रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 में भाजपा को 54, कांग्रेस को 35 और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी को 1 सीट मिली है. दोनों चरणों में मतदान प्रतिशत 76.30 प्रतिशत रहा. कुल 1 करोड़ 55 लाख 61 हजार 460 मतदाताओं ने मतदान किया. जिनमें 77 लाख 48 हजार 612 पुरुष मतदाता और 78 लाख 12 हजार 631 महिला मतदाता हैं. कुल मतदाताओं में से 1.26 प्रतिशत यानी 197678 वोटर्स ने नोटा को अपना वोट दिया. जो जेसीसीजे को छत्तीसगढ़ में मिले कुछ वोटों से ज्यादा है. जेसीसीजे को इस साल हुए विधानसभा चुनाव में 1.23 प्रतिश वोट मिले. यानी कुल 192406 वोट.
किसे कितना वोट प्रतिशत: हालांकि छत्तीसगढ़ में 2023 के चुनावों में नोटा वोट शेयर 2013 और 2018 के चुनावों की तुलना में काफी कम था. 2018 में 4.1 लाख से ज्यादा मतदाताओं और 2013 में 2.82 लाख से ज्यादा मतदाताओं ने नोटा का विकल्प चुना था. साल 2018 में नोटा को ज्यादा वोट मिलने के बावजूद, जेसीसीजे और बीएसपी गठबंधन ने सात सीटें हासिल की. आप को इस बार चुनाव में 0.93 प्रतिशत, सीपीआई को 0.39 प्रतिशत, सीपीआई-एम को 0.04 प्रतिशत, बीएसपी को .05%, एसपी को 0.04 प्रतिशत, एलजेपी को 0.00%, एलजेपीआरवी को 0.01% और अन्य को 5.55 प्रतिशत वोट मिले.
20 सीटों पर नोटा को ज्यादा वोट: छत्तीसगढ़ के 20 विधानसभा क्षेत्रों में नोटो को सबसे ज्यादा वोट मिले. इनमें से बस्तर संभाग के 6 विधानसभा सीट बस्तर, बीजापुर, चित्रकोट, जगदलपुर, केशकाल और कोंडागांव ने नोटा वोटों की तीसरी सबसे बड़ी संख्या दर्ज की गई. दंतेवाड़ा विधानसभा सीट पर सीपीआई उम्मीदवार ने नोटा को कड़ी टक्कर देते हुए तीसरा स्थान हासिल किया. यहां सीपीआई उम्मीदवार भीमसेन मंडावी को 9217 वोट मिले जबकि नोटा को 8260 वोट मिले. कई राउंड्स में नोटा तीसरे स्थान पर रहा.
- चित्रकोट को सबसे ज्यादा 7310 नोटा वोट
- केशकाल में 4335 नोटा वोट
- बिंद्रानवागढ़ में 3710 नोटा वोट
- बीजापुर में 3628 नोटा वोट
- साजा में 3600 नोटा वोट
- रामानुजगंज में 3501
- धरमजयगढ़ में 1714
- मोहलामानपुर में 3354 नोटा वोट
- कोंडागांव में 3214
- लुंड्रा 2906
- जगदलपुर 2836
- कुरुद 2756
- बस्तर 2738
- धमतरी 2695 नोटा वोट
- कुनकुरी 2532 नोटा
- लैलुंगा 2328 सीट
- खैरागढ़ 2312
- आरंग 2255
- अभनपुर- 2087 नोटा वोट
- बसना 1443 नोटा वोट
क्या है नोट: ईवीएम में नोटा यानी None of The Above का विकल्प मतदाताओं के लिए रखा गया है. 2014 में राज्यसभा चुनावों में नोटा का पहली बार प्रयोग किया गया. नोटा बटन दबाकर वोटर ईवीएम में दिए गए किसी भी प्रत्याशी को वोट ना देने का अधिकार देता है.