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धान तिहार: कहीं बारदाने की कमी, कहीं अधूरा चबूतरा निर्माण, कितने हैं तैयार?

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Published : Nov 30, 2020, 7:58 PM IST

एक दिसंबर से छत्तीसगढ़ में धान तिहार शुरू हो रहा है. कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने इस साल ऐतिहासिक धान खरीदी का दावा किया है. इस बार 90 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा गया है. प्राथमिक सोसायटियों का विस्तार किया गया है.

paddy purchase in chhattisgarh
छत्तीसगढ़ में धान खरीदी

रायपुर: एक महीने की देरी, मौसम की मार, बारदाने की कमी और टोकन का इंतजार करते-करते छत्तीसगढ़ के किसान धान खरीदी के लिए तैयार हैं. एक दिसंबर से छत्तीसगढ़ में धान उत्सव शुरू हो रहा है. ETV भारत ने पांचों संभाग और कई जिलों से धान खरीदी केंद्रों और तैयारियों की स्थिति आप तक पहुंचाई है. इस साल बारदाने की कमी सरकार के लिए बड़ी चुनौती साबित हुई. हालांकि नए धान खरीदी केंद्रों से किसानों को सहूलियत भी होगी.

छत्तीसगढ़ में धान खरीदी

कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने इस साल ऐतिहासिक धान खरीदी का दावा किया है. इस बार 90 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा गया है. प्राथमिक सोसायटियों का विस्तार किया गया है. नए खरीदी केंद्र बनाए गए हैं. राज्य में करीब 260 नए धान उपार्जन केंद्र खोले गए हैं. सीमावर्ती जिलों की सीमा से लगे 33 खरीदी केंद्रों में विशेष निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं.

ETV भारत ने लिया जायजा

ETV भारत ने केंद्रों का जायजा लिया तो कहीं शौचालय नहीं मिला, तो कहीं पुराना धान सड़ रहा है. कहीं किसान बेमौसम बारिश की वजह से चिंता में हैं तो कहीं इंतजाम पूरे मिले हैं.

पढ़ें: धान खरीदी: नया कैसे रखेंगे जब केंद्रों में सड़ रहा है पुराना धान, कितना तैयार बिलासपुर ?

राजधानी में दिखे इंतजाम

ETV भारत ने राजधानी के प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति मर्यादित दतरेंगा के धान खरीदी केंद्र का जायजा लिया. धान खरीदी केंद्र में पर्याप्त व्यवस्थाएं हैं. धान के रखने के लिए चबूतरों का निर्माण कराया गया है. सोशल डिस्टेंसिंग और सैनिटाइजेशन की पूरी व्यवस्था की गई है. किसानों के लिए बैठने के लिए शेड की व्यवस्था की गई है और पेयजल के साथ-साथ महिला पुरुषों के लिए शौचालय का निर्माण करवाया गया है.

paddy purchase in Raipur
रायपुर में धान खरीदी के इंतेजाम

बिलासपुर के केंद्र में रखा था पुराना धान

बिलासपुर जिले के मोपका धान संग्रहण केंद्र समेत कई सेंटर में बड़ी समस्या है पुराना और सड़ा धान. ये सड़ा धान, खरीदी केंद्रों में सरकार की पूरी तैयारियों के दावे की पोल खोल रहा है. 27 नवंबर तक जिले के मोपका समेत तमाम धान संग्रहण केंद्रों से पुराने धान का उठाव अबतक नहीं हो पाया था. अकेले मोपका केंद्र में ही 1 लाख 75 हजार क्विंटल धान का उठाव नहीं हो पाया था.

बिलासपुर में केंद्र में रखा था पुराना धान
बिलासपुर में केंद्र में रखा पुराना धान

पढ़ें: SPECIAL: सरकार के ऐतिहासिक धान खरीदी के दावों पर विपक्ष के सवाल, ऐसी हैं तैयारियां

कोरबा में 28 नवंबर तक रही टोकन कटने की समस्या

ETV भारत की टीम ने कोरबा जिला मुख्यालय से करीब 20 किलोमीटर दूर सोनपुरी धान खरीदी केंद्र का जायजा लिया, तब 28 नवंबर तक वहां के फड़ प्रभारी ट्रायल टोकन काट रहे थे. यहां बारदाने की व्यवस्था है. साथ ही कोरोना को देखते हुए सारे इंतजाम किए जाने का दावा किया गया है. खरीदी केंद्रों में सॉफ्टवेयर अपडेट संबंधी जांच अब तक चल रही थी. जिसके कारण 28 नवंबर तक एक भी किसान का टोकन नहीं काटा गया था.

