रायपुर: राजधानी रायपुर के दो निजी अस्पतालों ने शहर के दो होटलों से अनुबंध करते हुए इन्हें कोरोना केयर सेंटर के रूप में तैयार कर लिया है. बुधवार से इनमें से एक सेंटर में 2 मरीज की भर्ती होने के साथ ही प्रदेश में पहली बार होटल में कोरोना मरीजों का इलाज शुरू हो गया. बता दें कि इलाज का खर्च निजी अस्पतालों में 1 दिन का 7000 से ₹10,000 प्रतिदिन प्रति मरीज पड़ता है.यह होटल खासकर वीआईपी और वीवीआईपी अफसरों और पैसे वालों के लिए है. जहां रहकर वो अपना इलाज करा सकते हैं.
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सरकारी अस्पतालों पर कम पड़ेगा भार
अभी तक मरीजों को सिर्फ सरकारी अस्पतालों में और ESIC हॉस्पिटल में भर्ती कराया जाता रहा था. ESIC हॉस्पिटल में प्रतिदिन इलाज का खर्चा ₹1448 प्रति मरीज है. प्रदेश में लगातार बढ़ रहे संक्रमण को देखते हुए राज्य सरकार ने निजी अस्पताल प्रबंधन के साथ बैठक की. जिसमें ये तय किया गया की जिस तरह दिल्ली, मुंबई में ए सिंप्टोमेटिक मरीज जो कि बिना लक्षण वाले होते हैं उन्हें होटल में रखकर इलाज कराया जा रहा है, ठीक उसी तरह रायपुर में इस तरह की सुविधा शुरू की जा रही है जिससे सरकारी कोविड-19 अस्पतालों पर कम भार पड़ेगा.
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होटल के साथ डॉक्टर, नर्स और दूसरे स्टाफ का खर्च भी देना पड़ेगा
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार होटल में 150 से अधिक रूम है और कम से कम इतने ही मरीज होटलों में भर्ती हो सकते हैं. इन सभी रूम में सभी क्लास की सुविधाएं उपलब्ध है. होटल प्रबंधन द्वारा एक मरीज से लिए जाने वाले शुल्क में होटल के कमरे का चार्ज और खाने का चार्ज भी शामिल है. इसके अलावा दवाइयों का खर्चा, डॉक्टर, नर्स और अन्य स्टाफ भी मरीजों के लिए उपलब्ध रहेंगे.उनका खर्च भी मरीजों को देना पड़ेगा. अगर मरीज को अन्य आवश्यकता उपकरण जैसे ऑक्सीजन की आवश्यकता भी पड़ती है तो इसकी भी प्लानिंग है. होटल में बनाए गए कोरोना केयर सेंटर में 24 घंटे नर्स और डॉक्टर तैनात रहेंगे.
स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा है कि पहले पेड क्वॉरेंटाइन था. जो बाहर से आ रहे थे उनको 14 दिन के लिए क्वॉरेंटाइन में रखना था. अगर वो सरकारी जगह में नहीं जाना चाहते तो सरकार द्वारा बताए गए होटल में अपने पैसे से रह सकते हैं. उन्होंने कहा कि निजी अस्पताल कोविड-19 के पेशेंट को लेने के लिए सहमत नहीं है. इस वजह से ये व्यवस्था लागू की गई है.