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छत्तीसगढ़ में आज से शुरू होगी धान खरीदी, सरकार पर 'वादा' निभाने का दबाव

छत्तीसगढ़ में धान खरीदी आज से शुरु होगी, लेकिन धान खरीदी को लेकर राज्य और केंद्र में घमासान छिड़ा हुआ है. भूपेश सरकार समर्थन मूल्य को लेकर असमंजस और राजनीति में फंसी हुई है.

आज से शुरू होगी धान खरीदी
आज से शुरू होगी धान खरीदी
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Published : Nov 30, 2019, 11:51 PM IST

रायपुर: समर्थन मूल्य को लेकर असमंजस और राजनीति के बीच छत्तीसगढ़ में आज से धान खरीदी शुरू हो रही है. शासन और प्रशासन ने धान खरीदी को लेकर तैयारियां पूरी होने का दावा किया है. इस साल सरकार ने 85 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा है. सरकार ने किसानों से 25 रुपए समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का वादा किया था लेकिन केंद्र सरकार ने शर्त रख दी कि उसकी ओर से तय किए गए मूल्य से अधिक में धान की खरीदी की गई, तो बोनस की राशि नहीं दी जाएगी.

आज से शुरू होगी धान खरीदी

धान खरीदी को लेकर सड़क से लेकर सदन तक हंगामा हुआ है, लेकिन सबसे ज्यादा अगर कोई परेशान हुआ है तो वो है किसान. छत्तीसगढ़ सरकार धान की 2500 रुपए से कम कीमत करने को लेकर तैयार नहीं है. साथ ही प्रदेश सरकार सेंट्रल पूल से चावल लेने का दबाव भी केंद्र सरकार पर बना रही है. इसको लेकर प्रदेश और केंद्र सरकार के बीच कई दिनों से खींचतान चल रही है.

सड़क से लेकर सदन तक गूंजा मुद्दा
विधानसभा में सरकार को विपक्ष के सवालों और विरोध का सामना करना पड़ा लेकिन सरकार ने साफ किया है कि वो वादे के मुताबिक किसानों को धान का 25 सौ रुपए समर्थन मूल्य देगी. हालांकि केंद्र सरकार के इनकार के बाद प्रदेश सरकार के लिए मुश्किलें बढ़ गई हैं. सबसे बड़ी चुनौती सरकार के सामने अपने वादे को पूरा करने की है, इसके लिए एक कमेटी का गठन किया गया है. इस कमेटी में कृषि मंत्री रविंद्र चौबे, खाद्य मंत्री अमरजीत सिंह, सहकारिता मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम और उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल शामिल किए गए हैं.

मंत्रियों ने कहा- 'निभाएंगे वादा'
सवाल ये उठता है कि ये कमेटी करेगी क्या तो सदन में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, खाद्य मंत्री अमरजीत भगत, कृषि मंत्री अमरजीत भगत ने एक सुर में कहा है कि केन्द्र से तय एमएसपी पर ही धान की खरीदी होगी. 2500 रुपए समर्थन मूल्य पर खरीदी किए जाने के वादे के अनुरूप सरकार ने एक मंत्रीमंडलीय कमेटी के गठन को मंजूरी दी है, जो यह तय करेगी कि अंतर की राशि कैसे किसानों को दी जाए. मतलब सरकार फिलहाल किसानों से 1815 रुपये और 1835 रुपये प्रति क्विंटल की दर से ही धान खरीदेगी. बाकी की राशि किसानों को कैसे और किस रूप में मिलेगी समिति को इसपर ही फैसला लेना है.

किसान हुए परेशान
कुल मिलाकर इस फेर में किसानों को बहुत नुकसान हुआ है. इस विषय पर जमकर राजनीति भी हुई है. भाजपा ने इसे किसानों के साथ धोखा बताया है तो सरकार ने कहा कि अन्नदाता का साथ बीजेपी ने नहीं दिया. सरकार ने भाजपा ने सवाल किया कि क्यों सांसदों ने पीएम नरेंद्र मोदी को इस मसले पर चिट्ठी लिखकर किसानों का साथ नहीं दिया.

रायपुर: समर्थन मूल्य को लेकर असमंजस और राजनीति के बीच छत्तीसगढ़ में आज से धान खरीदी शुरू हो रही है. शासन और प्रशासन ने धान खरीदी को लेकर तैयारियां पूरी होने का दावा किया है. इस साल सरकार ने 85 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा है. सरकार ने किसानों से 25 रुपए समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का वादा किया था लेकिन केंद्र सरकार ने शर्त रख दी कि उसकी ओर से तय किए गए मूल्य से अधिक में धान की खरीदी की गई, तो बोनस की राशि नहीं दी जाएगी.

आज से शुरू होगी धान खरीदी

धान खरीदी को लेकर सड़क से लेकर सदन तक हंगामा हुआ है, लेकिन सबसे ज्यादा अगर कोई परेशान हुआ है तो वो है किसान. छत्तीसगढ़ सरकार धान की 2500 रुपए से कम कीमत करने को लेकर तैयार नहीं है. साथ ही प्रदेश सरकार सेंट्रल पूल से चावल लेने का दबाव भी केंद्र सरकार पर बना रही है. इसको लेकर प्रदेश और केंद्र सरकार के बीच कई दिनों से खींचतान चल रही है.