सरगुजा में 27 नवंबर तक महज 60 फीसदी बारदाना हुआ उपलब्ध

ETV भारत ने सरगंवा स्थित नमनाकला धान खरीदी केंद्र में जाकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया तो पाया कि, धान रखने के लिए अतिरिक्त चबूतरे का निर्माण कराया जा रहा था. इसके साथ ही बारदाने और बारिश से धान को बचाने की समिति ने व्यवस्था करने का दावा किया था. सरगुजा में 60 फीसदी बारदाना 27 नवंबर तक उपलब्ध हो पाया था. बदलते मौसम ने समितियों की चिंता बढ़ा रखी थी.

Preparations for bilaspur Paddy Procurement Center
सरगुजा में बारदाने की कमी

पढ़ें: SPECIAL: 60 फीसदी बारदाने और बदलते मौसम के डर के बीच धान खरीदी के लिए कितना तैयार सरगुजा ?

जगदलपुर में धान खरीदी केंद्र में शौचालय नहीं

ETV भारत की टीम ने जब खरीदी केंद्रों की पड़ताल की तो पाया कि कई केंद्रों में शौचालयों का निर्माण नहीं किया गया है. एक-दो जगह पर शेड जरूर बने हैं जहां किसानों की बैठने की व्यवस्था होने की बात कही जा रही है. इसके अलावा कोरोना महामारी को देखते हुए केंद्रों में खास सतर्कता बरतने के आदेश मिलने की बात केंद्रों के प्रभारी बता रहे हैं.

Preparations for Jagdalpur Paddy Procurement Center
जगदलपुर धान खरीदी केंद्र की तैयारियां

कांकेर के कई गांवों में पुल-पुलिया नहीं होने से किसान परेशान हैं. वहीं बीजापुर के इलीमिड़ी में नया खरीदी केंद्र खुलने से किसानों को सहूलियत है. सूरजपुर, गरियाबंद, महासमुंद में किसान टोकन न मिलने से परेशान हुए तो कवर्धा के पंडरिया में रात को ही अन्नदाता लाइन में लगे नजर आए. साल 2020-21 में 21 लाख किसानों ने पंजीयन कराया है. सरकार ने 31 जनवरी तक धान खरीदी के लिए 90 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा है.

रायपुर: एक महीने की देरी, मौसम की मार, बारदाने की कमी और टोकन का इंतजार करते-करते छत्तीसगढ़ के किसान धान खरीदी के लिए तैयार हैं. एक दिसंबर से छत्तीसगढ़ में धान उत्सव शुरू हो रहा है. ETV भारत ने पांचों संभाग और कई जिलों से धान खरीदी केंद्रों और तैयारियों की स्थिति आप तक पहुंचाई है. इस साल बारदाने की कमी सरकार के लिए बड़ी चुनौती साबित हुई. हालांकि नए धान खरीदी केंद्रों से किसानों को सहूलियत भी होगी.

छत्तीसगढ़ में धान खरीदी

कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने इस साल ऐतिहासिक धान खरीदी का दावा किया है. इस बार 90 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा गया है. प्राथमिक सोसायटियों का विस्तार किया गया है. नए खरीदी केंद्र बनाए गए हैं. राज्य में करीब 260 नए धान उपार्जन केंद्र खोले गए हैं. सीमावर्ती जिलों की सीमा से लगे 33 खरीदी केंद्रों में विशेष निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं.

ETV भारत ने लिया जायजा

ETV भारत ने केंद्रों का जायजा लिया तो कहीं शौचालय नहीं मिला, तो कहीं पुराना धान सड़ रहा है. कहीं किसान बेमौसम बारिश की वजह से चिंता में हैं तो कहीं इंतजाम पूरे मिले हैं.

पढ़ें: धान खरीदी: नया कैसे रखेंगे जब केंद्रों में सड़ रहा है पुराना धान, कितना तैयार बिलासपुर ?

