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Omicron threat in Chhattisgarh : बदलते मौसम के साथ बच्चे और बुजुर्गों में कोरोना संक्रमण का खतरा

Omicron threat in Chhattisgarh : छत्तीसगढ़ में लगातार कोरोना के मामलों में बढ़ोत्तरी हो रही है. बदलते मौसम के साथ बच्चे और बुजुर्गों में कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है. प्रदेश में लगातार कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. एक दिन में 250 से ज्यादा कोरोना केसों (increase of corona cases) की पहचान हुई है. ऐसे में छत्तीसगढ़ में कोरोना के नए वैरिएंट ओमीक्रोन का खतरा बढ़ गया है. सबसे ज्यादा बच्चे और बुजुर्ग निशाने पर हैं.

Omicron threat in Chhattisgarh
बच्चे और बुजुर्गों पर कोरोना का खतरा
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Published : Jan 2, 2022, 5:51 PM IST

रायपुरः देश में तेजी से ओमीक्रोन के मामले बढ़ते जा रहे हैं. कई राज्यों में ओमीक्रोन के बढ़ते मामलों के बीच नाइट कर्फ्यू लगा दिया गया है. छत्तीसगढ़ में अब तक एक भी ओमीक्रोन का मामला सामने नहीं आया है. हालांकि स्वास्थ्य विभाग कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर सतर्क है. इस बीच लगातार संक्रमितों की संख्या (increase of corona cases) में भी इजाफा देखने को मिला है.

छत्तीसगढ़ में ओमीक्रोन का डर

बच्चे और बुजुर्गों में कोरोना संक्रमण का खतरा

ओमीक्रोन का सबसे ज्यादा खतरा बुजुर्गों और बच्चों में देखने को मिल रहा है. चूंकि बुजुर्गों की इम्यूनिटी, युवाओं के मुकाबले कम रहती है. बच्चों को अब तक वैक्सीन नहीं लगाई गई है. इस वजह से ओमीक्रोन से बुजुर्गों और बच्चे दोनों को बच के रहने की हिदायत दी जा रही है. प्रदेश में लगातार मौसम में बदलाव के कारण लोग अधिक बीमार पड़ रहे हैं. मौसमी बीमारी सर्दी, खासी, बुखार भी लोगों में देखने को मिल रहा है. ऐसे में अगर किसी व्यक्ति की तबीयत खराब होती है और वह संक्रमित हो जाता है तो खतरा उसके लिए और बढ़ सकता है.

यह भी पढ़ेंः Corona Explosion after New Year: छत्तीसगढ़ में नए साल पर मिले 279 कोरोना संक्रमित मरीज, 10 गुना तेजी से बढ़ रहा आंकड़ा

छत्तीसगढ़ में ओमीक्रोन का डर

छत्तीसगढ़ हॉस्पिटल बोर्ड के अध्यक्ष राकेश गुप्ता बताते हैं कि, जिस तरह के कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन (Violation of corona guideline) हो रहा है. उस हिसाब से यह संभावित है कि केस बढ़ेंगे. पिछले 2 माह में वैक्सीनेशन भी पूरी रफ्तार से नहीं हो पाया. फिलहाल जो प्रदेश में संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ रही है. वह संख्या के हिसाब से लोगों के लिए चिंता का बहुत बड़ा कारण है. बुजुर्ग और बच्चों को खासकर प्रोटेक्शन की और सहायता की जरूरत पड़ सकती है. हालांकि तीव्रता के हिसाब से ओमीक्रोन बहुत ज्यादा घातक नहीं है, लेकिन जब मरीजों की संख्या बढ़ेगी समाज में उत्पादक वर्ग की कमी आ जाएगी. जो कि आगामी दिनों में खतरनाक साबित हो सकता है.

