ETV Bharat / state

विपक्ष के नेताओं ने शून्यकाल में उठाया धान का रकबा कम किए जाने का मामला

छत्तीसगढ़ विधानसभा में धान खरीदी के मुद्दे पर जमकर गहमागहमी हुई. विपक्ष के नेताओं ने धान का रकबा कम किए जाने का मामला शून्यकाल में उठाया. साथ ही विपक्ष ने वॉकआउट करके विधानसभा परिसर में गांधी प्रतिमा के नीचे धरना प्रदर्शन भी किया.

Opposition leaders raised the issue of reducing paddy acreage in zero hours
विपक्ष के नेताओं ने किया धरना प्रदर्शन
author img

By

Published : Nov 29, 2019, 7:33 AM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा में धान खरीदी के मुद्दे पर गुरुवार को एक बार फिर जमकर गहमा-गहमी हुई. विपक्ष के नेताओं ने धान का रकबा कम किए जाने का मामला शून्यकाल में उठाया. साथ ही इस पर स्थगन कर चर्चा की मांग रखी.

विधानसभा परिसर में गांधी प्रतिमा के नीचे धरना प्रदर्शन

विपक्ष के नेताओं ने किया वॉक आउट

खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि रकबा में कटौती का कोई निर्देश सरकार ने नहीं दिया है. इस जवाब के बाद विधानसभा अध्यक्ष चंरणदास महंत ने स्थगन प्रस्ताव अग्राह कर दिया. इस पर भाजपा नेताओं ने आपत्ति जताई है. जिसपर विधानसभा में जमकर हंगामा होने लगा. इसके बाद विपक्ष ने वॉक आउट करके विधानसभा परिसर में गांधी प्रतिमा के नीचे धरना प्रदर्शन भी किया.

विपक्ष का कहना था कि यह गंभीर मामला है, किसानों की हित से जुड़े इस मामले पर चर्चा की जानी चाहिए. शोर शराबे के बीच सदन की कार्यवाही पांच मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी.

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कांग्रेस अपनी घोषणा पत्र को पूरा करे

नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि स्थगन लाकर धान खरीदी पर सरकार से चर्चा करना चाह रहे थे. यहां हमने जानना चाहा कि रकबे में कटौती हुई है. यह किसानों के साथ अन्याय है, इस पर हमें आश्वासन मिला है कि रकबे में कटौती नहीं होगी. आज समय पर धान खरीदी शुरू नहीं होने की वजह से किसान धान को यहां-वहां बेचने के लिए मजबूर हैं. उन्होंने यह भी कहा कि वे किसानों के साथ थे और हमेशा रहेंगे. वहीं उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस अपनी जन घोषणा पत्र को पूरा करे, उसमें हीला-हवाला न करे.

कटौती करने का कोई निर्देश नहीं दिया गया है-खाद्य मंत्री

इसका जवाब देते हुए खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि रकबे में अनावश्यक कटौती करने का कोई निर्देश जिला कलेक्टरों को नहीं दिया गया है. रकबा संशोधन के निर्देश दिए गए हैं. जिसमें 27 लाख 23 हजार हेक्टेयर रकबा पंजीकृत है. वहीं एक लाख 62 हजार हेक्टेयर रकबे की बढ़ोतरी हुई है. जिसपर शासन ने जिला कलेक्टरों, पुलिस अधीक्षकों और डीएफओ को सीमावर्ती राज्यों से अवैध धान रोकने के निर्देश दिए हैं.

खाद्य मंत्री ने दी जानकारी

खाद्य मंत्री ने कहा कि कृषि उपज की स्टॉक सीमा चार क्विंटल से बढ़ाकर दस क्विंटल किए जाने की घोषणा सरकार ने की है. उन्होंने बताया कि किसानों के बोये गए फसलों की पुष्टि भुइयां सॉफ्टवेयर से की गई है. जिसमें एक करोड़ 80 लाख कृषि भूमि में फसलों की जानकारी ऑनलाइन है.

