिशत राज्यों को बतौर मुआवजा देना था, जो अबतक नहीं मिला है.

पढ़ें: अजय चंद्राकर के सवाल पर मंत्री लखमा ने कसा तंज, 'मैं तो पढ़ता नहीं हूं, आप पूरा पढ़ लेना और मुझे भी बताना'

विकास उपाध्याय ने कहा कि बीजेपी शासित राज्य भी जीएसटी मुआवजा की मांग कर रहे हैं. वे भी केन्द्र के इस रवैये के खिलाफ हैं. विकास ने मांग की है कि केन्द्र सरकार कर्ज लेकर राज्यों का भुगतान करे, क्योंकि सभी राज्य आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहे हैं. उन्होंने छत्तीसगढ़ के भाजपा नेताओं को आड़े हाथों लेते हुए कहा है कि केन्द्र सरकार की नाकामी देखकर भी क्यों मूकदर्शक बने हुए हैं.

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