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छत्तीसगढ़ में बिचौलियों पर लगाम, 31 हजार टन धान जब्त - raipur paddy news

छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से धाने के अवैध परिवहन को रोकने के लिए बिचौलियों पर सख्त कार्रवाई की जा रही है.

Middlemen restrained in Chhattisgarh
छत्तीसगढ़ में बिचौलियों पर लगाम
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Published : Dec 19, 2019, 12:26 PM IST

Updated : Dec 19, 2019, 1:36 PM IST

रायपुरः 15 दिसंबर (आईएएनएस)| छत्तीसगढ़ में समर्थन मूल्य से ज्यादा की दर पर हो रही धान खरीदी का बिचौलिए लाभ उठाने की कोशिश में लगे है, इसे रोकने के लिए सरकार की ओर से सख्त कार्रवाई की जा रही है, इसके चलते अब तक पड़ोसी राज्यों से अवैध तरीके से परिवहन कर लाई गई 31 हजार टन धान पकड़ी गई है, वहीं 280 वाहनों को जब्त किया गया है.

केंद्र सरकार ने सामान्य धान का समर्थन मूल्य 1815 रुपये क्विंटल और ए-ग्रेड का मूल्य 1835 रुपये क्विंटल तय किया है. दूसरी ओर कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव से पहले जनघोषणा पत्र में 2500 रुपये क्विंटल धान खरीदी का वादा किया था. राज्य सरकार केंद्र से लगातार केंद्रीय पूल का धान खरीदी का कोटा बढ़ाने की लंबे अरसे से मांग करती आ रही है, मगर ऐसा नहीं हुआ। इस स्थिति में अब राज्य सरकार पर प्रति क्विंटल पर 685 रुपये और 665 रुपये प्रति क्विंटल का भार आना तय है. सरकार इस वादे को पूरा करने पर कायम रहने की बात कर रही है. खरीदी गए धान की कस्टम मिलिंग के लिए 2 लाख 34 हजार 237 मीटरिक टन का डी.ओ. जारी किया जा चुका है. जारी किए गए डी.ओ. में से 59 हजार 390 टन धान का उठाव मिलरों द्वारा धान खरीदी केन्द्रों से किया जा चुका है.

फिलहाल समर्थन मूल्य पर खरीदी हो रही है, बाद में शेष राशि किसानों के खातों में जमा कराई जाएगी.

देश के अन्य हिस्सों की तुलना में छत्तीसगढ़ में धान का दाम अधिक होने के कारण दूसरे राज्यों से धान लाकर बेचे जाने की आशंका बनी हुई है और उसी के चलते सरकार ने धान के अवैध परिवहन के खिलाफ अभियान चलाया है.
मुख्य सचिव आर.पी. मंडल के अनुसार, शनिवार तक अवैध धान संग्रहण के 2,438 प्रकरणों में 31 हजार 291 टन धान तथा 280 वाहनों की जब्ती की गई है. कुल मिलाकर 2,438 मामले दर्ज किए गए हैं.

राज्य में किसानों द्वारा पंजीकृत रकबे के अनुसार, 15 क्विंटल प्रति एकड़ की मान से धान की खरीदी की जा रही है, इसी के चलते कई कारोबारी और बिचौलिए किसानों के नाम पर दूसरे राज्यों से धान लाकर खपाने की कोशिश में लगे हैं. आधिकारिक तौर पर दावा किया गया है कि अब तक 13 लाख 92 हजार 686 टन धान की खरीदी की गई है। धान बेचने वाले दो लाख 42 हजार 843 किसानों को 1765 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है.

धान खरीदी को लेकर केंद्र और राज्य सरकार के बीच तनातनी चली. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान, नरेंद्र सिंह तोमर को अपनी बात कह चुके हैं, केंद्रीय पूल का धान खरीदी का कोटा बढ़ाने को मंजूरी नहीं मिली.
गौरतलब है कि केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2014 में लिए गए निर्णय के मुताबिक, जो राज्य सरकार किसानों को समर्थन मूल्य पर धान खरीदी पर बोनस देगी उनसे सेंट्रल पूल में चावल नहीं लिया जाएगा. लेकिन इसके बावजूद छत्तीसगढ़ में पूर्व में दो वर्षो में इस प्रावधान को शिथिल कर सेंट्रल पूल में छत्तीसगढ़ से चावल लिया गया। इसे देखते हुए वर्तमान छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा वर्ष 2019-20 में सेंट्रल पूल में प्रधानमंत्री से प्रावधान को शिथिल कर सेंट्रल पूल में छत्तीसगढ़ से 32 लाख मीट्रिक टन चावल लेने का आग्रह किया जाता रहा.

सरकार ने किसानों से वादा किया है कि उन्हें हर हाल में 2,500 रुपये क्विंटल के मान से राशि मिलेगी, अभी समर्थन मूल्य की राशि दी जाएगी, बाद में शेष राशि दिया जाना तय किया है. यह राशि किस तरह दी जाए, इसके अध्ययन के लिए एक समिति बनाई गई है.

पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और भाजपा लगातार बघेल सरकार व कांग्रेस पर हमला कर रही है, वादा खिलाफी के आरोप लगाए जा रहे हैं, उनका आरोप है कि कांग्रेस ने 'शराब बंदी' का वादा किया था जो पूरा नहीं हुआ, उसके लिए समिति बनाई जिसका परिणाम नहीं आया, अब फिर धोखा किया गया है। किसानों से 2,500 रुपये क्विंटल की दर से धान खरीदी का वादा किया और फिर समिति बना दी.