पढ़े: अमित जोगी ने की एयरपोर्ट में छत्तीसगढ़ी में एनाउंसमेंट की मांग, डायरेक्टर को लिखा पत्र

ऐसे में एक बार फिर से धान खरीदी समय से शुरू न होने को लेकर विपक्ष ने सत्ता पक्ष को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ी. सड़क पर विरोध करने के बाद सदन में भी विपक्ष ने धान खरीदी के मामले में सत्ता पक्ष को निशाने पर लिया है.

रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा में धान खरीदी के मुद्दे पर गुरुवार को एक बार फिर जमकर गहमा-गहमी हुई. विपक्ष के नेताओं ने धान का रकबा कम किए जाने का मामला शून्यकाल में उठाया. साथ ही इस पर स्थगन कर चर्चा की मांग रखी.

विधानसभा परिसर में गांधी प्रतिमा के नीचे धरना प्रदर्शन

विपक्ष के नेताओं ने किया वॉक आउट

खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि रकबा में कटौती का कोई निर्देश सरकार ने नहीं दिया है. इस जवाब के बाद विधानसभा अध्यक्ष चंरणदास महंत ने स्थगन प्रस्ताव अग्राह कर दिया. इस पर भाजपा नेताओं ने आपत्ति जताई है. जिसपर विधानसभा में जमकर हंगामा होने लगा. इसके बाद विपक्ष ने वॉक आउट करके विधानसभा परिसर में गांधी प्रतिमा के नीचे धरना प्रदर्शन भी किया.

विपक्ष का कहना था कि यह गंभीर मामला है, किसानों की हित से जुड़े इस मामले पर चर्चा की जानी चाहिए. शोर शराबे के बीच सदन की कार्यवाही पांच मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी.

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कांग्रेस अपनी घोषणा पत्र को पूरा करे

नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि स्थगन लाकर धान खरीदी पर सरकार से चर्चा करना चाह रहे थे. यहां हमने जानना चाहा कि रकबे में कटौती हुई है. यह किसानों के साथ अन्याय है, इस पर हमें आश्वासन मिला है कि रकबे में कटौती नहीं होगी. आज समय पर धान खरीदी शुरू नहीं होने की वजह से किसान धान को यहां-वहां बेचने के लिए मजबूर हैं. उन्होंने यह भी कहा कि वे किसानों के साथ थे और हमेशा रहेंगे. वहीं उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस अपनी जन घोषणा पत्र को पूरा करे, उसमें हीला-हवाला न करे.

कटौती करने का कोई निर्देश नहीं दिया गया है-खाद्य मंत्री

इसका जवाब देते हुए खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि रकबे में अनावश्यक कटौती करने का कोई निर्देश जिला कलेक्टरों को नहीं दिया गया है. रकबा संशोधन के निर्देश दिए गए हैं. जिसमें 27 लाख 23 हजार हेक्टेयर रकबा पंजीकृत है. वहीं एक लाख 62 हजार हेक्टेयर रकबे की बढ़ोतरी हुई है. जिसपर शासन ने जिला कलेक्टरों, पुलिस अधीक्षकों और डीएफओ को सीमावर्ती राज्यों से अवैध धान रोकने के निर्देश दिए हैं.

खाद्य मंत्री ने दी जानकारी

खाद्य मंत्री ने कहा कि कृषि उपज की स्टॉक सीमा चार क्विंटल से बढ़ाकर दस क्विंटल किए जाने की घोषणा सरकार ने की है. उन्होंने बताया कि किसानों के बोये गए फसलों की पुष्टि भुइयां सॉफ्टवेयर से की गई है. जिसमें एक करोड़ 80 लाख कृषि भूमि में फसलों की जानकारी ऑनलाइन है.

पढ़े: अमित जोगी ने की एयरपोर्ट में छत्तीसगढ़ी में एनाउंसमेंट की मांग, डायरेक्टर को लिखा पत्र

ऐसे में एक बार फिर से धान खरीदी समय से शुरू न होने को लेकर विपक्ष ने सत्ता पक्ष को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ी. सड़क पर विरोध करने के बाद सदन में भी विपक्ष ने धान खरीदी के मामले में सत्ता पक्ष को निशाने पर लिया है.

Intro:cg_rpr_02_bjp_on_dhan_kharidi_vidhansabha_sthagan_pkg_7203517


छत्तीसगढ़ विधानसभा में धान खरीदी के मुद्दे पर आज एक बार फिर जमकर गहमागहमी हुई। विपक्ष के नेताओं ने धान का रकबा कम किये जाने का मामला शून्यकाल में उठाया। इस पर स्थगन कर चर्चा की मांग रखी। खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि रकबा में कटौती का कोई निर्देश सरकार ने नहीं दिया है। सरकार के इस जवाब के बाद विधानसभा अध्यक्ष चंरणदास महंत ने स्थगन प्रस्ताव अग्राह्य कर दिया। इस पर भाजपा नेताओं ने जताई आपत्ति। विधानसभा में जमकर हंगामा होने लगा। विपक्ष ने वाक आउट करके विधानसभा परिसर में गांधी प्रतिमा के निचे धरना दिया। विपक्ष का कहना था कि यह गंभीर मामला है, किसानों की हित से जुड़े इस मामले पर चर्चा की जानी चाहिए।शोर शराबे के बीच सदन की कार्यवाही पांच मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी।
Body:Vo 1

छत्तीसगढ़ विधानसभा में धान खरीदी को लेकर जमकर हंगामा हुआ। विपक्ष ने विपक्ष ने वाक आउट करके विधानसभा परिसर में गांधी प्रतिमा के नीचे धरना दिया। विपक्ष का कहना था कि यह गंभीर मामला है, किसानों की हित से जुड़े इस मामले पर चर्चा की जानी चाहिए।शोर शराबे के बीच सदन की कार्यवाही पांच मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी. विपक्ष का कहना था कि यह गंभीर मामला है, किसानों की हित से जुड़े इस मामले पर चर्चा की जानी चाहिए।शोर शराबे के बीच सदन की कार्यवाही पांच मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि हम स्थगन लाकर धान खरीदी पर सरकार से चर्चा करना चाह रहे थे। यहाँ हमने जानना चाहा कि रकबे में कटौती हुई है यह किसानों के साथ अन्याय है, इस पर हमें आश्वासन मिला है कि रकबे में कटौती नही होगी। आज समय मे धान खरीदी शुरू नही होने जे चलते किसान धान लेकर यहां वहां बेचने मजबूर है, हम किसानों के साथ थे और रहेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस अपनी जन घोषणा पत्र को पूरा करे उसमें हीला हवाला ना करे

बाईट धरमलाल कौशिक, नेता प्रतिपक्ष

वीओ 2

इसका जवाब देते हुए खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने इस पर कहा कि रकबे में अनावश्यक कटौती करने कोई निर्देश जिला कलेक्टरों को नहीं दिया गया है। रकबा संशोधन के निर्देश दिए गए हैं। 27 लाख 23 हजार हेक्टेयर रकबा पंजीकृत है। एक लाख 62 हजार हेक्टेयर रकबे की बढ़ोतरी हुई है। जिला कलेक्टरों, पुलिस अधीक्षकों और डीएफओ को सीमावर्ती राज्यों से अवैध धान रोकने के निर्देश शासन ने दिए हैं। बड़ी तादाद में धान की जप्ती बनाई गई है। किसानों के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की गई है। कृषि उपज की स्टॉक सीमा चार क्विटल से बढ़ाकर दस क्िवटल किये जाने की घोषणा सरकार ने की है। किसान द्वारा बोए गए फसल की पुष्टि भुइयां सॉफ्टवेयर से की गई है। एक करोड़ 80 लाख कृषि भूमि में फसलों की जानकारी ऑनलाइन है।

बाईट- अमरजीत भगत, खाद्य मंत्री

Conclusion:Fvo
ऐसे में एक बार फिर से धान खरीदी समय से शुरू ना होने को लेकर विपक्ष को सत्ता पक्ष को घेंरने में कोई कसर नही छोड़ी है। सड़क से विरोध करने के बाद अब सदन में भी विपक्ष ने धान खरीदी के मामले में सत्ता पक्ष को निशाने पर लिया है। किसानों के हमदर्दी दिखाने अब राजनीतिक दल कोई कसर नही छोड़ रही है।

मयंक ठाकुर, ईटीवी भारत, रायपुर
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.