रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा शीतकालीन सत्र 2021 के तीसरे दिन विपक्ष ने चिटफंड कंपनी के साथ ही धान उठाव और परिवहन पर सरकार को घेरा. पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह ने सरकार की नीति को लेकर भी सवाल पूछे. इसके बाद सदन में अनुपूरक बजट पास हुआ. फिर विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गई है.
रमन सिंह ने पूछे ये सवाल
सवाल 1 - छत्तीसगढ़ में कुल कितने धान उपार्जन केंद्र हैं ?
खरीफ सीजन वर्ष 2020-21 में खरीदे गए धान का माहवार उठाव का विवरण जैसे किन-किन महीनों में कितना कितना धान, राइस मिलरों को दिया गया और कितना कितना धान संग्रहण केंद्र में परिवहनकर्ताओं को भंडारण हेतु दिया गया, जिलेवार विवरण दें ?
सवाल 2 - कितने धान की बिक्री नीलामी के माध्यम से की गई. बिक्री किए गए धान का उठाव कितना हो गया और कितना बाकी है ? जिलेवार विवरण दें ?
सवाल 3 - यदि किसी महीने में धान का उठाव नहीं किया गया तो उस महीने में क्या राइस मिलरों ने धान के उठाव के लिए रूचि नहीं दिखाई या संग्रहण केंद्रों में धान भंडारण की क्षमता से ज्यादा हो गया था ?
खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने दिया जवाब
जवाब 1 - राज्य में खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में कुल 2311 धान उपार्जन केन्द्र संचालित थे. खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में उपार्जित किये गये धान में से कस्टम मिलरों को उपार्जन केन्द्रों से 59.12 लाख टन धान और संग्रहण केन्द्रों से 20.18 लाख में यानी कुल 79.30 लाख मीट्रिक टन धान दिया गया है. परिवहनकर्ताओं को संग्रहण केन्द्रों में धान भण्डारण के लिए 22.38 लाख मीट्रिक टन धान दिया गया है.
जवाब 2 - खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में नीलामी के माध्यम से 8.97 लाख में धान का विक्रय किया गया, जिसमें से 8.96 लाख मीट्रिक टन धान का उठाव किया जा चुका है. 564 मीट्रिक टन धान उठाव बाकी है, जिसके उठाव की कार्रवाई प्रक्रियाधीन है.
जवाब 3 - खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में कस्टम मिलरों द्वारा धान उपार्जन की शुरूआत से ही लगातार धान का उठाव किया गया है. संग्रहण केन्द्रों की भण्डारण क्षमता के मुताबिक ही धान का भण्डारण किया गया था.
धान उपार्जन मामले पर सदन में चर्चा
चर्चा के दौरान अमरजीत भगत के बयान को लेकर विपक्ष ने हंगामा किया. विपक्ष माफी मांगने पर अड़ा रहा. विपक्ष ने नारेबाजी करते हुए गर्भ गृह में प्रवेश भी किया. गर्भ गृह में प्रवेश के कारण विपक्ष के विधायक खुद ही निलंबित हो गए.