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ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया एक गंभीर बीमारी, इलाज नहीं होने पर हो सकती है मौत

ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया एक गंभीर (obstructive sleep apnoea syndrome) बीमारी है. इस बीमारी में अगर सही समय पर इलाज नहीं हुआ तो मरीज की जान भी जा (symptoms of obstructive sleep apnoea) सकती है. मशहूर संगीतकार और गायक बप्पी लाहिड़ी (Bappi Lahiri dies of obstructive sleep apnea) की मौत भी इसी बीमारी की वजह से हुई है

obstructive sleep apnoea syndrome
ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया
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Published : Feb 21, 2022, 4:26 PM IST

Updated : Feb 21, 2022, 8:17 PM IST

रायपुर: ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया एक गंभीर बीमारी है. इलाज के अभाव में मौत भी हो सकती है. हाल के दिनों में सबके चहेते संगीतकार और गायक बप्पी लाहिड़ी का निधन भी इसी बीमारी की वजह से हुआ है. इस बीमारी की वजह से कई तरह की दिक्कतें हो सकती है. यहां तक की जान भी जा सकती है. इस बीमारी से ग्रसित लोगों को थकान अनिद्रा की शिकायत होती है. उन्हें दिन में काम करते वक्त टीवी देखते समय या फिर गाड़ी चलाते समय अचानक नींद आ जाती है. साथ ही एक्सीडेंट का खतरा भी बढ़ जाता है. खास तौर पर यह बीमारी 40 से 70 वर्ष की उम्र वालों में अधिकतर देखने को मिलती है. लेकिन वर्तमान में यह समस्या बच्चों में भी देखने को मिल रही है.

ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया गंभीर बीमारी

खर्राटे लेना चिंताजनक बात, न करें इसे नजरअंदाज- डॉक्टर

रायपुर के मेकाहारा में छाती और फेफड़ा रोग विशेषज्ञ डॉक्टर देवी ज्योति दास ने बताया कि, यह बहुत कम लोग जानते हैं कि यह बीमारी अत्यधिक खर्राटे लेने के कारण हो सकती है. अगर कोई व्यक्ति अत्यधिक खर्राटे लेता है या फिर दिन में बैठे-बैठे सो जाता है. सांस लेने में तकलीफ के कारण रात में कई बार नींद नहीं आती. पूरे दिन सिर दर्द और थकान महसूस करता है तो यह ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया के कारण हो सकते हैं. ऐसा माना जाता है कि परिवार में एक ना एक सदस्य खर्राटा जरूर लेता है. ऐसे में लोग उसे नॉर्मल समझते हैं. लेकिन यह घातक साबित हो सकता है. विशेषज्ञ डॉक्टर ने बताया कि, यह 40 से 70 साल के उम्र वाले लोगों में ज्यादा देखने को मिलता है. साथ ही इसके शिकार बच्चे भी हो सकते हैं. ऐसे में विशेषज्ञों से परामर्श लेना जरूरी है

हार्ट अटैक से हुआ बप्पी लाहिड़ी का निधन?, सिंगर के दामाद ने बताया उस रात क्या हुआ था

ऑब्स्ट्रक्टिव स्लीप एपनिया के लक्षण, इस बीमारी में यह सतर्कता बरतें

  • ऑब्स्ट्रक्टिव स्लीप एपनिया गंभीर बीमारी है. इसे नजरअंदाज न करें. पीड़ित व्यक्ति को दिनभर थकान, आलस और नींद आने की समस्या रहती है.
  • स्लीप एपनिया होने पर पीड़ित व्यक्ति की सर्जरी में भी परेशानी होती है. एनेस्थीसिया देने के बाद सांस की समस्या बढ़ जाती है.
  • ऐसे लोगों को कई बार काम करते वक्त, ड्राइविंग करते वक्त या टीवी देखते-देखते अचानक नींद आ जाती है. जिससे समस्या गंभीर हो जाती है.
  • जिन लोगों को ये बीमारी होती है. उन्हें ध्यान केंद्रित करने में मुश्किल आती है. खासतौर से बच्चों को इससे पढ़ाई में काफी परेशानी होती है.
  • इस बीमारी की वजह से मरीज के शरीर और खून में ऑक्सीजन लेवल में कमी आने लगती है, जिससे ब्लड प्रेशर अचानक बढ़ने लगता है.
  • ब्लड प्रेशर बढ़ने से हार्ट पर असर पड़ता है. स्लीप एपनिया से पीड़ित ज्यादातर लोग हाई ब्लड प्रेशर के मरीज हो जाते हैं
  • ऑब्स्ट्रक्टिव स्लीप एपनिया के मरीज को हार्ट अटैक, हार्ट फेल्योर और स्ट्रोक की समस्या का सामना करना पड़ता है. इस परिस्थिति में उसकी मौत तक हो जाती है.
  • इस बीमारी में हार्ट बीट असामान्य हो जाती है, जिससे कई बार ब्लड प्रेशर लो होने लगता है. जिससे मरीज की जान जा सकती है.
  • स्लीप एपनिया के साथ-साथ अगर आपको हार्ट से जुड़ी बीमारी है, तो जान जाने का रिस्क बढ़ जाता है.

