रायपुर: संसदीय सचिव विकास उपाध्याय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि किसान और सरकार के बीच शुक्रवार को आठवें दौर की बातचीत के बाद भी कोई नतीजा नहीं निकला. इससे साबित होता है कि मोदी सरकार पूर्ण बहुमत के बाद भी इतनी सक्षम नहीं कि वह दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के आंदोलन खत्म कर सके. विकास उपाध्याय ने तंज कसते हुए कहा कि, हमारे प्रधानमंत्री को देश की चिंता नहीं लेकिन अमेरिका में 4 लोगों के हिंसा में मारे जाने का दुख जरुर है.
विकास उपाध्याय ने कहा कि सरकार के कुछ कानूनी अधिकार होते हैं जिसे चुनौती नहीं दी जा रही है. लेकिन जो कानून गलत है उसका विरोध होना भी जरूरी है. किसान वहीं कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि किसान चाहते हैं कानून वापस हो. सरकार चाहती है संशोधन हो. सरकार ने किसानों की बात नहीं मानी तो किसान भी सरकार की बात नहीं मान रहे हैं. केंद्र सरकार को सोचना चाहिए कि वह किसानों के साथ है कि पूंजीपतियों के साथ.
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चुप हैं प्रधानमंत्री: विकास उपाध्याय
विकास उपाध्याय ने कहा कि नोटबंदी के दौरान सैकड़ों लोग मारे गए पर कालाधन नहीं मिला. जीएसटी के बाद लाखों छोटे उद्योग और दुकानदार बर्बाद हो गए. CAA के विरोध प्रदर्शनों में 200 से ज्यादा लोग मारे गए और इसे अमल में नहीं लाया जा सका. बगैर रणनीति के लॉकडाउन से सैकड़ों गरीब मजदूर सड़कों पर मारे गए. करोड़ों लोग बेरोजगार हो गए. किसान आंदोलन में 50 से ज्यादा किसानों की जान गई. लेकिन देश के प्रधानमंत्री चुप हैं.