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छत्तीसगढ़ में इस बार धान की रिकॉर्ड तोड़ खरीदी, क्या कहना है किसान संघ नेताओं का

रायपुर: छत्तीसगढ़ में इस बार धान की रिकॉर्ड तोड़ खरीदी हुई है. प्रदेशभर से मिल रहे आंकड़ों के मुताबिक इस साल 80 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा धान खरीदा गया है. पिछले वर्ष प्रदेशभर में 56.88 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई थी.

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Published : Feb 2, 2019, 11:48 AM IST

paddy purchasing

इस साल करीब 23 लाख मीट्रिक टन ज्यादा धान की खरीदी हुई है. इसके पीछे सरकार द्वारा समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी किए जाने और धान की पिछले साल के मुकाबले अधिक पैदावार को कारण माना जा रहा है.

VIDEO: paddy purchasing in chhattisgarh

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विधानसभा चुनाव के बाद खरीदा गया ज्यादा धान
प्रदेशभर में इस बार 1998 खरीदी केंद्रों के माध्यम से किसानों का धान खरीदा गया है. इस साल विधानसभा चुनाव के बाद धान ज्यादा खरीदा गया है. इसका सीधा मतलब यही है कि किसानों ने बढ़े हुए समर्थन मूल्य का इंतजार करके अपनी फसल की बिक्री की है. जहां तक रायपुर संभाग की बात है तो यहां इस साल 4 लाख 84 हजार मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई है.
प्रदेशभर में इस बार करीब 17 लाख किसानों ने धान बेचा है. धान की बंपर आवक से जहां हर ओर खुशी है वहीं खरीदी केंद्रों से समय रहते इस धान के उठाओ और इसे संग्रहित करना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती है.
बंपर धान खरीदी के बारे में क्या कहते हैं किसान संघ के नेता
इस बार प्रदेश में हुई बंपर धान खरीदी के बारे में किसान संघ के नेताओं की अलग-अलग राय है. कुछ का कहना है कि धान का समर्थन मूल्य बढ़ा है और चुनावी घोषणा पत्र में किसान के हितों में कर्ज माफी जैसे कई कारण हैं, जिसके कारण प्रदेश में धान की बंपर खरीदी हुई है.
किसान संघ के नेता का क्या है कहना
एक अन्य किसान संघ के नेता इसके उलट जवाब दे रहे हैं. उनका कहना है कि महाराष्ट्र झारखंड और ओडिशा जैसे राज्यों के व्यापारियों ने अधिकारियों से मिलीभगत कर छत्तीसगढ़ में अपना धान खरीदी केंद्रों में बेचा है, जिसके कारण प्रदेश में बंपर धान की खरीदी हुई है.

इस साल करीब 23 लाख मीट्रिक टन ज्यादा धान की खरीदी हुई है. इसके पीछे सरकार द्वारा समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी किए जाने और धान की पिछले साल के मुकाबले अधिक पैदावार को कारण माना जा रहा है.

VIDEO: paddy purchasing in chhattisgarh

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विधानसभा चुनाव के बाद खरीदा गया ज्यादा धान
प्रदेशभर में इस बार 1998 खरीदी केंद्रों के माध्यम से किसानों का धान खरीदा गया है. इस साल विधानसभा चुनाव के बाद धान ज्यादा खरीदा गया है. इसका सीधा मतलब यही है कि किसानों ने बढ़े हुए समर्थन मूल्य का इंतजार करके अपनी फसल की बिक्री की है. जहां तक रायपुर संभाग की बात है तो यहां इस साल 4 लाख 84 हजार मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई है.
प्रदेशभर में इस बार करीब 17 लाख किसानों ने धान बेचा है. धान की बंपर आवक से जहां हर ओर खुशी है वहीं खरीदी केंद्रों से समय रहते इस धान के उठाओ और इसे संग्रहित करना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती है.
बंपर धान खरीदी के बारे में क्या कहते हैं किसान संघ के नेता
इस बार प्रदेश में हुई बंपर धान खरीदी के बारे में किसान संघ के नेताओं की अलग-अलग राय है. कुछ का कहना है कि धान का समर्थन मूल्य बढ़ा है और चुनावी घोषणा पत्र में किसान के हितों में कर्ज माफी जैसे कई कारण हैं, जिसके कारण प्रदेश में धान की बंपर खरीदी हुई है.
किसान संघ के नेता का क्या है कहना
एक अन्य किसान संघ के नेता इसके उलट जवाब दे रहे हैं. उनका कहना है कि महाराष्ट्र झारखंड और ओडिशा जैसे राज्यों के व्यापारियों ने अधिकारियों से मिलीभगत कर छत्तीसगढ़ में अपना धान खरीदी केंद्रों में बेचा है, जिसके कारण प्रदेश में बंपर धान की खरीदी हुई है.
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रायपुर छत्तीसगढ़ में इस बार धान की रिकॉर्ड तोड़ खरीदी हुई है प्रदेशभर से मिल रहे आंकड़ों के मुताबिक इस साल 80 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा धान खरीदा गया है गौरतलब है कि पिछले वर्ष प्रदेशभर में 56.88 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई थी यानी इस साल करीब 23 लाख मीट्रिक टन ज्यादा धान की खरीदी हुई है इसके पीछे सरकार द्वारा समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी और धान की पिछले साल के मुकाबले अधिक पैदावार को माना जा रहा है

प्रदेशभर में इस बार 1998 खरीदी केंद्रों के माध्यम से किसानों का धान खरीदा गया है इस वर्ष विधानसभा चुनाव के बाद धान ज्यादा खरीदा गया है इसका सीधा मतलब यही है कि किसानों ने बड़े हुए समर्थन मूल्य का इंतजार करके अपनी फसल की बिक्री की है जहां तक रायपुर संभाग की बात है तो यहां इस साल 4 लाख 84 हजार मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई है

प्रदेशभर में इस बार करीब 17 लाख किसानों ने धान बेचा है धान के बंपर आवक से जहां हर और खुशी है वहीं खरीदी केंद्रों से समय रहते इस धान के उठाओ और इसे संग्रहित करना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती है क्योंकि देखा गया है की धान खरीदी केंद्रों में बारिश और अन्य कारणों से खराब हो जाते हैं इससे सरकार को करोड़ों रुपए का नुकसान होता है

बंपर धान खरीदी के बारे में क्या कहते हैं किसान संघ के नेता
इस बार प्रदेश में हुई बंपर धान खरीदी के बारे में किसान संघ के नेताओं की अलग अलग राय है कुछ का कहना है कि धान का समर्थन मूल्य बढ़ा है और चुनावी घोषणा पत्र में किसान के हितों में कर्ज माफी जैसे कई कारण है जिसके कारण प्रदेश में धान की बंपर खरीदी हुई है वहीं एक अन्य किसान संघ के नेता इसके उलट जवाब दे रहे हैं उनका कहना है कि महाराष्ट्र झारखंड और उड़ीसा जैसे राज्यों के व्यापारियों ने अधिकारियों से मिलीभगत कर छत्तीसगढ़ में अपना धान धान खरीदी केंद्रों में बेचा है जिसके कारण प्रदेश में बंपर धान की खरीदी हुई है

बाइट अशोक साहू नेता किसान संघ
बाइट अनिल दुबे नेता किसान संघ




Body:0102_CG_RPR_RITESH_DHAN KHARIDI_PKG


Conclusion:0102_CG_RPR_RITESH_DHAN KHARIDI_PKG
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