रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के पांचवें दिन की कार्यवाही में धान संग्रहण केन्द्रों से उठाव नहीं हो पाने और इसके चलते धान खराब होने के मुद्दे को लेकर खासतौर पर चर्चा हुई. उपार्जन केंद्रों में धान की बर्बादी के मामले में भाजपा और JCCJ विधायकों ने इसके लिए सरकार को जिम्मेदार मानते हुए जमकर घेरा. इसके बाद अध्यक्ष ने इस मामले में आधा घन्टे चर्चा कराए जाने की व्यवस्था दी.
भाजपा विधायक शिवरतन शर्मा के सवाल पर सहकारिता मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम ने कहा कि उपार्जन केंद्रों में 21 लाख 56 हजार क्विंटल धान उठाव के लिए शेष है. शिवरतन शर्मा ने पूछा कि समय पर धान नहीं उठाने का दोषी कौन है? 72 घंटे के भीतर धान उठाने का नियम है. लेकिन ये नियम तब बना था जब खरीदी कम होती थी. आज 92 लाख मीट्रिक टन खरीदी हुई है. धान का उठाव मिलिंग के लिए होता है. एफसीआई ने साठ लाख मीट्रिक टन चावल की डिमांड की थी लेकिन नहीं लिया.
बीजेपी विधायक शिवरतन शर्मा ने कहा कि उपार्जन केंद्रों में धान नहीं उठाने से सूखत बढ़ रहा है. ये राष्ट्रीय क्षति है. मंत्री कह रहे हैं कि 72 घंटे का नियम है. लेकिन बीते सात महीनों में उठाव नहीं हुआ. परिवहन नहीं होने का दोषी कौन है? सुनियोजित ढंग से उपार्जन केंद्रों से धान रोका गया. इसकी वजह से सारी सहकारी समिति बैठ गई है.
नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने आसंदी से कहा कि आपको इस मामले में हस्तक्षेप करना होगा. इस पर स्पीकर चरणदास महंत ने सहकारिता मंत्री और खाद्य मंत्री को जल्द से जल्द बैठक कर समाधान ढूंढने के निर्देश दिए.
इससे पहले प्रश्नकाल में कांग्रेस विधायक कुलदीप जुनेजा ने पूछा कि राजधानी के 49 हॉस्टलों में से 10 में अतिरिक्त भवन की आवश्यकता है? अगर ऐसा है तो कहां-कहां पर अतिरिक्त भवन के लिए राशि स्वीकृत की गई है? इस दौरान जुनेजा ने शंकर नगर के हॉस्टल में अतिरिक्त कमरा बनाने की मांग और अतिरिक्त कमरे के लिए राशि स्वीकृत करने की मांग की. आदिम जाति विकास मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम ने जवाब देते हुए कहा कि आपका जो प्रस्ताव आया है, उसको देखकर स्वीकृत करवा दिया जाएगा.
छत्तीसगढ़ विधानसभा का मानसून सत्र : अंग्रेजी माध्यम स्कूल और अवैध रेत खनन का मुद्दा गूंजा
कांग्रेस के शैलेश पांडे ने बिलासपुर जिले का मामला उठाया. उन्होंने विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा भूमि आवंटन का मामला उठाते हुए कहा कि मंत्री की घोषणा के बावजूद समाज को जमीन उपलब्ध नहीं कराई गई है. राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने जवाब देते हुए कहा कि1 जनवरी से 15 जून के बीच भूमि आवंटन के लिए 24 समाजों के 25 आवेदन मिले हैं. उन सभी पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है. जिन समाज को जमीन नहीं मिली है, वे सही आवेदन करें. उन्हें जमीन दी जाएगी.
जेसीसीजे विधायक धरमजीत सिंह ने शिक्षा के अधिकार कानून के तहत स्कूलों में बच्चों के प्रवेश के लक्ष्य पर सवाल किया. उन्होंने पूछा कि RTE के तहत 2019 से 2022 तक कितने बच्चों का प्रवेश का लक्ष्य रखा गया है. अबतक कितनों को प्रवेश दिया गया ? अल्पसंख्यक वर्ग के द्वारा संचालित निजी स्कूलों के लिए क्या RTE लागू होता है ? अल्पसंख्यक वर्ग के लिए प्रदेश में कौन-कौन से स्कूल संचालित हैं और यह स्कूल कहां कहां चल रहे हैं? इन स्कूलों में अल्पसंख्यक बच्चों के प्रवेश के लिए कितनी सीट आरक्षित है?
इस सवाल का शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम ने आकड़ों के साथ जवाब दिया. साल 2019-20 में 81242 आरक्षित सीट रही, जिसमें 48167 बच्चों को प्रवेश मिला. साल 2020-21 के लिये आरक्षित सीटें 81242 थी, जिसमें 52689 बच्चों को प्रवेश मिला. साल 2021-22 के लिए आरक्षण में 2246 सीटें बढ़ाई गई.
आरक्षण की कुल सीटों की संख्या 83688 हुई, जिसके लिए प्रवेश की प्रक्रिया चल रही है. जबकि अल्पसंख्यक वर्ग की संस्थाओं में यह प्रक्रिया लागू नहीं होती. क्योंकि कानून में इसका प्रावधान नहीं है. इसलिए प्रश्न का पूरा उत्तर नहीं दिया जा सकता.
प्रश्नकाल में अरपा भैंसाझार प्रोजेक्ट की जमीन अधिग्रहण का मामला भी गूंजा. पूर्व CM डॉ रमन ने स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल के सेटअप के संबंध में सवाल पूछा. इसके बाद नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने रेत माफियाओं को लेकर स्थगन प्रस्ताव लाया. उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में रेत को लेकर हाहाकार है. स्थिति यह है कि रेत माफियाओं को लेकर अधिकारी भी लाचार हैं. आज भी नदियों में गाड़ियां लगी हुई है. अध्यक्ष ने स्थगन प्रस्ताव को नामंजूर कर दिया.
उत्कृष्ट विधायकों और पत्रकारों का सम्मान
विधानसभा में उत्कृष्ट विधायकों और पत्रकारों का सम्मान समारोह आयोजित किया गया. राज्यपाल अनुसुइया उइके ने विधायकों और पत्रकारों का सम्मान किया. साल 2019 के लिए दुर्ग विधायक अरुण वोरा और अकलतरा विधायक सौरभ सिंह को सम्मानित किया गया. जबकि साल 2020 के लिए रायपुर उत्तर के विधायक कुलदीप जुनेजा और जांजगीर विधायक नारायण चंदेल को सम्मानित किया गया. साल 2019 के लिए पत्रकार सुरेन्द्र शुक्ला, मोहन तिवारी और दीपक साहू़, साल 2020 के लिए पत्रकार स्व. राजा दास, आर के गांधी और दिलीप सिन्हा को सम्मानित किया गया.