दरअसल, बीते एक माह से प्रदेश में रुके विकास कार्यों को लेकर सदन में विपक्ष ने सरकार पर जमकर हमला बोला. विधानसभा में विपक्ष के नेता धरमलाल कौशिक ने पेयजल की समस्या को लेकर सरकार को घेरा. वहीं पूर्व मंत्री और विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने सदन में विकास कार्य अवरुद्ध होने को लेकर सवाल उठाए. बृजमोहन अग्रवाल ने सीएम भूपेश बघेल से पूछा कि, कितने काम हैं जिनका टेंडर हुआ लेकिन काम रोका गया है?
इधर, कांग्रेस विधायक शिव डहरिया ने विपक्ष के हंगामे पर जवाब देते हुए कहा कि, पूर्व सरकार में पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग में बिना पैसे लिये कोई काम नहीं होता था. जिसपर विपक्ष ने सदन में हंगामा शुरू कर दिया.
इसके बाद विधानसभा सत्र के दूसरे दिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सदन में बड़ा एलान करते हुए जिला खनिज निधि में हुई गड़बड़ियों को लेकर आने वाली शिकायतों की जांच कराने की बात कही. साथ ही उन्होंने कहा कि जांच में दोषी पाए गए लोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी.
दरअसल, प्रश्नकाल के दौरान विधायक लालजीत सिंह राठिया ने डीएमएफ को लेकर सवाल उठाये थे. जिसपर मुख्यमंत्री ने कहा कि, डीएमएफ का उपयोग प्रभावित इलाकों में शुद्ध पेयजल के लिए, स्वास्थ्य सुविधा और बेहतर कनेक्टिविटी के लिए किया जाएगा.