रायपुर: इन दिनों छत्तीसगढ़ में शराब पर घमासान मचा हुआ है. शराबबंदी को लेकर राजनीति तो चल ही रही थी कि इसी बीच 2 हजार करोड़ के शराब घोटाले का मामला भी उफान पर है. ऐसे में ईटीवी भारत की टीम ने रायपुर के शराब प्रेमियों की राय जानने की कोशिश की.
दुकान बंद होगी तभी छोड़ेंगे शराब: ईटीवी से बातचीत के दौरान एक शराब प्रेमी ने कहा कि " प्रदेश में शराबबंदी होनी चाहिए. यदि शराब की दुकानें बंद हो जाएगी तो हम खुद ब खुद शराब छोड़ देंगे. दुकान ही नहीं रहेगी तो हम शराब पिएंगे कहां से? इसलिए पहले दुकान बंद होनी चाहिए.
अलग-अलग लोगों की अलग-अलग राय: रायपुर की दुकानों में शराब खरीदने आए लोगों में कुछ तो शराब बंदी का विरोध करते नजर आए तो किसी ने शराब बंद न करने की बात कही. सभी के राय अलग दिखे. इस बीच कई लोगों में आबकारी मंत्री कवासी लखमा द्वारा महुआ शराब पीने की सलाह पर भी चुटकी ली. शराब प्रेमियों ने कहा कि" आबकारी मंत्री ने कहा है महुआ शराब पीने को. हम तो महुआ वाला शराब पिएंगे."
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चावल दाल मुफ्त मिलेंगे तो लोग शराब ही खरीदेंगे: एक शराब प्रेमी ने अलग ही तरह की बात कहकर लोगों को आश्चर्यचकित कर दिया.उन्होंने कहा कि "सरकार नि:शुल्क एक रुपए किलो चावल देती है. लोग चावल बेचकर शराब पीते हैं. ऐसे में सरकार को चाहिए कि शराब दुकान न बंद करके मुफ्त चावल देना बंद कर देना चाहिए.
शराब की फैक्ट्री भी हो बंद: एक अन्य शराब प्रेमी ने कहा कि " पहले शराब की फैक्ट्री बंद होनी चाहिए. फैक्ट्री ही नहीं रहेगी तो लोग शराब कहां से लाएंगे. फैक्ट्री रहेगी तो शराब तो मिलेगा ही. ऐसे में पहले फैक्ट्री बंद हो."
शराबबंदी और शराब घोटाला दोनों बना चुनावी मुद्दा: छत्तीसगढ़ में इन दिनों शराबबंदी और शराब घोटाला दोनों ही मुद्दों पर राजनीति हो रही है. लगातार विपक्ष बघेल सरकार को उनके किए शराबबंदी के वादे और शराब घोटाले को लेकर घेर रही है.