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ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया के कारण

  • मोटापे की वजह से यह बीमारी होती है. मोटापे के शिकार व्यक्ति की श्वास नली के ऊपरी हिस्से में फैट जमा हो जाता है. जिससे सांस लेने में मुश्किल होती है. मोटापे से जुड़ी बीमारी में हाइपो थायराइड और पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम की वजह से भी यह बीमारी हो सकती है.
  • ज्यादा उम्र होने के कारण भी स्लीप एपनिया होने की संभावना भी बढ़ जाती है
  • बचपन से ही श्वासनली सक्रिय होने के कारण या फिर टॉन्सिल्स के बढ़ने की वजह से श्वासनली का रास्ता बाधित हो जाता है.
  • हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज, हाइपरटेंशन और डायबिटीज की समस्या से ग्रसित लोगों में भी यह बीमारी ज्यादा देखने को मिलती है
  • धूम्रपान करने वालों में भी स्लीप एपनिया होने का खतरा ज्यादा होता है अगर परिवार में किसी को पहले स्लीप एपनिया की बीमारी रही हो तो इससे दूसरों को भी होने की संभावना ज्यादा बढ़ जाती है महिलाओं की तुलना में पुरुषों को स्लीप एपनिया की बीमारी ज्यादा होती है महिलाओं में मेनोपॉज के बाद यह समस्या देखने को मिलती है
  • कई रिसर्च में अस्थमा की बीमारी और ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया के बीच में भी संबंध पाया गया है

ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें

ऐसे कुछ खास लक्षण के दिखने पर डॉक्टर से तुरंत संपर्क करना चाहिए. जब खर्राटों की आवाज इतनी तेज हो जाए कि, इससे दूसरों को दिक्कत हो या फिर जब नींद के दौरान सांस रुकने लगे या फिर उठने के बाद हांफने लगे तो बिना देरी के डॉक्टर से संपर्क करें. थकान या चिड़चिड़ापन महसूस होती है तो इसकी जानकारी भी डॉक्टर को देनी चाहिए.

रायपुर: ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया एक गंभीर बीमारी है. इलाज के अभाव में मौत भी हो सकती है. हाल के दिनों में सबके चहेते संगीतकार और गायक बप्पी लाहिड़ी का निधन भी इसी बीमारी की वजह से हुआ है. इस बीमारी की वजह से कई तरह की दिक्कतें हो सकती है. यहां तक की जान भी जा सकती है. इस बीमारी से ग्रसित लोगों को थकान अनिद्रा की शिकायत होती है. उन्हें दिन में काम करते वक्त टीवी देखते समय या फिर गाड़ी चलाते समय अचानक नींद आ जाती है. साथ ही एक्सीडेंट का खतरा भी बढ़ जाता है. खास तौर पर यह बीमारी 40 से 70 वर्ष की उम्र वालों में अधिकतर देखने को मिलती है. लेकिन वर्तमान में यह समस्या बच्चों में भी देखने को मिल रही है.

ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया गंभीर बीमारी

खर्राटे लेना चिंताजनक बात, न करें इसे नजरअंदाज- डॉक्टर

रायपुर के मेकाहारा में छाती और फेफड़ा रोग विशेषज्ञ डॉक्टर देवी ज्योति दास ने बताया कि, यह बहुत कम लोग जानते हैं कि यह बीमारी अत्यधिक खर्राटे लेने के कारण हो सकती है. अगर कोई व्यक्ति अत्यधिक खर्राटे लेता है या फिर दिन में बैठे-बैठे सो जाता है. सांस लेने में तकलीफ के कारण रात में कई बार नींद नहीं आती. पूरे दिन सिर दर्द और थकान महसूस करता है तो यह ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया के कारण हो सकते हैं. ऐसा माना जाता है कि परिवार में एक ना एक सदस्य खर्राटा जरूर लेता है. ऐसे में लोग उसे नॉर्मल समझते हैं. लेकिन यह घातक साबित हो सकता है. विशेषज्ञ डॉक्टर ने बताया कि, यह 40 से 70 साल के उम्र वाले लोगों में ज्यादा देखने को मिलता है. साथ ही इसके शिकार बच्चे भी हो सकते हैं. ऐसे में विशेषज्ञों से परामर्श लेना जरूरी है

