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कोरोना काल में जान जोखिम में डाल घर-घर पहुंचाई थीं सब्जियां, रायपुर से डेढ़ हजार ठेला वाले गायब !

रायपुर में ठेला वालों की संख्या में काफी कमी आई है. बीते दो साल के कोरोना काल के दौरान घर-घर सब्जियों की आपूर्ति में ठेला संचालकों ने अहम भूमिका निभाई थी. राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (National Urban Livelihoods Mission) की नई स्कीम के तहत केंद्र सरकार द्वारा ऋण सुविधा के लिए उन्हें वेंडर कार्ड दिये जाने की घोषणा हुई थी. अब उनके कारोबार की जगह चिह्नित करने अधिकारी पहुंचे तो करीब 1500 वेंडर्स अपने घर लौट चुके हैं.

one thousand five hundred handcart operator missing from Raipur
रायपुर से डेढ़ हजार ठेला वाले गायब
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Published : Dec 21, 2021, 1:16 PM IST

Updated : Dec 21, 2021, 3:09 PM IST

रायपुर : कोरोना काल में हुए लॉकडाउन के दौरान जिला प्रशासन ने ठेले से ही सब्जियों की आपूर्ति तय की थी. ठेलेवालों ने बखूबी इसे अंजाम तक पहुंचाया भी था. अब जब नगर निगम (Raipur Municipal Corporation) द्वारा उन ठेले वालों को वेंडर कार्ड जारी करने की बारी आई तो उनकी संख्या में एकाएक कमी पाई गई. इससे अधिकारी भी हैरान हैं. कोरोना काल से पहले रायपुर में जीआईसी सर्वे (GIC Survey in Raipur) के अनुसार इन ठेले वालों की संख्या 5977 थी. लेकिन वर्तमान में इनमें से करीब 1500 वेंडर्स गायब हैं. इतना ही नहीं उनके मोबाइल पर भी बात नहीं हो पा रही है.

रायपुर से डेढ़ हजार ठेला वाले गायब

लॉक डाउन की वजह से लौटे घर

जानकारी के मुताबिक राजधानी रायपुर में उत्तर प्रदेश और बिहार समेत मध्य प्रदेश से बड़ी संख्या में वेंडर्स यहां आकर ठेला लगाते थे. अभी वर्तमान में इनकी संख्या एकाएक घट गई है. इस बाबत स्ट्रीट वेंडर दीपक ने बताया कि वे झांसी के रहने वाले हैं. यहां आकर वह भी ठेला लगाते हैं. उन्होंने बताया कि बहुत से उनके साथी रायपुर छोड़कर अपने घर लौट गए हैं. दो साल कोरोना काल के कारण उनका व्यवसाय पूरी तरह से चौपट हो गया. अधिकांश लोग गुजारा नहीं होने की वजह से अपने गांव निकल गए.


अधिकांश के मोबाइल बंद, नहीं हो पा रही बात

रायपुर नगर निगम के अपर आयुक्त (Raipur Municipal Corporation Additional Commissioner) सुनील कुमार चंद्रवंशी ने बताया कि कोरोना काल के समय स्ट्रीट वेंडर्स का सर्वे एक्सटर्नल समिति सूडा के माध्यम से कराया गया था. उसमें साढ़े 5 हजार लोगों का सर्वे किया गया था. अभी हमने कोविड के बाद फिर से उनका रिजर्वेशन करवाया तो उनमें बहुत से लोग अपने घर लौट गए हैं. कुछ लोगों का ऐसा है कि मोबाइल नंबर बंद है. उनसे संपर्क नहीं हो रहा है. इस तरह से करीब डेढ़ हजार लोग नहीं मिल पाए हैं. शेष लोगों को हमने रेक्टिफाई कर लिया है.


