ETV Bharat / state

पेरेंट्स बोले- थर्ड वेव के बाद खुलें स्कूल, स्टूडेंट ने कहा- 'हायर सेकेंडरी की लगनी चाहिए क्लास'

छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण (corona infection in chhattisgarh) के मामलों में लगातार कमी आ रही है. कोरोना की वजह से लगभग पिछले डेढ़ साल से स्कूलों में ताला लगा हुआ है. कम हो रहे संक्रमण के बावजूद स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम (School Education Minister Premsai Singh Tekam) ने स्कूल नहीं खोलने का निर्णय लिया है. पेरेंट्स भी थर्ड वेव निकल जाने के बाद ही स्कूल खोलने के पक्ष में हैं. वहीं बच्चे हायर सेकेंडरी स्कूल खोलने का समर्थन कर रहे हैं. बच्चों ने कहा कि हायर सेकेंडरी स्कूल खोली जाए, ताकि पढ़ाई बाधित न हो.

Parents in favor of opening schools after the third wave of Corona
कोरोना की तीसरी लहर के बाद स्कूल खोलने के पक्ष में पेरेंट्स
author img

By

Published : Jun 25, 2021, 11:50 AM IST

Updated : Jun 25, 2021, 1:04 PM IST

रायपुर: कोरोना के कारण लगभग सवा साल से छत्तीसगढ़ में स्कूलों में ताला लगा हुआ है. स्कूल बंद होने से बच्चों की पढ़ाई का भी नुकसान हो रहा है. ऑनलाइन क्लास लग रही हैं, लेकिन सभी छात्रों के पास स्मार्ट फोन नहीं हैं. इधर लगातार प्रदेश में कम होते संक्रमण दर को देखते हुए बच्चे स्कूल खुलने का भी इंतजार कर रहे हैं. हालांकि स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम ने यह साफ कर दिया कि फिलहाल प्रदेश में स्कूलें अभी खोलने का कोई निर्णय नहीं लिया गया है. शिक्षा मंत्री के इस फैसले पर पेरेंट्स भी संतुष्ट नजर आ रहे हैं और थर्ड वेव निकल जाने के बाद ही स्कूल खोलने की बात कह रहे हैं.

स्टूडेंट ने हायर सेकेंडरी स्कूलों को खेलने का किया समर्थन

वहीं बच्चे हायर सेकेंडरी स्कूलों को खोलने के पक्ष में हैं. बच्चों ने कहा कि प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों को अभी बंद रखा जाए. लेकिन हायर सेकेंडरी स्कूलों को खोल देनी चाहिए. जिससे बोर्ड परीक्षा को ध्यान में रखते हुए अच्छे से पढ़ाई कर तैयारी कर सके.

छत्तीसगढ़ में फिलहाल नहीं खोले जाएंगे स्कूल: शिक्षा मंत्री प्रेम साय सिंह टेकाम

थर्ड वेव गुजर जाने के बाद ही खुलने चाहिए स्कूल
पेरेंट्स दिनेश शर्मा ने बताया की डब्ल्यूएचओ ने भी कोरोना की तीसरी लहर (third wave of corona) आने की चेतावनी जारी की है. इसमें सरकार जल्दबाजी ना करें. स्कूल खोलने और बाजारों को पूरी तरह खोलने के लिए अभी लगातार थर्ड वेव चेतावनी आ रही है. खासकर बच्चों के लिए थर्ड वेव में ज्यादा खतरा है. एक बार कोरोना का थर्ड वेव निकल जाना चाहिए. इसके बाद स्कूल खोलने को लेकर कोई डिसीजन सरकार को लेना चाहिए. क्योंकि अगर अचानक से हम स्कूल खोल दें और अगर थर्ड वेव आए जाए तो बच्चे ज्यादा संक्रमित होंगे. बच्चों को लेकर सरकार को रिस्क नहीं लेना चाहिए.

