रायपुर: मुख्य सचिव आरपी मंडल ने गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी संभागायुक्तों, कलेक्टरों और जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों की बैठक ली. उन्होंने प्रदेश में कोविड-19 की स्थिति, जांच और इलाज की व्यवस्था की समीक्षा की. इस दौरान उन्होंने राजनांदगांव, बिलासपुर और अंबिकापुर मेडिकल कॉलेजों में कोविड 19 की जल्द से जल्द जांच शुरू करने के निर्देश दिए हैं.
उन्होंने कोविड-19 के लगातार बढ़ते मामलों को देखते हुए सभी जिलों के कोविड केयर सेंटर्स में बिस्तरों की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए. इसके साथ ही कोरोना वायरस संक्रमण की पहचान के लिए ज्यादा से ज्यादा लोगों की जांच करने को कहा है.
मुख्य सचिव ने सर्दी, बुखार, खांसी, सांस लेने में दिक्कत और सांस की बीमारी से जूझ रहे ज्यादा जोखिम वाले लोगों की जांच प्राथमिकता से करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने विभिन्न तरह के को-मॉरबिडिटी (Co-morbidity) से पीड़ित लोगों की भी तत्परता से जांच कर सभी जरूरी चिकित्सा सुविधाएं मुहैया कराने को कहा है.
इन शर्तों पर होम आइसोलेशन की मिली अनुमति
मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू ने वीडियो कॉन्फ्रेंस में कलेक्टरों को कोविड-19 के बिना लक्षण वाले मरीजों के लिए होम आइसोलेशन की अनुमति के संबंध में आवश्यक निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि सभी जिलों में प्रयोग के तौर पर इसकी अनुमति दी जा सकती है. उन्होंने बताया कि ऐसे व्यक्ति जिनके घर में पर्याप्त संख्या में कमरे हों और कम से कम दो शौचालय हों, उन्हें होम आइसोलेशन की अनुमति दी जाएगी. होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों को सख्त रूप से सरकारी दिशा-निर्देशों का पालन करना होगा. इसके साथ ही उनसे नियमों का उल्लंघन नहीं करने संबंधी घोषणापत्र भरवाकर होम आइसोलेशन वाले घरों में इसकी जानकारी के लिए स्टिकर चस्पा करने के निर्देश दिए गए हैं.
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आरटीपीसीआर जांच की होगी सुविधा
स्वास्थ्य विभाग सचिव निहारिका बारिक सिंह ने बताया कि कोविड-19 पर नियंत्रण और इसके पीड़ितों की पहचान के लिए जांच की क्षमता लगातार बढ़ाई जा रही है. इलाज और आइसोलेशन सुविधाओं का भी विस्तार किया जा रहा है. प्रदेश के तीन मेडिकल कॉलेज राजनांदगांव, बिलासपुर और अंबिकापुर में स्थापित उच्च स्तरीय बीएसएल-2 लैब में आरटीपीसीआर जांच की अनुमति मिल गई है. इन संस्थानों में जल्दी ही सैंपल की जांच शुरू हो जाएगी. इनके शुरू होने से प्रदेश में सात संस्थानों में आरटीपीसीआर जांच की सुविधा हो जाएगी. प्रदेशभर में ट्रू-नॉट मशीनों और रैपिड एंटीजन किट से भी जांच कर ज्यादा से ज्यादा लोगों को जांच के दायरे में लाया जा रहा है.
मेडिकल स्टाफ को क्वॉरेंटाइन करने की व्यवस्था
स्वास्थ्य सचिव ने सभी जिलों में लक्षण वाले मरीजों के इलाज के लिए अस्पतालों में और बिना लक्षण वाले लोगों के उपचार के लिए कोविड केयर सेंटर्स में पर्याप्त संख्या में बिस्तरों एवं अन्य सुविधाओं का इंतजाम रखने, डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ के रहने की समुचित व्यवस्था करने और अस्पतालों में लगातार ड्यूटी कर रहे मेडिकल स्टाफ को क्वॉरेंटाइन करने की व्यवस्था भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए.