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SPECIAL: कोरोना का खौफ, 4 महीने से सार्वजनिक पार्किंग स्थलों में खड़ी हैं गाड़ियां

लॉकडाउन के बाद से सामान्य दिनों की तुलना में पार्किंग स्थलों में गाड़ियों की संख्या काफी कम हो गई है. कोरोना वायरस की वजह से लोग आज बाहर निकलने से डर रहे हैं, इसका असर पार्किंग स्थलों में काम करने वाले कर्मचारियों, ठेकेदारों और नगर निगम के राजस्व पर पड़ रहा है.

vehicles decreased at parking spots
कोरोना का खौफ
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Published : Jul 16, 2020, 5:20 PM IST

रायपुर: कोविड-19 संक्रमण और लॉकडाउन का असर सभी जगह देखने को मिला है. मजदूर से लेकर उद्योगपति तक इससे प्रभावित हुए हैं. इसी कड़ी में ETV भारत ने राजधानी रायपुर के पार्किंग स्थलों का जायजा लिया है. सामान्य दिनों की तुलना में इन पार्किंग स्थलों पर आज गाड़ियों की संख्या काफी कम हो गई है. पार्किंग स्थलों में सामान्य दिनों में जितनी गाड़ियों की पार्किंग होती है लॉकडाउन के बाद यहां गाड़ियों की संख्या आधे से भी कम रह गई है. इस कारण नगर निगम और ठेकेदारों को आर्थिक रूप से नुकसान का सामना करना पड़ रहा है.

पार्किंग स्थलों में कम हुई गाड़ियों की संख्या

राजधानी रायपुर में छोटे बड़े मिलाकर लगभग 25 पार्किंग स्थल हैं, जहां रोजाना हजारों लोग अपने दुपहिया और चार पहिया वाहनों को पार्किंग में रखते थे, ताकि उनकी गाड़ियां सुरक्षित रह सकें. ETV भारत ने राजधानी के 3 पार्किंग स्थलों का जायजा लिया जिसमें रेलवे, मेकाहारा हॉस्पिटल और नगर निगम की ओर से संचालित जय स्तंभ चौक पर स्थित तीन मंजिला मल्टी लेवल पार्किंग स्थल शामिल हैं.

पढ़ें-SPECIAL: कनकेश्वर शिव धाम में कभी लगता था भक्तों का तांता, कोरोना काल ने लगा दी पाबंदी

लोगों के बीच कोरोना का डर

इन पार्किंग स्थलों में काम करने वाले स्टाफ का कहना है कि, लॉकडाउन के बाद से सामान्य दिनों की तुलना में यहां पर बहुत कम लोग अपने दुपहिया और चारपहिया वाहनों को पार्किंग में खड़ा किया है. लोगों में आज भी कोरोना का भय बना हुआ है, जिस कारण लोग अपनी गाड़ियां पार्किंग में नहीं लगा रहे. पार्किंग स्थल में सामान्य दिनों की बात की जाए, तो 1 दिन में एक पार्किंग स्थल पर लगभग 1000 गाड़ियां पार्किंग होती थी, अब यह संख्या घटकर लगभग 300 के करीब पहुंच गई है.

पढ़ें- SPECIAL : कहीं 'बैलगाड़ी' न बन जाए डीजल गाड़ियां

मार्च से बंद पार्किंग स्थल

पार्किंग स्थलों में काम कर रहे लोगों को लॉकडाउन के समय भी ड्यूटी करनी होती थी, चाहे यहां पर गाड़ी पार्किंग हो या ना हो. ठेकेदारों ने भी मुश्किल समय में कर्मचारियों को वेतन दिया. रेलवे स्टेशन स्थित पार्किंग स्थल को कोरोना के कारण 22 मार्च से बंद कर दिया गया है जो आज भी बंद पड़ा हुआ है. यहां कुछ गाड़ियां जरूर खड़ी हैं, लेकिन ये गाड़ियां लॉकडाउन के पहले की हैं. जिसे अब तक कोई वापस ले जाने के लिए नहीं आया है.

vehicles decreased at parking spots
पार्किंग स्थलों में महीनों से रखी गाड़ियां

नगर निगम को राजस्व का नुकसान

राजधानी में छोटे-बड़े मिलाकर लगभग 25 पार्किंग स्थल हैं, जिसमें जय स्तंभ चौक पर मौजूद मल्टी लेवल पार्किंगस्थल, बूढ़ा तालाब स्थित पार्किंग स्थल, अनुपम गार्डन के पास स्थित पार्किंग स्थल इस तरह से 5 पार्किंग स्थल का संचालन नगर निगम रायपुर कर रहा है. नगर निगम के अपर आयुक्त पुलक भट्टाचार्य का कहना है कि लॉकडाउन की वजह से पार्किंग स्थलों में गाड़ियों की संख्या में कमी जरूर आई है और राजस्व को नुकसान भी हुआ है.

रायपुर: कोविड-19 संक्रमण और लॉकडाउन का असर सभी जगह देखने को मिला है. मजदूर से लेकर उद्योगपति तक इससे प्रभावित हुए हैं. इसी कड़ी में ETV भारत ने राजधानी रायपुर के पार्किंग स्थलों का जायजा लिया है. सामान्य दिनों की तुलना में इन पार्किंग स्थलों पर आज गाड़ियों की संख्या काफी कम हो गई है. पार्किंग स्थलों में सामान्य दिनों में जितनी गाड़ियों की पार्किंग होती है लॉकडाउन के बाद यहां गाड़ियों की संख्या आधे से भी कम रह गई है. इस कारण नगर निगम और ठेकेदारों को आर्थिक रूप से नुकसान का सामना करना पड़ रहा है.

पार्किंग स्थलों में कम हुई गाड़ियों की संख्या

राजधानी रायपुर में छोटे बड़े मिलाकर लगभग 25 पार्किंग स्थल हैं, जहां रोजाना हजारों लोग अपने दुपहिया और चार पहिया वाहनों को पार्किंग में रखते थे, ताकि उनकी गाड़ियां सुरक्षित रह सकें. ETV भारत ने राजधानी के 3 पार्किंग स्थलों का जायजा लिया जिसमें रेलवे, मेकाहारा हॉस्पिटल और नगर निगम की ओर से संचालित जय स्तंभ चौक पर स्थित तीन मंजिला मल्टी लेवल पार्किंग स्थल शामिल हैं.

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लोगों के बीच कोरोना का डर

इन पार्किंग स्थलों में काम करने वाले स्टाफ का कहना है कि, लॉकडाउन के बाद से सामान्य दिनों की तुलना में यहां पर बहुत कम लोग अपने दुपहिया और चारपहिया वाहनों को पार्किंग में खड़ा किया है. लोगों में आज भी कोरोना का भय बना हुआ है, जिस कारण लोग अपनी गाड़ियां पार्किंग में नहीं लगा रहे. पार्किंग स्थल में सामान्य दिनों की बात की जाए, तो 1 दिन में एक पार्किंग स्थल पर लगभग 1000 गाड़ियां पार्किंग होती थी, अब यह संख्या घटकर लगभग 300 के करीब पहुंच गई है.

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मार्च से बंद पार्किंग स्थल

पार्किंग स्थलों में काम कर रहे लोगों को लॉकडाउन के समय भी ड्यूटी करनी होती थी, चाहे यहां पर गाड़ी पार्किंग हो या ना हो. ठेकेदारों ने भी मुश्किल समय में कर्मचारियों को वेतन दिया. रेलवे स्टेशन स्थित पार्किंग स्थल को कोरोना के कारण 22 मार्च से बंद कर दिया गया है जो आज भी बंद पड़ा हुआ है. यहां कुछ गाड़ियां जरूर खड़ी हैं, लेकिन ये गाड़ियां लॉकडाउन के पहले की हैं. जिसे अब तक कोई वापस ले जाने के लिए नहीं आया है.

vehicles decreased at parking spots
पार्किंग स्थलों में महीनों से रखी गाड़ियां

नगर निगम को राजस्व का नुकसान

राजधानी में छोटे-बड़े मिलाकर लगभग 25 पार्किंग स्थल हैं, जिसमें जय स्तंभ चौक पर मौजूद मल्टी लेवल पार्किंगस्थल, बूढ़ा तालाब स्थित पार्किंग स्थल, अनुपम गार्डन के पास स्थित पार्किंग स्थल इस तरह से 5 पार्किंग स्थल का संचालन नगर निगम रायपुर कर रहा है. नगर निगम के अपर आयुक्त पुलक भट्टाचार्य का कहना है कि लॉकडाउन की वजह से पार्किंग स्थलों में गाड़ियों की संख्या में कमी जरूर आई है और राजस्व को नुकसान भी हुआ है.

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