नासिक/रायपुर: देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की जयंती पर हर साल 14 नवंबर को बाल दिवस मनाया जाता है. बाल दिवस के उपलक्ष्य में इस बार ईटीवी भारत देशभर 'बालवीरों' से पाठकों को रूबरू करवा रहा है. आज हम नासिक की 5 साल की बालवीर से आपको मिलवाते है. महाराष्ट्र के नासिक में रहने वाली पर्वतारोही अरणा इप्पर ने 5 साल की उम्र में मलंग गढ़ किले को फतह कर लिया. पढ़िए पांच साल की इस बालवीर की कहानी...
पांच साल की पर्वतारोही ने जीता किला
नासिक की रहने वाली अरणा इप्पर ने पांच साल की उम्र में मलंग गढ़ किले पर रस्सी के सहारे चढ़ गई. इस दौरान अरणा ने रैंपलिंग और पोलक्रॉसिंग भी की. इसके साथ ही सबसे कम उम्र में मलंग गढ़ किले पर चढ़ने वाली अरणा पहली बालवीर बन गई है. इस किले पर चढ़ने वाले अच्छे-अच्छे पर्वतारोहियों के पसीने छुट गए, लेकिन अरणा ने इस मलंग गढ़ किले को फतह कर इतिहास रच दिया. अरणा के साथ इस चढ़ाई में उसके पापा के साथ-साथ कई अन्य लोग भी थे.
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अरणा ने तीन किलों पर की चढ़ाई
अरणा का कहना है कि मलंग गढ़ किले पर चढ़ाई के दौरान कई रुकावटें आई, लेकिन उसने इन रुकावटों को पार करते हुए चढ़ाई पूरी की. अरणा ने बताया कि मलंग गढ़ से पहले वह दो किलों हरिश्चंद्र गढ़, रामशेज किले पर भी चढ़ाई कर चुकी है. यह उसका तीसरा ट्रैक था. इसी के साथ अरणा चंभर गुफाओं का दौरा भी कर चुकी है. अरणा के इस पराक्रम की तारीफ हर कोई कर रहा है.
कठीन है मलंग गढ़ की चढाई
मलंग गढ़ की चढ़ाई करना हर किसी के बस की बात नहीं है. और जब पर्वतारोही की उम्र पांच साल हो तो कोई इस बारे में सोच भी नहीं सकता. 5 साल की उम्र में अरणा ने यह कमाल किया ये सच में आश्चर्य की बात है. अरणा के साथ किले की चढ़ाई में भले ही उसके पिता और दोस्त थे, लेकिन फिर भी इस उम्र में किला चढ़ना बहुत मुश्किल काम है.
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चढ़ाई के दौरान अरणा को नहीं हुई थकान
अरणा के पिता किशोर इप्पर का कहना है कि मलंग गढ़ पर चढ़ाई के दौरान मैंने और दोस्तों ने अरणा को मजाक में थकने की बात कही. लेकिन इस पर अरणा ने कहा मैं थकी नहीं हूं. अभी तो बहुत चढ़ाई बाकी है. किशोर ने बताया कि हम लोग थक गए थे, लेकिन अरणा आखरी तक नहीं थकी. जब हम वापस उतरे तो मेरे से पहले अरणा नीचे उतर गई. उसने कहा पापा मैंने आपको हरा दिया. उस समय आनंद की अनुभूति हुई. अरणा ने मलंग गढ़ पर चढ़ाई की इसकी सबसे ज्यादा खुशी उसकी मां को हुई है.
किशोर ने बताया कि चढ़ाई के दौरान सभी पर्वतारोहियों ने अरणा की तारीफ की. एक तो इतनी सी उम्र में चढ़ाई के लिए आना और चढ़ाई में सबसे आगे रहने से सब लोग प्रभावित थे.