रायपुर: विधानसभा के चौथे दिन सदन की कार्यवाही शुरू होते ही शराबबंदी पर जमकर हंगामा हुआ. विधायक प्रमोद कुमार शर्मा ने तिल्दा-नेवरा में खुलेआम शराब बिक्री और उड़नदस्ते दल को लेकर सवाल किया, जिसके बाद शराब को लेकर विपक्ष ने सरकार को घेरा. भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने आरोप लगाया कि, 'प्रदेश में सरकार के संरक्षण में शराब की अवैध बिक्री हो रही है'.
विधायक शर्मा ने मंत्री से पूछा कि, 'उड़नदस्ते पर आरोप सिद्ध होने के बाद उसी जगह चार्ज क्यों दिया जाता है'. आबकारी मंत्री ने इसका जवाब दिया कि कार्रवाई जारी है. विधायक सौरभ सिंह ने कहा कि, 'जांजगीर-चांपा में देसी शराब की बिक्री 20 फीसदी कम हुई है, मैं ये जानना चाहता हूं कि देसी शराब की आपूर्ति कैसे की जा रही है'. उन्होंने कहा कि शराब कहां से आ रही है. उन्होंने कहा कि, 'छत्तीसगढ़ में शराब पीने वालों की संख्या बढ़ रही है तो जिले में पीने वालों की कमी कम कैसे होगी'. सौरभ सिंह ने कहा कि, 'शराब बिना परमिट के बिक रही है, बताएं कि सप्लाई कैसे हो रही है'.
नेता प्रतिपक्ष ने सरकार को घेरा
नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि, 'ऐसी खबरें आती रहती हैं कि छत्तीसगढ़ में दूसरे राज्यों से लाई शराब बिक रही है, जिससे प्रदेश को राजस्व की हानि हो रही है'. उन्होंने कहा कि, 'दो नंबर की शराब दुकानों में बिक रही है, मंत्री इसका जवाब दें'. विपक्षी विधायकों ने कहा कि शराब दुकानों में दो पेटी, दो गल्ले रखे जाते हैं, एक वैध के लिए और एक अवैध के लिए. इस पर कवासी लखमा ने फिर से जांच कराने की बात कही है. अजय चंद्राकर ने कहा कि सरकारी संरक्षण में अवैध शराब की बिक्री हो रही है. उन्होंने सदन की समिति से इसकी जांच कराने की मांग की.
आबकारी मंत्री से सवाल
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि, 'क्या हर जिले की टीम बनाई जाएगी, जो स्टॉक है उसकी जांच की जाएगी, क्या मंत्री आश्वस्त करेंगे कि दुकानों में जाकर चेकिंग होगी'. इस पर सत्ता और विपक्ष में तीखी बहस हुई. इस पर कवासी लखमा ने कहा कि ऐसी जब भी खबरें मिलती हैं, जांच कराई जाती है.
विधायकों ने सदन से किया वॉकआउट
नेता प्रतिपक्ष ने पूछा कि, 'इतना माल कहां से आ रहा है और कैसे खपाया जा रहा है'. धरमलाल कौशिक ने कहा कि, 'सरकार के संरक्षण में अवैध शराब की बिक्री हो रही है. मंत्री जवाब नहीं दे पा रहे हैं'. इसके बाद विधायकों ने सदन से वॉक आउट कर दिया.
कवासी लखमा के जवाब से नहीं संतुष्ट हुए विधायक
इस पर विधायक केशव प्रसाद चंद्रा ने पूछा कि, '2017-18 से 42 और 2018-19 में 47 कंपनियों से शराब खरीदी. जब 77 कंपनी लिस्टेड हैं तो सिर्फ 47 से शराब क्यों खरीदी, इनमें छत्तीसगढ़ की कितनी कंपनी हैं'. इस पर मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि शराब सरकार नहीं कंपनी बेच रही है. इस पर विधायक केशव प्रसाद चंद्रा ने कहा कि मैं सवाल किससे करूं.
मोहम्मद अकबर ने दिया जवाब
इसका जवाब वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने दिया कि डिमांड के हिसाब से शराब मंगाई जाती है. मोहम्मद अकबर ने बताया कि 77 में से 10 कंपनी छत्तीसगढ़ की हैं. केशव प्रसाद चंद्रा ने कहा कि सरकार शराब पर बड़ा खेल-खेल रही है.
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि शराब पर इतनी बहस क्यों, जिस पर विपक्ष के विधायकों ने कहा कि प्रदेश में शराबबंदी हो जाए, तो बहस भी बंद हो जाएगी. अंजय चंद्राकर ने कहा कि सरकार के पास इतना राजस्व आ रहा है कि सरकार आंकड़े भूल गई सिर्फ रुपया लिखा कितना आया ये नहीं लिखा. उन्होंने छत्तीसगढ़ की कंपनियों का सप्लाई का प्रतिशत भी पूछा. मोहम्मद अकबर ने कहा कि मांग के आधार पर सप्लाई होती है.
ननकीराम कंवर ने सवाल पूछा कि सरकार ने नशाबंदी और शराबबंदी का वादा किया, तो पूरा क्यों नहीं किया.