ETV Bharat / state

छत्तीसगढ़ की पहली महिला धुमाल बैंड पार्टी

छत्तीसगढ़ की राजधानी की महिलाएं अब धुमाल बैंड पार्टी से जुड़ कर धमाल मचाने को (Raipur Mahila Dhumal band Party) आतुर हैं. विस्तृत जानकारी के लिए पढ़िए पूरी खबर...

Dhumal band party begins
धुमाल बैंड पार्टी का आगाज
author img

By

Published : Mar 8, 2022, 7:09 AM IST

Updated : Mar 8, 2022, 5:35 PM IST

रायपुर: शादी में बैंड बाजा न हो तो शादी का मजा किरकिरा हो जाता है. शादी में बैंड-बाजा का नाम सुनते ही सामने कई पुरुषों के धुमाल बजाते दृश्य उभर आते (Raipur Mahila Dhumal band Party) हैं. लेकिन रायपुर की महिलाएं भी अब शादी में धुमाल बैंड बजाती नजर आएंगी.अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का मौका है और ईटीवी भारत आपको उन महिलाओं से रू-ब-रू कराने जा रहा है जो समाज नज़ीर से कम नहीं. ऐसे में रायपुर महिलाओं की धुमाल पार्टी किसी से कम नहीं.

धुमाल बैंड पार्टी का आगाज

हर क्षेत्र से जुड़ रही महिलाएं

इस धुमाल पार्टी में बड़े अफसर, डॉक्टर, पुलिस से लेकर गृहणी तक धमाल मचा रहीं हैं. इनको धुमाल बजाते देख आप पुरुषों को भूल जाएंगे. रायपुर के लाखे नगर सहित आसपास की बस्तियों के अलावा शहर के अवंती विहार से लेकर गुढ़ियारी, संतोषी नगर, टिकरापारा, टैगोर नगर इलाके से महिलाएं चलकर यहां आती हैं और लाखे नगर मैदान में सुबह 2 घंटे अलग-अलग गानों की धुन पर धुमाल बजाने की प्रैक्टिस करती हैं. इन महिलाओं का धुमाल बजाने का अंदाज भी औरों से कुछ अलग है. इन्हें भारी-भरकम दिखने वाले वाद्य यंत्रों को बजाने के साथ ही उसकी धुन पर थिरकते भी देखा जा सकता है.यही कारण है कि ये धुमाल पार्टी आम से खास दिखती है.

सुरक्षा का अहसास दिलाएगा

शादी समारोह में अक्सर धुमाल की धुन पर महिलाएं भीड़ में नाचने लगती है. महिला धुमाल पार्टी होने से इन महिलाओं को भी सुरक्षा का अहसास होगा. जब महिलाएं ही धुमाल बजाएंगी तो फिर खुशी में नाचने वाली महिलाओं को भी किसी तरह का खतरा महसूस नहीं होगा. वो बेखौफ होकर शादी या अन्य समारोह में शामिल होकर थिरक सकती हैं. खास बात यह है कि इस धुमाल पार्टी की महिलाएं अलग-अलग क्षेत्र से जुड़ी हुई हैं. महिलाओं की इस धुमाल पार्टी में डॉक्टर, प्रोफेशर, लेबर इंस्पेक्टर सहित अलग-अलग सेक्टर की महिलाएं शामिल हैं.

महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए बनी धुमाल पार्टी

ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान समता सैनिक दल की अध्यक्षा रुक्मणी रामटेके कहती हैं कि आत्मनिर्भर भारत बने इसलिए हम महिलाओं को स्वावलंबी बनाना चाहते हैं. इसके लिए महिलाओं को धुमाल की ट्रेनिंग दे रहे हैं. कोराना काल में घरों में जो महिलाएं काम करने जाती थी, उनका रोजगार छूट गया था. ऐसे में हमने सोचा कि सब कुछ बंद होने के बावजूद शादी-विवाह बंद नहीं हुआ. बैंड- बाजा तो बराबर बजता रहता है. क्यों न महिलाओं को इससे जोड़कर रोजगार मुहैया कराया जाए. इस बारे में सोच कर हमने लोगों को जोड़ने का काम शुरू किया.

व्हाट्सएप से मिला संदेश और शामिल हो गई पार्टी में

इस विषय में ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान लेबर इंस्पेक्टर कीर्ति सिन्हा ने बताया कि मुझे एक व्हाट्सएप के माध्यम से संदेश मिला था कि महिलाओं की एक धुमाल पार्टी बनायी जा रही है. उसमें आप शामिल हो सकते हैं क्या? चूंकि मुझे इसमें रुचि भी है तो फिर मैं ज्वाइन कर ली और काफी मजा भी आ रहे है. धुमाल बजाने का नाम सुनकर पहले मेरे पति ने ने मना कर दिया. लेकिन मेरी रुचि को देखते हुए हरी झंडी दे दी. कीर्ति कहती हैं कि उनकी धुमाल पार्टी की टीम का उद्देश्य महिलाओं को प्रोत्साहित करना है. बेरोजगार महिलाओं को अपने साथ जोड़कर रोजगार दिलाना है.