कोरोना की तीसरी लहर के संभावित खतरे को देखते हुए रेणु जोगी ने स्वास्थ्य मंत्री को लिखा पत्र

बच्चे देश का भविष्य, इसे देखते हुए सरकार ले निर्णय
पेरेंट्स स्वाति ने बताया कि थर्ड वेव गुजर जाने के बाद स्कूल को खोलना चाहिए. क्योंकि बच्चे देश का भविष्य है. किसी भी परिवार में अगर बच्चे को कुछ भी होता है तो उससे परिवार को बहुत ज्यादा भावनात्मक प्रभाव पड़ता है. हां यह बात है कि ऑनलाइन क्लासेस से ज्यादा अच्छी पढ़ाई स्कूल में फिजिकल क्लास में होती है. बच्चे उसमें जल्दी और आसानी से सीख लेते हैं. वहीं टीचर और बच्चों का इंटरेक्शन भी इससे ज्यादा होता है, जिसे बच्चे अच्छे से पढ़ते हैं.
छत्तीसगढ़ से सटे राज्यों में मिले डेल्टा प्लस वेरिएंट के मरीज, CMHO मीरा बघेल ने कहा हम तीसरी लहर के लिए तैयार

फिजिकल इंटरेक्शन भी बच्चों के लिए बहुत जरूरी
बच्चों के अच्छे से विकास के लिए फिजिकल इंटरेक्शन होना जरूरी है. इससे बच्चे ज्यादा अच्छे से और जल्दी से समझते हैं. इसके साथ ही बच्चे टीचर से भी ज्यादा अच्छे से कनेक्ट हो पाते हैं. ऑनलाइन क्लासेस से यह मुश्किल होता है. इसमें अपनापन नहीं लगता है. पेरेंट्स यह मानते हैं कि स्कूल खोलना बहुत जरूरी है. लेकिन कोरोना काल एक ऐसी मजबूरी है. जिसने बड़े-बड़े लोगों को घर में बैठा दिया है.बच्चों पर रिस्क लेना हम बिल्कुल जायज नहीं मानेंगे. हम पेरेंट्स सरकार से भी यही निवेदन करते हैं कि स्कूल खोलने के बारे में सरकार थर्ड वेव निकल जाने के बाद ही कुछ सोचे.
तीसरी लहर की तैयारी: बलौदाबाजार में हर दिन 20 हजार को लगेगी कोरोना वैक्सीन, हर ब्लाॅक में 37-37 सेंटर बने

हायर सेकेंडरी की क्लासेस खोल देनी चाहिए
स्टूडेंट अभय राज ने बताया कि में अभी 10th क्लास में गया हूं. अगले साल मेरा बोर्ड है. एक तरह से ऑनलाइन क्लासेज के बहुत सारे एडवांटेजेस है तो दूसरी तरफ इसके बहुत सारे डिसएडवांटेजेस भी है. मुझे लगता है कि 8 क्लास के नीचे सभी क्लासों को अभी नहीं खोलना चाहिए. हालांकि 9 वीं से 12वीं तक की क्लासेस खोल देना चाहिए. हायर क्लासेस में साइंस के प्रैक्टिकल करने होते हैं. अलग-अलग फिजिकल लर्निंग होती है. यह हम ऑनलाइन नहीं कर सकते हैं. जिस कारण बहुत सारी दिक्कतें होती है और एक गैप बन जाता है.

रायपुर: कोरोना के कारण लगभग सवा साल से छत्तीसगढ़ में स्कूलों में ताला लगा हुआ है. स्कूल बंद होने से बच्चों की पढ़ाई का भी नुकसान हो रहा है. ऑनलाइन क्लास लग रही हैं, लेकिन सभी छात्रों के पास स्मार्ट फोन नहीं हैं. इधर लगातार प्रदेश में कम होते संक्रमण दर को देखते हुए बच्चे स्कूल खुलने का भी इंतजार कर रहे हैं. हालांकि स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम ने यह साफ कर दिया कि फिलहाल प्रदेश में स्कूलें अभी खोलने का कोई निर्णय नहीं लिया गया है. शिक्षा मंत्री के इस फैसले पर पेरेंट्स भी संतुष्ट नजर आ रहे हैं और थर्ड वेव निकल जाने के बाद ही स्कूल खोलने की बात कह रहे हैं.

स्टूडेंट ने हायर सेकेंडरी स्कूलों को खेलने का किया समर्थन

वहीं बच्चे हायर सेकेंडरी स्कूलों को खोलने के पक्ष में हैं. बच्चों ने कहा कि प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों को अभी बंद रखा जाए. लेकिन हायर सेकेंडरी स्कूलों को खोल देनी चाहिए. जिससे बोर्ड परीक्षा को ध्यान में रखते हुए अच्छे से पढ़ाई कर तैयारी कर सके.