रायपुरः 15 दिसंबर (आईएएनएस)| छत्तीसगढ़ में समर्थन मूल्य से ज्यादा की दर पर हो रही धान खरीदी का बिचौलिए लाभ उठाने की कोशिश में लगे है, इसे रोकने के लिए सरकार की ओर से सख्त कार्रवाई की जा रही है, इसके चलते अब तक पड़ोसी राज्यों से अवैध तरीके से परिवहन कर लाई गई 31 हजार टन धान पकड़ी गई है, वहीं 280 वाहनों को जब्त किया गया है.

केंद्र सरकार ने सामान्य धान का समर्थन मूल्य 1815 रुपये क्विंटल और ए-ग्रेड का मूल्य 1835 रुपये क्विंटल तय किया है. दूसरी ओर कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव से पहले जनघोषणा पत्र में 2500 रुपये क्विंटल धान खरीदी का वादा किया था. राज्य सरकार केंद्र से लगातार केंद्रीय पूल का धान खरीदी का कोटा बढ़ाने की लंबे अरसे से मांग करती आ रही है, मगर ऐसा नहीं हुआ। इस स्थिति में अब राज्य सरकार पर प्रति क्विंटल पर 685 रुपये और 665 रुपये प्रति क्विंटल का भार आना तय है. सरकार इस वादे को पूरा करने पर कायम रहने की बात कर रही है. खरीदी गए धान की कस्टम मिलिंग के लिए 2 लाख 34 हजार 237 मीटरिक टन का डी.ओ. जारी किया जा चुका है. जारी किए गए डी.ओ. में से 59 हजार 390 टन धान का उठाव मिलरों द्वारा धान खरीदी केन्द्रों से किया जा चुका है.

फिलहाल समर्थन मूल्य पर खरीदी हो रही है, बाद में शेष राशि किसानों के खातों में जमा कराई जाएगी.

देश के अन्य हिस्सों की तुलना में छत्तीसगढ़ में धान का दाम अधिक होने के कारण दूसरे राज्यों से धान लाकर बेचे जाने की आशंका बनी हुई है और उसी के चलते सरकार ने धान के अवैध परिवहन के खिलाफ अभियान चलाया है.
मुख्य सचिव आर.पी. मंडल के अनुसार, शनिवार तक अवैध धान संग्रहण के 2,438 प्रकरणों में 31 हजार 291 टन धान तथा 280 वाहनों की जब्ती की गई है. कुल मिलाकर 2,438 मामले दर्ज किए गए हैं.

राज्य में किसानों द्वारा पंजीकृत रकबे के अनुसार, 15 क्विंटल प्रति एकड़ की मान से धान की खरीदी की जा रही है, इसी के चलते कई कारोबारी और बिचौलिए किसानों के नाम पर दूसरे राज्यों से धान लाकर खपाने की कोशिश में लगे हैं. आधिकारिक तौर पर दावा किया गया है कि अब तक 13 लाख 92 हजार 686 टन धान की खरीदी की गई है। धान बेचने वाले दो लाख 42 हजार 843 किसानों को 1765 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है.

धान खरीदी को लेकर केंद्र और राज्य सरकार के बीच तनातनी चली. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान, नरेंद्र सिंह तोमर को अपनी बात कह चुके हैं, केंद्रीय पूल का धान खरीदी का कोटा बढ़ाने को मंजूरी नहीं मिली.
गौरतलब है कि केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2014 में लिए गए निर्णय के मुताबिक, जो राज्य सरकार किसानों को समर्थन मूल्य पर धान खरीदी पर बोनस देगी उनसे सेंट्रल पूल में चावल नहीं लिया जाएगा. लेकिन इसके बावजूद छत्तीसगढ़ में पूर्व में दो वर्षो में इस प्रावधान को शिथिल कर सेंट्रल पूल में छत्तीसगढ़ से चावल लिया गया। इसे देखते हुए वर्तमान छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा वर्ष 2019-20 में सेंट्रल पूल में प्रधानमंत्री से प्रावधान को शिथिल कर सेंट्रल पूल में छत्तीसगढ़ से 32 लाख मीट्रिक टन चावल लेने का आग्रह किया जाता रहा.

सरकार ने किसानों से वादा किया है कि उन्हें हर हाल में 2,500 रुपये क्विंटल के मान से राशि मिलेगी, अभी समर्थन मूल्य की राशि दी जाएगी, बाद में शेष राशि दिया जाना तय किया है. यह राशि किस तरह दी जाए, इसके अध्ययन के लिए एक समिति बनाई गई है.

पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और भाजपा लगातार बघेल सरकार व कांग्रेस पर हमला कर रही है, वादा खिलाफी के आरोप लगाए जा रहे हैं, उनका आरोप है कि कांग्रेस ने 'शराब बंदी' का वादा किया था जो पूरा नहीं हुआ, उसके लिए समिति बनाई जिसका परिणाम नहीं आया, अब फिर धोखा किया गया है। किसानों से 2,500 रुपये क्विंटल की दर से धान खरीदी का वादा किया और फिर समिति बना दी.

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Last Updated : Dec 19, 2019, 1:36 PM IST
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