रायपुर: छत्तीसगढ़ में लगातार कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है. रोजाना हजारों मामले सामने आ रहे हैं. अब तक कुल संक्रमितों की बात करें, तो प्रदेश में करीब 1 लाख 10 हजार से ज्यादा लोग कोरोना से पीड़ित हो चुके हैं. राज्य की कुल आबादी लगभग ढाई करोड़ है, जिनमें से 1 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं.
स्वास्थ्य विभाग के अधीन काम करने वाली तमाम स्वास्थ्य एजेंसियों के अनुमान के मुताबिक, अक्टूबर के अंत तक दो लाख लोग कोरोना संक्रमित हो सकते हैं. इस बात से स्वास्थ्य विभाग भी इनकार नहीं कर सकता कि आने वाले दिनों में कोरोना का संक्रमण इतना बढ़ सकता है. प्रदेश में अब तक कोरोना से 900 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.
दो लाख पहुंच सकता है संक्रमितों का आंकड़ा
स्वास्थ्य एजेंसियों का ये अनुमान डबलिंग फार्मूले पर आधारित है. मान लीजिए कि अगले 35 दिनों तक रोजाना 3 हजार लोग संक्रमित हुए, तो अक्टूबर के आखिर तक संक्रमितों की संख्या 1 लाख से ज्यादा हो जाएगी. अगर रोजाना 5 हजार लोग संक्रमित होते हैं, तो यह संख्या डेढ़ लाख के पार चली जाएगी. प्रदेश का स्वास्थ्य अमला लोगों को स्वस्थ और सावधान रखने के लिए लगातर कोशिशों में लगा हुआ है, लेकिन लोगों की लापरवाही की वजह से भी लगातार संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं.
तैयारियों में जुटा स्वास्थ्य अमला
विभाग के जानकारों की मानें, तो अक्टूबर महीने तक 2 लाख लोगों के संक्रमित होने के अनुमान को मद्देनजर रखते हुए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. अस्पतालों में वेंटिलेटर और ऑक्सीजन युक्त बेडों की संख्या में इजाफा किया जा रहा है. मेडिकल कॉलेज अस्पतालों और जिला अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट के लिए टेंडर जारी किए जाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. धार्मिक संगठनों की मदद से उनके अपने संस्थानों में कोविड-19 सेंटर बनाने की तैयारियां भी की जा रही हैं, ताकि मरीज बढ़े तो बेड कम ना पड़े.
15 अक्टूबर तक पीक टाइम पर आ सकता है संक्रमण
डॉक्टर के मुताबिक, 15 अक्टूबर के आसपास कोरोना संक्रमण के पीक टाइम पर होने की संभावना है. उनका कहना है कि बार-बार लॉकडाउन करने से कोरोना वायरस का नेचुरल ट्रांसमिशन बाधित होता है और इसके फैलने पर थोड़ा विराम लगता है. अगर कई बार लॉकडाउन नहीं किया जाता, तो शायद कोरोना संक्रमण का पीक टाइम अब तक आ चुका होता.
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प्रदेश में डेढ़ महीने पहले तक सभी संक्रमित मरीजों को लक्षण के आधार पर कोविड-19 हॉस्पिटल या फिर कोविड-19 सेंटर में भर्ती करवाया जाता था. उस दौरान होम आइसोलेशन का विकल्प नहीं रखा गया था, लेकिन अचानक कोरोना संक्रमितों की बढ़ती संख्या को देखते हुए होम आइसोलेशन की सुविधा शुरू कर दी गई. अब तक करीब 28 हजार लोग होम आइसोलेशन में रहकर ठीक हो चुके हैं. यही वजह है कि कोरोना से रिकवरी की रेट में सुधार हुआ है और इसका प्रतिशत बढ़कर 70 हुआ है.
करना होगा नियमों का पालन
- कोरोना संक्रमण से बचने के लिए मास्क और सैनिटाइजर का लगातार उपयोग जरूरी है.
- सेल्फ हाइजीन और स्वच्छ खानपान भी अपनी दिनचर्या में शामिल करना बेहतर होगा.
- ज्यादा से ज्यादा उन खाने की चीजों को अपनी डाइट में शामिल करना होगा, जिन्हें खाने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है.
- कोरोना जांच कराने के बाद रिपोर्ट आने तक खुद को घर पर आइसोलेट करके रखना भी अनिवार्य है.
- बाहर जाते वक्त सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना बेहद जरूरी है.