सड़क से लेकर सदन तक गूंजा मुद्दा
विधानसभा में सरकार को विपक्ष के सवालों और विरोध का सामना करना पड़ा लेकिन सरकार ने साफ किया है कि वो वादे के मुताबिक किसानों को धान का 25 सौ रुपए समर्थन मूल्य देगी. हालांकि केंद्र सरकार के इनकार के बाद प्रदेश सरकार के लिए मुश्किलें बढ़ गई हैं. सबसे बड़ी चुनौती सरकार के सामने अपने वादे को पूरा करने की है, इसके लिए एक कमेटी का गठन किया गया है. इस कमेटी में कृषि मंत्री रविंद्र चौबे, खाद्य मंत्री अमरजीत सिंह, सहकारिता मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम और उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल शामिल किए गए हैं.

मंत्रियों ने कहा- 'निभाएंगे वादा'
सवाल ये उठता है कि ये कमेटी करेगी क्या तो सदन में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, खाद्य मंत्री अमरजीत भगत, कृषि मंत्री अमरजीत भगत ने एक सुर में कहा है कि केन्द्र से तय एमएसपी पर ही धान की खरीदी होगी. 2500 रुपए समर्थन मूल्य पर खरीदी किए जाने के वादे के अनुरूप सरकार ने एक मंत्रीमंडलीय कमेटी के गठन को मंजूरी दी है, जो यह तय करेगी कि अंतर की राशि कैसे किसानों को दी जाए. मतलब सरकार फिलहाल किसानों से 1815 रुपये और 1835 रुपये प्रति क्विंटल की दर से ही धान खरीदेगी. बाकी की राशि किसानों को कैसे और किस रूप में मिलेगी समिति को इसपर ही फैसला लेना है.

किसान हुए परेशान
कुल मिलाकर इस फेर में किसानों को बहुत नुकसान हुआ है. इस विषय पर जमकर राजनीति भी हुई है. भाजपा ने इसे किसानों के साथ धोखा बताया है तो सरकार ने कहा कि अन्नदाता का साथ बीजेपी ने नहीं दिया. सरकार ने भाजपा ने सवाल किया कि क्यों सांसदों ने पीएम नरेंद्र मोदी को इस मसले पर चिट्ठी लिखकर किसानों का साथ नहीं दिया.

Intro:कल से यानि 1 दिसंबर का दिन प्रदेश के किसानों के लिए बेहद खास है. 1 दिसंबर से प्रदेशभर में धान खरीदी की शुरुआत होने जा रही है. खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने धान खरीदी के लिए सभी जरूरी इंतजाम करने के निर्देश दिए है। उन्होने कहा है कि किसानों को किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होनी चाहिए। खरीदी केन्द्रों में पर्याप्त मात्रा में बारदाना उपलब्ध रहना चाहिए। राज्य सरकार द्वारा एक दिसम्बर रविवार के दिन से प्रदेश के सहकारी समितियों के माध्यम से धान खरीदी करने जा रही है.

Body:राज्य के सभी जिलों में धान का उपार्जन छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ (मार्कफेड) द्वारा एवं मक्का का उपार्जन छत्तीसगढ़ स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन लिमिटेड द्वारा किया जाएगा। इस साल धान खरीदी 1995 पुराने और 33 नए धान खरीदी केन्द्रों से होगी यानि प्रदेश में 2027 धान खरीदी केन्द्र बनाए गए है. प्रदेश में 48 मंडियों एवं 76 उपमंडियों के प्रांगण का उपयोग विगत खरीफ विपणन वर्ष के अनुसार धान उपार्जन केन्द्र के लिए किया जाएगा।Conclusion:वर्तमान खरीफ वर्ष 2019-20 में प्रदेश के 19 लाख 56 हजार किसानों ने पंजीयन करा लिया है, जो गत वर्ष पंजीकृत किसानों की संख्या 16 लाख 97 हजार से दो लाख 58 हजार ज्यादा है। राज्य शासन द्वारा खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 के दौरान राज्य के किसानों से नगद व लिंकिंग में धान की खरीदी एक दिसम्बर से 15 फरवरी 2020 तक एवं समर्थन मूल्य पर किसानों से मक्का की खरीदी भी एक दिसम्बर 2019 से 31 मई 2020 तक की जाएगी। खरीफ वर्ष 2019-20 में प्रदेश के किसानों से धान खरीदी की अधिकतम सीमा 15 क्विंटल प्रति एकड़ लिंकिंग सहित निर्धारित की गई है। मक्का खरीदी की अधिकतम सीमा 10 क्विंटल प्रति एकड़ निर्धारित की गई है। खरीफ वर्ष 2019-20 में राज्य के किसानों से 85 लाख मैट्रिक टन धान एवं 5 हजार मैट्रिक टन मक्का का उपार्जन अनुमानित है। वर्ष 2019-20 में मक्का खरीदी की राशि का समस्त भुगतान धान खरीदी के समान ही किसानों के खाते में डिजिटल मोड से किया जाएगा।
इस साल धान भी धान खरीदी को लेकर सियासत गर्म है. जहां राज्य सरकार केन्द्र से धान का समर्थन मूल्य 2500 करने की मांग कर रही है, जिसे नामंजूर कर दिया गया है वहीं विपक्ष ने इसे राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के किसानों से धोखा करार दिया है. इस बीच मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि खरीदी 1815 रुपए प्रति क्विंटल की दर पर होगी बाकी रकम सरकार बोनस के तौर पर देगी इसे किस तरह से दिया जाएगा इसके लिए एक कमेटी गठित की गई है.


नोट

कृपया
धान खरीदी के फाइल शॉट का इस्तेमाल कर ले
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