रायपुर: सामाजिक एवं साहित्यिक संस्था वक्ता मंच ने ऑनलाइन काव्य गोष्ठी का आयोजन किया. इस काव्य गोष्ठी में रायपुर शहर सहित आसपास के रचनाकारों ने भाग लिया. गोष्ठी का आरंभ सरस्वती वंदना के साथ किया गया. इसके बाद कविता पाठ शुरू हुआ.
आशा विग ने गलवान घाटी में शहीद हुए सैनिकों कोक श्रद्धांजलि अर्पित की. उनकी इन पंक्तियों को बहुत प्रशंसा मिली.
शहीद जवानों को समर्पित कविता
सपनों के पिंजरे से छुपकर
बिन पंख उड़े कुछ सपने थे
दूर गगन के तारों पर
रहते उनके कुछ अपने थे
मिलने की ख्वाहिश थी उनसे
कुछ नगमे उन्हें सुनाना था
कितना उनको है याद किया
ये मिलकर उन्हें बताना था
इसके पश्चात वरिष्ठ कवि सुनील पांडे ने समसामायिक मुद्दों पर अपनी पंक्तियों से प्रभावी हस्तक्षेप किया. उनकी इन पंक्तियों को काफी सराहना मिली
जब सत्ता का साया सर पे तन जाता है
एक मामूली गुंडा गैंगस्टर बन जाता है
हाथ मिलाते जब खाकी-खादी उससे
खुद का हाथ खून से सन जाता है
कवि सुनील ने अपनी रचना से आज के सच को बयां किया
जमीन से आसमान तक जाल डाल लें
पूरे जहान को एक पिंजरे में ढाल लें.
अभिव्यक्ति की शक्ति रुक नहीं सकती
परिंदे के नाम पर भले तोता पाल लें.
इस क्रम को आगे बढ़ाते हुए शोभा शर्मा ने भी अपनी रचनात्मकता दिखाई
आया है तूफान कहां से
जिसका नाम है कोरोना
दुनिया ले के बैठी थी परमाणु
लेकिन डर ठोक गया एक कीटाणु
युवा कवि इंद्रदेव यदु ने कोरोना पर प्रस्तुत की ये कविता.
खूब उत्पात मचाई कोरोना
चाइना से चलकर आई है
खूब डसी है ये लोगों को
कितनों ने प्राण गंवाई है
सबको हुई है नफरत उससे
किसी को न वो भाई है.
ग्रामीण क्षेत्र के कवि दुष्यंत साहू ने छत्तीसगढ़ी में कविता पेश की
माटी के पुतरी पुतरा बनायेंव
गोटी माटी के घरबुंदिया
माटी के चुलहा चाकी बनायेंव
माटी माटी के घर कुरिया
इही माटी म धान गेहूं
लहर-लहर लहराये
काव्य गोष्ठी का संचालन राजेश पराते ने किया.
लॉकडाउन के बाद से किया जा रहा आयोजन
बता दें, कोरोना वायरस की वजह से लगाए गए लॉकडाउन के बाद से इस तरह की ऑनलाइन प्रतियोगिता या फिर कार्यक्रम का आयोजन प्रदेश के कई जिलों में सोशल मीडिया के माध्यम से किया जा रहा है. जिसमें युवा वर्ग के कवि के साथ-साथ अन्य रचनाकार हिस्सा ले रहे हैं. साथ ही श्रोता भी बड़ी संख्या में सोशल मीडिया के माध्यम से जुड़ रहे हैं.