रायपुर: छत्तीसगढ़ में लगातार क्राइम की घटनाओं में तेजी आती जा रही है. राजधानी रायपुर में तो अपराध का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है. लेकिन बढ़ती क्राइम की घटनाओं के साथ-साथ यहां अपराधियों के नए ट्रेंड ने सुरक्षा के जानकार और मनोवैज्ञानिकों की चिंताएं बढ़ा दी है. यह ट्रेंड है अपराधियों द्धारा क्राइम का वीडियो बनाना. हाल के दिनों में राजधानी रायपुर में ऐसे कई मामले देखने को मिले हैं, जिसमें अपराधी सामने वाले व्यक्ति को मारता हुआ नजर आ रहा है और दूसरा व्यक्ति वीडियो बनाकर सोशल मीडिया में वायरल करता दिख रहा है. क्रिमिनल अपनी दहशत फैलाने के लिए इस तरह का वीडियो शूट कर वायरल कर रहा है. अपराध की दुनिया में इस तरह का चलन खतरनाक साबित हो रहा है.
पुलिस दावा कर रही है कि वह इस तरह के मामलों में लगातार कार्रवाई कर रही है. लेकिन ऐसा होता हुआ नहीं दिखाई दे रहा है. अपराधी अपनी दहशत फैलाने के लिए इस तरह का वीडियो बना रहे हैं. पुलिस भी इस तरह के वायरल वीडियो को रोकने का काम कर रही है. कई मामलों में पुलिस ने गिरफ्तारी भी की है. लेकिन वह इस मामले में सफल होते हुए नहीं दिखाई दे रहे हैं
केस नंबर 1
कुछ महीने पहले एक वीडियो सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रहा था. जिसमें दो गुट आपस में मारपीट करते हुए नजर आए थे. यह पूरी मारपीट जयस्तंभ चौक के पास हुई थी. जिसका वीडियो सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रहा था. दरअसल यह पूरा मामला दुर्गा कॉलेज के फ्रेशर पार्टी का है. यह फ्रेशर पार्टी रायपुर वीआईपी रोड स्थित डांस बार में आयोजित किया गया था. जिसमें विवेकानंद और दुर्गा कॉलेज के छात्रों के बीच फ्रेशर पार्टी में एक युवती से छेड़छाड़ को लेकर बहस हुई. जिसके बाद वहां से मामला शांत नहीं हुआ. वहीं युवकों ने फोन करके जयस्तंभ चौक पर कुछ असामाजिक तत्वों को बुलाया और वहां पर मारपीट शुरू कर दी. जिसमें बहुत सारे युवकों को चोट भी आई इस मामले के आरोपी अभी भी फरार है.
केस नंबर 2
कुछ महीने पहले बैरन बाजार से एक वीडियो सामने आया था. जहां कुछ असामाजिक तत्वों ने एक लड़के को गली में दौड़ा दौड़ा कर मारा. जिसके बाद उन लड़कों ने मारपीट का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया में भी वायरल किया है. जिस पर पुलिस ने तुरंत संज्ञान में लेते हुए एसपी के निर्देश पर तीन आरोपियों को अगले दिन पकड़ लिया
लगातार प्रदेश में कानून व्यवस्था और माहौल खराब करने की मंशा को लेकर अपराधी मारपीट कर वीडियो वायरल कर समाज में दहशत फैलाने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन आखिर अपराधी ऐसी घटना को वायरल क्यों करते हैं. इस बारे में ईटीवी भारत ने पुलिस अधिकारी और डॉक्टर से बातचीत की है. मनोवैज्ञानिक ने ऐसी घटनाओं पर चिंता जाहिर की है.
अपोजिट बिहेवियर की तरफ व्यक्ति होता है आकर्षित
मनोवैज्ञानिक डॉक्टर सुरभि दुबे ने बताया कि हमें समझना होगा कि, जो आपराधिक घटनाएं होती है या मारपीट के वीडियो होते हैं. पब्लिक उसे देखना पसंद करती है उसका रीजन यह है कि जो हम आम दिनचर्या में नहीं देखते हैं. उसे देखना व्यक्ति पसंद करता है. जैसे हम देखेंगे की फिल्म में भी अगर हीरो, विलेन को मारता है तो दर्शकों को अच्छा लगता है. आजकल वीडियो गेम की दुनिया ने भी ऐसी मनोवृत्ति की तरफ लोगों को आकृष्ट किया है. इसी वजह से लोग ऐसे वीडियो को वायरल भी करते हैं
हिंसक बिहेवियर को कंट्रोल करने की जरूरत
हिंसा किसी के लिए भी अच्छा नहीं होता. हिंसा के दौर का असर बच्चों से लेकर युवाओं में गलत तरीके से पड़ता है. जिस माहौल में बच्चे बड़े होते हैं उसकी छाप उनके दिल दिमाग पर पड़ता है. अगर बचपन से किसी बच्चे के अंदर मारपीट और एक्शन का रुझान आ जाता है तो वह बड़ा होकर वैसा ही करने लगता है. यही वजह है कि वह हिंसात्मक हो जाता है. आज के दौर में भी ऐसा ही हो रहा है. जरूरत है इस तरह के बर्ताव को कंट्रोल करने की. सोसाइटी में भी इस तरह के वीडियोज को वायरल करने पर स्ट्रिक्ट एक्शन की जरूरत है.
हम ऐसे वीडियो वायरल करने वालों के खिलाफ करते हैं कार्रवाई-पुलिस
रायपुर एडिशनल एसपी तारकेश्वर पटेल ने बताया कि मोबाइल व्हाट्सएप ग्रुप में इस तरह का वीडियो वायरल करने वालों के खिलाफ कार्रवाई होती है. इसके लिए साइबर लॉ हैं और आईटी एक्ट के तहत कई धाराएं बनी हुई है. आईटी एक्ट के जितने भी प्रकरण हैं उनमें जमानत नहीं मिलता है. ऐसे आरोप सिद्ध होने पर जेल का प्रावधान है. पुलिस भी अभियान चला कर लोगों से अपील कर रही है कि इस तरह के वीडियो को वायरल न करें.