छत्तीसगढ़ में फिलहाल नहीं खोले जाएंगे स्कूल: शिक्षा मंत्री प्रेम साय सिंह टेकाम

थर्ड वेव गुजर जाने के बाद ही खुलने चाहिए स्कूल
पेरेंट्स दिनेश शर्मा ने बताया की डब्ल्यूएचओ ने भी कोरोना की तीसरी लहर (third wave of corona) आने की चेतावनी जारी की है. इसमें सरकार जल्दबाजी ना करें. स्कूल खोलने और बाजारों को पूरी तरह खोलने के लिए अभी लगातार थर्ड वेव चेतावनी आ रही है. खासकर बच्चों के लिए थर्ड वेव में ज्यादा खतरा है. एक बार कोरोना का थर्ड वेव निकल जाना चाहिए. इसके बाद स्कूल खोलने को लेकर कोई डिसीजन सरकार को लेना चाहिए. क्योंकि अगर अचानक से हम स्कूल खोल दें और अगर थर्ड वेव आए जाए तो बच्चे ज्यादा संक्रमित होंगे. बच्चों को लेकर सरकार को रिस्क नहीं लेना चाहिए.

कोरोना की तीसरी लहर के संभावित खतरे को देखते हुए रेणु जोगी ने स्वास्थ्य मंत्री को लिखा पत्र

बच्चे देश का भविष्य, इसे देखते हुए सरकार ले निर्णय
पेरेंट्स स्वाति ने बताया कि थर्ड वेव गुजर जाने के बाद स्कूल को खोलना चाहिए. क्योंकि बच्चे देश का भविष्य है. किसी भी परिवार में अगर बच्चे को कुछ भी होता है तो उससे परिवार को बहुत ज्यादा भावनात्मक प्रभाव पड़ता है. हां यह बात है कि ऑनलाइन क्लासेस से ज्यादा अच्छी पढ़ाई स्कूल में फिजिकल क्लास में होती है. बच्चे उसमें जल्दी और आसानी से सीख लेते हैं. वहीं टीचर और बच्चों का इंटरेक्शन भी इससे ज्यादा होता है, जिसे बच्चे अच्छे से पढ़ते हैं.
छत्तीसगढ़ से सटे राज्यों में मिले डेल्टा प्लस वेरिएंट के मरीज, CMHO मीरा बघेल ने कहा हम तीसरी लहर के लिए तैयार

फिजिकल इंटरेक्शन भी बच्चों के लिए बहुत जरूरी
बच्चों के अच्छे से विकास के लिए फिजिकल इंटरेक्शन होना जरूरी है. इससे बच्चे ज्यादा अच्छे से और जल्दी से समझते हैं. इसके साथ ही बच्चे टीचर से भी ज्यादा अच्छे से कनेक्ट हो पाते हैं. ऑनलाइन क्लासेस से यह मुश्किल होता है. इसमें अपनापन नहीं लगता है. पेरेंट्स यह मानते हैं कि स्कूल खोलना बहुत जरूरी है. लेकिन कोरोना काल एक ऐसी मजबूरी है. जिसने बड़े-बड़े लोगों को घर में बैठा दिया है.बच्चों पर रिस्क लेना हम बिल्कुल जायज नहीं मानेंगे. हम पेरेंट्स सरकार से भी यही निवेदन करते हैं कि स्कूल खोलने के बारे में सरकार थर्ड वेव निकल जाने के बाद ही कुछ सोचे.
तीसरी लहर की तैयारी: बलौदाबाजार में हर दिन 20 हजार को लगेगी कोरोना वैक्सीन, हर ब्लाॅक में 37-37 सेंटर बने

हायर सेकेंडरी की क्लासेस खोल देनी चाहिए
स्टूडेंट अभय राज ने बताया कि में अभी 10th क्लास में गया हूं. अगले साल मेरा बोर्ड है. एक तरह से ऑनलाइन क्लासेज के बहुत सारे एडवांटेजेस है तो दूसरी तरफ इसके बहुत सारे डिसएडवांटेजेस भी है. मुझे लगता है कि 8 क्लास के नीचे सभी क्लासों को अभी नहीं खोलना चाहिए. हालांकि 9 वीं से 12वीं तक की क्लासेस खोल देना चाहिए. हायर क्लासेस में साइंस के प्रैक्टिकल करने होते हैं. अलग-अलग फिजिकल लर्निंग होती है. यह हम ऑनलाइन नहीं कर सकते हैं. जिस कारण बहुत सारी दिक्कतें होती है और एक गैप बन जाता है.

Last Updated : Jun 25, 2021, 1:04 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.