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ऑब्स्ट्रक्टिव स्लीप एपनिया के लक्षण, इस बीमारी में यह सतर्कता बरतें

  • ऑब्स्ट्रक्टिव स्लीप एपनिया गंभीर बीमारी है. इसे नजरअंदाज न करें. पीड़ित व्यक्ति को दिनभर थकान, आलस और नींद आने की समस्या रहती है.
  • स्लीप एपनिया होने पर पीड़ित व्यक्ति की सर्जरी में भी परेशानी होती है. एनेस्थीसिया देने के बाद सांस की समस्या बढ़ जाती है.
  • ऐसे लोगों को कई बार काम करते वक्त, ड्राइविंग करते वक्त या टीवी देखते-देखते अचानक नींद आ जाती है. जिससे समस्या गंभीर हो जाती है.
  • जिन लोगों को ये बीमारी होती है. उन्हें ध्यान केंद्रित करने में मुश्किल आती है. खासतौर से बच्चों को इससे पढ़ाई में काफी परेशानी होती है.
  • इस बीमारी की वजह से मरीज के शरीर और खून में ऑक्सीजन लेवल में कमी आने लगती है, जिससे ब्लड प्रेशर अचानक बढ़ने लगता है.
  • ब्लड प्रेशर बढ़ने से हार्ट पर असर पड़ता है. स्लीप एपनिया से पीड़ित ज्यादातर लोग हाई ब्लड प्रेशर के मरीज हो जाते हैं
  • ऑब्स्ट्रक्टिव स्लीप एपनिया के मरीज को हार्ट अटैक, हार्ट फेल्योर और स्ट्रोक की समस्या का सामना करना पड़ता है. इस परिस्थिति में उसकी मौत तक हो जाती है.
  • इस बीमारी में हार्ट बीट असामान्य हो जाती है, जिससे कई बार ब्लड प्रेशर लो होने लगता है. जिससे मरीज की जान जा सकती है.
  • स्लीप एपनिया के साथ-साथ अगर आपको हार्ट से जुड़ी बीमारी है, तो जान जाने का रिस्क बढ़ जाता है.

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ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया के कारण

  • मोटापे की वजह से यह बीमारी होती है. मोटापे के शिकार व्यक्ति की श्वास नली के ऊपरी हिस्से में फैट जमा हो जाता है. जिससे सांस लेने में मुश्किल होती है. मोटापे से जुड़ी बीमारी में हाइपो थायराइड और पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम की वजह से भी यह बीमारी हो सकती है.
  • ज्यादा उम्र होने के कारण भी स्लीप एपनिया होने की संभावना भी बढ़ जाती है
  • बचपन से ही श्वासनली सक्रिय होने के कारण या फिर टॉन्सिल्स के बढ़ने की वजह से श्वासनली का रास्ता बाधित हो जाता है.
  • हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज, हाइपरटेंशन और डायबिटीज की समस्या से ग्रसित लोगों में भी यह बीमारी ज्यादा देखने को मिलती है
  • धूम्रपान करने वालों में भी स्लीप एपनिया होने का खतरा ज्यादा होता है अगर परिवार में किसी को पहले स्लीप एपनिया की बीमारी रही हो तो इससे दूसरों को भी होने की संभावना ज्यादा बढ़ जाती है महिलाओं की तुलना में पुरुषों को स्लीप एपनिया की बीमारी ज्यादा होती है महिलाओं में मेनोपॉज के बाद यह समस्या देखने को मिलती है
  • कई रिसर्च में अस्थमा की बीमारी और ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया के बीच में भी संबंध पाया गया है

ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें

ऐसे कुछ खास लक्षण के दिखने पर डॉक्टर से तुरंत संपर्क करना चाहिए. जब खर्राटों की आवाज इतनी तेज हो जाए कि, इससे दूसरों को दिक्कत हो या फिर जब नींद के दौरान सांस रुकने लगे या फिर उठने के बाद हांफने लगे तो बिना देरी के डॉक्टर से संपर्क करें. थकान या चिड़चिड़ापन महसूस होती है तो इसकी जानकारी भी डॉक्टर को देनी चाहिए.

Last Updated : Feb 21, 2022, 8:17 PM IST
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