राजधानी में दिखे इंतजाम

ETV भारत ने राजधानी के प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति मर्यादित दतरेंगा के धान खरीदी केंद्र का जायजा लिया. धान खरीदी केंद्र में पर्याप्त व्यवस्थाएं हैं. धान के रखने के लिए चबूतरों का निर्माण कराया गया है. सोशल डिस्टेंसिंग और सैनिटाइजेशन की पूरी व्यवस्था की गई है. किसानों के लिए बैठने के लिए शेड की व्यवस्था की गई है और पेयजल के साथ-साथ महिला पुरुषों के लिए शौचालय का निर्माण करवाया गया है.

paddy purchase in Raipur
रायपुर में धान खरीदी के इंतेजाम

बिलासपुर के केंद्र में रखा था पुराना धान

बिलासपुर जिले के मोपका धान संग्रहण केंद्र समेत कई सेंटर में बड़ी समस्या है पुराना और सड़ा धान. ये सड़ा धान, खरीदी केंद्रों में सरकार की पूरी तैयारियों के दावे की पोल खोल रहा है. 27 नवंबर तक जिले के मोपका समेत तमाम धान संग्रहण केंद्रों से पुराने धान का उठाव अबतक नहीं हो पाया था. अकेले मोपका केंद्र में ही 1 लाख 75 हजार क्विंटल धान का उठाव नहीं हो पाया था.

बिलासपुर में केंद्र में रखा था पुराना धान
बिलासपुर में केंद्र में रखा पुराना धान

पढ़ें: SPECIAL: सरकार के ऐतिहासिक धान खरीदी के दावों पर विपक्ष के सवाल, ऐसी हैं तैयारियां

कोरबा में 28 नवंबर तक रही टोकन कटने की समस्या

ETV भारत की टीम ने कोरबा जिला मुख्यालय से करीब 20 किलोमीटर दूर सोनपुरी धान खरीदी केंद्र का जायजा लिया, तब 28 नवंबर तक वहां के फड़ प्रभारी ट्रायल टोकन काट रहे थे. यहां बारदाने की व्यवस्था है. साथ ही कोरोना को देखते हुए सारे इंतजाम किए जाने का दावा किया गया है. खरीदी केंद्रों में सॉफ्टवेयर अपडेट संबंधी जांच अब तक चल रही थी. जिसके कारण 28 नवंबर तक एक भी किसान का टोकन नहीं काटा गया था.

सरगुजा में 27 नवंबर तक महज 60 फीसदी बारदाना हुआ उपलब्ध

ETV भारत ने सरगंवा स्थित नमनाकला धान खरीदी केंद्र में जाकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया तो पाया कि, धान रखने के लिए अतिरिक्त चबूतरे का निर्माण कराया जा रहा था. इसके साथ ही बारदाने और बारिश से धान को बचाने की समिति ने व्यवस्था करने का दावा किया था. सरगुजा में 60 फीसदी बारदाना 27 नवंबर तक उपलब्ध हो पाया था. बदलते मौसम ने समितियों की चिंता बढ़ा रखी थी.

Preparations for bilaspur Paddy Procurement Center
सरगुजा में बारदाने की कमी

पढ़ें: SPECIAL: 60 फीसदी बारदाने और बदलते मौसम के डर के बीच धान खरीदी के लिए कितना तैयार सरगुजा ?

जगदलपुर में धान खरीदी केंद्र में शौचालय नहीं

ETV भारत की टीम ने जब खरीदी केंद्रों की पड़ताल की तो पाया कि कई केंद्रों में शौचालयों का निर्माण नहीं किया गया है. एक-दो जगह पर शेड जरूर बने हैं जहां किसानों की बैठने की व्यवस्था होने की बात कही जा रही है. इसके अलावा कोरोना महामारी को देखते हुए केंद्रों में खास सतर्कता बरतने के आदेश मिलने की बात केंद्रों के प्रभारी बता रहे हैं.

Preparations for Jagdalpur Paddy Procurement Center
जगदलपुर धान खरीदी केंद्र की तैयारियां

कांकेर के कई गांवों में पुल-पुलिया नहीं होने से किसान परेशान हैं. वहीं बीजापुर के इलीमिड़ी में नया खरीदी केंद्र खुलने से किसानों को सहूलियत है. सूरजपुर, गरियाबंद, महासमुंद में किसान टोकन न मिलने से परेशान हुए तो कवर्धा के पंडरिया में रात को ही अन्नदाता लाइन में लगे नजर आए. साल 2020-21 में 21 लाख किसानों ने पंजीयन कराया है. सरकार ने 31 जनवरी तक धान खरीदी के लिए 90 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा है.

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