वैक्सीनेशन एकमात्र उपाय

सर्दी का प्रकोप पूरे उत्तर भारत में है. तापमान गिरने की वजह से सर्दी-खांसी बुखार लोंगो को काफी तेजी से हो रहा है. इस दौरान अगर मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ती है. तो छाती में एलर्जी और दूसरे इंफेक्शन तेजी से बढ़ेंगे. मरीजों को ठीक होने में देर तो लगेगी ही. इसलिए जरूरी है कि हम सावधानी बरतें. भीड़-भाड़ वाले इलाकों में ना जाएं. कोरोना गाइडलाइन का पालन करें. हाथ अच्छे से धोएं, मास्क लगाए रखें. जो लोग वैक्सीन नहीं लगवा पाए हैं वह जल्द से जल्द वैक्सीन की डोज ले लें. तभी बचाव हो सकता है.

रायपुरः देश में तेजी से ओमीक्रोन के मामले बढ़ते जा रहे हैं. कई राज्यों में ओमीक्रोन के बढ़ते मामलों के बीच नाइट कर्फ्यू लगा दिया गया है. छत्तीसगढ़ में अब तक एक भी ओमीक्रोन का मामला सामने नहीं आया है. हालांकि स्वास्थ्य विभाग कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर सतर्क है. इस बीच लगातार संक्रमितों की संख्या (increase of corona cases) में भी इजाफा देखने को मिला है.

छत्तीसगढ़ में ओमीक्रोन का डर

बच्चे और बुजुर्गों में कोरोना संक्रमण का खतरा

ओमीक्रोन का सबसे ज्यादा खतरा बुजुर्गों और बच्चों में देखने को मिल रहा है. चूंकि बुजुर्गों की इम्यूनिटी, युवाओं के मुकाबले कम रहती है. बच्चों को अब तक वैक्सीन नहीं लगाई गई है. इस वजह से ओमीक्रोन से बुजुर्गों और बच्चे दोनों को बच के रहने की हिदायत दी जा रही है. प्रदेश में लगातार मौसम में बदलाव के कारण लोग अधिक बीमार पड़ रहे हैं. मौसमी बीमारी सर्दी, खासी, बुखार भी लोगों में देखने को मिल रहा है. ऐसे में अगर किसी व्यक्ति की तबीयत खराब होती है और वह संक्रमित हो जाता है तो खतरा उसके लिए और बढ़ सकता है.

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छत्तीसगढ़ में ओमीक्रोन का डर

छत्तीसगढ़ हॉस्पिटल बोर्ड के अध्यक्ष राकेश गुप्ता बताते हैं कि, जिस तरह के कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन (Violation of corona guideline) हो रहा है. उस हिसाब से यह संभावित है कि केस बढ़ेंगे. पिछले 2 माह में वैक्सीनेशन भी पूरी रफ्तार से नहीं हो पाया. फिलहाल जो प्रदेश में संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ रही है. वह संख्या के हिसाब से लोगों के लिए चिंता का बहुत बड़ा कारण है. बुजुर्ग और बच्चों को खासकर प्रोटेक्शन की और सहायता की जरूरत पड़ सकती है. हालांकि तीव्रता के हिसाब से ओमीक्रोन बहुत ज्यादा घातक नहीं है, लेकिन जब मरीजों की संख्या बढ़ेगी समाज में उत्पादक वर्ग की कमी आ जाएगी. जो कि आगामी दिनों में खतरनाक साबित हो सकता है.

वैक्सीनेशन एकमात्र उपाय

सर्दी का प्रकोप पूरे उत्तर भारत में है. तापमान गिरने की वजह से सर्दी-खांसी बुखार लोंगो को काफी तेजी से हो रहा है. इस दौरान अगर मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ती है. तो छाती में एलर्जी और दूसरे इंफेक्शन तेजी से बढ़ेंगे. मरीजों को ठीक होने में देर तो लगेगी ही. इसलिए जरूरी है कि हम सावधानी बरतें. भीड़-भाड़ वाले इलाकों में ना जाएं. कोरोना गाइडलाइन का पालन करें. हाथ अच्छे से धोएं, मास्क लगाए रखें. जो लोग वैक्सीन नहीं लगवा पाए हैं वह जल्द से जल्द वैक्सीन की डोज ले लें. तभी बचाव हो सकता है.

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