यातायात पुलिस की ली जाएगी मदद

सुनील कुमार चंद्रवंशी ने बताया कि नये सर्वे के माध्यम से 9500 लोगों को सर्वे में जोड़ लिया है. इनके लिए हमने विभिन्न स्थान चिन्हित किए हैं. साथ ही साथ इन लोगों के लिए ट्रैफिक की व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए निर्धारित जगहों पर हमारी टीम द्वारा चिह्नांकित जगहों पर उनका व्यवस्थापन किया जा रहा है. इस टीम में डीएसपी ट्रैफिक और नगर निगम के वंडर्स कमेटी की जो टीम है वह शामिल है.

रायपुर : कोरोना काल में हुए लॉकडाउन के दौरान जिला प्रशासन ने ठेले से ही सब्जियों की आपूर्ति तय की थी. ठेलेवालों ने बखूबी इसे अंजाम तक पहुंचाया भी था. अब जब नगर निगम (Raipur Municipal Corporation) द्वारा उन ठेले वालों को वेंडर कार्ड जारी करने की बारी आई तो उनकी संख्या में एकाएक कमी पाई गई. इससे अधिकारी भी हैरान हैं. कोरोना काल से पहले रायपुर में जीआईसी सर्वे (GIC Survey in Raipur) के अनुसार इन ठेले वालों की संख्या 5977 थी. लेकिन वर्तमान में इनमें से करीब 1500 वेंडर्स गायब हैं. इतना ही नहीं उनके मोबाइल पर भी बात नहीं हो पा रही है.

रायपुर से डेढ़ हजार ठेला वाले गायब

लॉक डाउन की वजह से लौटे घर

जानकारी के मुताबिक राजधानी रायपुर में उत्तर प्रदेश और बिहार समेत मध्य प्रदेश से बड़ी संख्या में वेंडर्स यहां आकर ठेला लगाते थे. अभी वर्तमान में इनकी संख्या एकाएक घट गई है. इस बाबत स्ट्रीट वेंडर दीपक ने बताया कि वे झांसी के रहने वाले हैं. यहां आकर वह भी ठेला लगाते हैं. उन्होंने बताया कि बहुत से उनके साथी रायपुर छोड़कर अपने घर लौट गए हैं. दो साल कोरोना काल के कारण उनका व्यवसाय पूरी तरह से चौपट हो गया. अधिकांश लोग गुजारा नहीं होने की वजह से अपने गांव निकल गए.


अधिकांश के मोबाइल बंद, नहीं हो पा रही बात

रायपुर नगर निगम के अपर आयुक्त (Raipur Municipal Corporation Additional Commissioner) सुनील कुमार चंद्रवंशी ने बताया कि कोरोना काल के समय स्ट्रीट वेंडर्स का सर्वे एक्सटर्नल समिति सूडा के माध्यम से कराया गया था. उसमें साढ़े 5 हजार लोगों का सर्वे किया गया था. अभी हमने कोविड के बाद फिर से उनका रिजर्वेशन करवाया तो उनमें बहुत से लोग अपने घर लौट गए हैं. कुछ लोगों का ऐसा है कि मोबाइल नंबर बंद है. उनसे संपर्क नहीं हो रहा है. इस तरह से करीब डेढ़ हजार लोग नहीं मिल पाए हैं. शेष लोगों को हमने रेक्टिफाई कर लिया है.


यातायात पुलिस की ली जाएगी मदद

सुनील कुमार चंद्रवंशी ने बताया कि नये सर्वे के माध्यम से 9500 लोगों को सर्वे में जोड़ लिया है. इनके लिए हमने विभिन्न स्थान चिन्हित किए हैं. साथ ही साथ इन लोगों के लिए ट्रैफिक की व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए निर्धारित जगहों पर हमारी टीम द्वारा चिह्नांकित जगहों पर उनका व्यवस्थापन किया जा रहा है. इस टीम में डीएसपी ट्रैफिक और नगर निगम के वंडर्स कमेटी की जो टीम है वह शामिल है.

Last Updated : Dec 21, 2021, 3:09 PM IST
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