यह भी पढ़ें: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर रायपुर में महिला मड़ई का आयोजन

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर धुमाल पार्टी का होगा आगाज़

आयुर्वेदिक महाविद्यालय में कार्यरत उमा स्वामी कहती हैं कि मुझे जब पता चला कि यहां महिलाओं की एक धुमाल पार्टी की शुरूआत हो रही है तो फिर मैं भी यहां शामिल हो गई. मेरे घर वाले भी मेरा सपोर्ट किए हैं. हम यह चाहते हैं कि सभी महिलाएं आगे आए, क्योंकि महिलाओं के अंदर बहुत हुनर दबा हुआ है. लेकिन उसे बाहर निकालने वाला कोई नहीं है. उनको सही मंच नहीं मिल रहा था. उसके बाद हम लोगों ने सोचा कि हम लोग मिलकर आगे आते हैं ताकि गृहणियों को प्रेरणा मिल सके. उसके बाद महिलाएं जुड़ती चली गईं. अभी 20 महिलाओं की टीम बन गई है. हम अपनी धुमाल पार्टी का आगाज 8 मार्च को यानी कि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के दिन करेंगे. धीरे-धीरे हम आगे बढ़ेंगे और महिलाओं को हम जोड़ कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम करेंगे.

कैसे बनी महिलाओं की धुमाल पार्टी

आंगनबाड़ी में कार्यरत धुमाल पार्टी की सदस्या बताती हैं कि हम लोग रुकमणी जी के माध्यम से व्हाट्सएप ग्रुप में डिस्कशन कर रहे थे. इसी बीच महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कुछ करने की हमने ठानी. बातचीत में महिलाओं की धुमाल पार्टी बनाने का निर्णय लिया गया. उसके बाद व्हाट्सएप के माध्यम से महिलाओं को मैसेज किया गया. फिर धीरे-धीरे हमसे महिलाएं जुड़ना शुरू हो गई. आज हम लोग रोजाना सुबह ढेड़ से 2 घंटे धुमाल बजाने की प्रैक्टिस भी करते हैं. हमें बुकिंग मिलना भी शुरू हो गया है. उम्मीद करते है कि महिलाएं हमसे जुड़ेंगी और हमारी यह धुमाल पार्टी देशभर में धुमाल मचाएगी.

रायपुर: शादी में बैंड बाजा न हो तो शादी का मजा किरकिरा हो जाता है. शादी में बैंड-बाजा का नाम सुनते ही सामने कई पुरुषों के धुमाल बजाते दृश्य उभर आते (Raipur Mahila Dhumal band Party) हैं. लेकिन रायपुर की महिलाएं भी अब शादी में धुमाल बैंड बजाती नजर आएंगी.अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का मौका है और ईटीवी भारत आपको उन महिलाओं से रू-ब-रू कराने जा रहा है जो समाज नज़ीर से कम नहीं. ऐसे में रायपुर महिलाओं की धुमाल पार्टी किसी से कम नहीं.

धुमाल बैंड पार्टी का आगाज

हर क्षेत्र से जुड़ रही महिलाएं

इस धुमाल पार्टी में बड़े अफसर, डॉक्टर, पुलिस से लेकर गृहणी तक धमाल मचा रहीं हैं. इनको धुमाल बजाते देख आप पुरुषों को भूल जाएंगे. रायपुर के लाखे नगर सहित आसपास की बस्तियों के अलावा शहर के अवंती विहार से लेकर गुढ़ियारी, संतोषी नगर, टिकरापारा, टैगोर नगर इलाके से महिलाएं चलकर यहां आती हैं और लाखे नगर मैदान में सुबह 2 घंटे अलग-अलग गानों की धुन पर धुमाल बजाने की प्रैक्टिस करती हैं. इन महिलाओं का धुमाल बजाने का अंदाज भी औरों से कुछ अलग है. इन्हें भारी-भरकम दिखने वाले वाद्य यंत्रों को बजाने के साथ ही उसकी धुन पर थिरकते भी देखा जा सकता है.यही कारण है कि ये धुमाल पार्टी आम से खास दिखती है.

सुरक्षा का अहसास दिलाएगा

शादी समारोह में अक्सर धुमाल की धुन पर महिलाएं भीड़ में नाचने लगती है. महिला धुमाल पार्टी होने से इन महिलाओं को भी सुरक्षा का अहसास होगा. जब महिलाएं ही धुमाल बजाएंगी तो फिर खुशी में नाचने वाली महिलाओं को भी किसी तरह का खतरा महसूस नहीं होगा. वो बेखौफ होकर शादी या अन्य समारोह में शामिल होकर थिरक सकती हैं. खास बात यह है कि इस धुमाल पार्टी की महिलाएं अलग-अलग क्षेत्र से जुड़ी हुई हैं. महिलाओं की इस धुमाल पार्टी में डॉक्टर, प्रोफेशर, लेबर इंस्पेक्टर सहित अलग-अलग सेक्टर की महिलाएं शामिल हैं.

महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए बनी धुमाल पार्टी

ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान समता सैनिक दल की अध्यक्षा रुक्मणी रामटेके कहती हैं कि आत्मनिर्भर भारत बने इसलिए हम महिलाओं को स्वावलंबी बनाना चाहते हैं. इसके लिए महिलाओं को धुमाल की ट्रेनिंग दे रहे हैं. कोराना काल में घरों में जो महिलाएं काम करने जाती थी, उनका रोजगार छूट गया था. ऐसे में हमने सोचा कि सब कुछ बंद होने के बावजूद शादी-विवाह बंद नहीं हुआ. बैंड- बाजा तो बराबर बजता रहता है. क्यों न महिलाओं को इससे जोड़कर रोजगार मुहैया कराया जाए. इस बारे में सोच कर हमने लोगों को जोड़ने का काम शुरू किया.

व्हाट्सएप से मिला संदेश और शामिल हो गई पार्टी में

इस विषय में ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान लेबर इंस्पेक्टर कीर्ति सिन्हा ने बताया कि मुझे एक व्हाट्सएप के माध्यम से संदेश मिला था कि महिलाओं की एक धुमाल पार्टी बनायी जा रही है. उसमें आप शामिल हो सकते हैं क्या? चूंकि मुझे इसमें रुचि भी है तो फिर मैं ज्वाइन कर ली और काफी मजा भी आ रहे है. धुमाल बजाने का नाम सुनकर पहले मेरे पति ने ने मना कर दिया. लेकिन मेरी रुचि को देखते हुए हरी झंडी दे दी. कीर्ति कहती हैं कि उनकी धुमाल पार्टी की टीम का उद्देश्य महिलाओं को प्रोत्साहित करना है. बेरोजगार महिलाओं को अपने साथ जोड़कर रोजगार दिलाना है.

यह भी पढ़ें: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर रायपुर में महिला मड़ई का आयोजन

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर धुमाल पार्टी का होगा आगाज़

आयुर्वेदिक महाविद्यालय में कार्यरत उमा स्वामी कहती हैं कि मुझे जब पता चला कि यहां महिलाओं की एक धुमाल पार्टी की शुरूआत हो रही है तो फिर मैं भी यहां शामिल हो गई. मेरे घर वाले भी मेरा सपोर्ट किए हैं. हम यह चाहते हैं कि सभी महिलाएं आगे आए, क्योंकि महिलाओं के अंदर बहुत हुनर दबा हुआ है. लेकिन उसे बाहर निकालने वाला कोई नहीं है. उनको सही मंच नहीं मिल रहा था. उसके बाद हम लोगों ने सोचा कि हम लोग मिलकर आगे आते हैं ताकि गृहणियों को प्रेरणा मिल सके. उसके बाद महिलाएं जुड़ती चली गईं. अभी 20 महिलाओं की टीम बन गई है. हम अपनी धुमाल पार्टी का आगाज 8 मार्च को यानी कि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के दिन करेंगे. धीरे-धीरे हम आगे बढ़ेंगे और महिलाओं को हम जोड़ कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम करेंगे.

कैसे बनी महिलाओं की धुमाल पार्टी

आंगनबाड़ी में कार्यरत धुमाल पार्टी की सदस्या बताती हैं कि हम लोग रुकमणी जी के माध्यम से व्हाट्सएप ग्रुप में डिस्कशन कर रहे थे. इसी बीच महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कुछ करने की हमने ठानी. बातचीत में महिलाओं की धुमाल पार्टी बनाने का निर्णय लिया गया. उसके बाद व्हाट्सएप के माध्यम से महिलाओं को मैसेज किया गया. फिर धीरे-धीरे हमसे महिलाएं जुड़ना शुरू हो गई. आज हम लोग रोजाना सुबह ढेड़ से 2 घंटे धुमाल बजाने की प्रैक्टिस भी करते हैं. हमें बुकिंग मिलना भी शुरू हो गया है. उम्मीद करते है कि महिलाएं हमसे जुड़ेंगी और हमारी यह धुमाल पार्टी देशभर में धुमाल मचाएगी.

Last Updated : Mar 8, 2022, 5:35 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.