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EXCLUSIVE: 3 दिन बाद भी कोरोना संक्रमित को अस्पताल ले जाने नहीं पहुंची टीम, परिवार ने लगाई गुहार

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Published : Jul 25, 2020, 3:53 PM IST

Updated : Jul 25, 2020, 5:55 PM IST

राजधानी रायपुर में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है. यहां कोरोना से संक्रमित एक मरीज को इलाज के लिए अभी तक अस्पताल में भर्ती नहीं कराया गया है. इधर परिवार का कहना है कि रिपोर्ट आए तीन दिन बीत गए हैं लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने अभी तक सुध नहीं ली है.

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मरीज को ले जाने नहीं पहुंचा स्वास्थ्य अमला

रायपुर: छत्तीसगढ़ में कोरोना के बेलगाम संक्रमण से लोग दहशत में हैं. लगातार मरीजों की संख्या बढ़ रही है और धीरे-धीरे स्वास्थ्य विभाग के इंतजामों की पोल खुल रही है. राजधानी रायपुर में बड़ी लापरवाही देखने को मिली है. यहां कोरोना मरीज के परिजन अस्पताल प्रबंधन और प्रशासन को खुद जाकर जानकारी दे रहे हैं कि उनके घर का सदस्य कोरोना पॉजिटिव है. बावजूद इसके मरीजों को स्वास्थ्य विभाग इलाज के लिए अस्पताल लेकर नहीं जा रहा है, जिससे मरीज की जान को तो खतरा है ही, साथ ही दूसरे लोगों में भी कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ता दिख रहा है.

रायपुर स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही

कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के परिजनों का कहना है कि पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल मेकाहारा और क्षेत्र के संबंधित थाने में जाकर सूचना दी, लेकिन तीन दिन बीत जाने के बाद उसको कोविड-19 अस्पताल नहीं ले जाया गया. ऐसे में इलाके में कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ता जा रहा है. जबकि राजधानी रायपुर पहले ही कोरोना हॉटस्पॉट बन चुका है, लेकिन विभाग गंभीर नजर नहीं आ रहा है. मरीज की रिपोर्ट तीन दिन पहले पॉजिटिव आई थी.

इलाका अब भी नहीं हुआ सील
मरीज के परिजन क्षेत्र के पार्षद से लेकर ETV भारत से मदद की गुहार लगा रहे हैं. बड़ी हैरत की बात है कि कोविड-19 की गाइडलाइन के मुताबिक पॉजिटिव आने पर न केवल मरीज को, बल्कि उसके परिजनों को क्वॉरेंटाइन करने के साथ क्षेत्र को सील कर दिया जाता है, लेकिन यहां तो तमाम चीजें उल्टी ही नजर आ रही हैं.

एक ही कमरा, एक ही बाथरूम, चार सदस्य
मरीज के परिजन ने बताया वे लोग किराए के घर में रहते हैं. उनके पास एक ही कमरा है. उस कमरे में संक्रमित मरीज समेत चार अन्य लोग भी रहते थे. फिलहाल उन्होंने मरीज को अलग से कमरा दिया हुआ है, लेकिन खतरा अभी भी बना हुआ है, क्योंकि मरीज उसी घर में रह रहा है. वहीं पर वॉशरूम यूज कर रहा है. वहीं नहा रहा है और वहीं पर खाना खा रहा है.

अस्पताल जाने के लिए इंतजार कर रहे मरीज

परिजन बता रहे हैं कि कोरोना जांच रिपोर्ट लेने के लिए भी वे 2 दिन तक लगातार अस्पताल का चक्कर काटते रहे हैं. रिपोर्ट पॉजिटिव आने का मैसेज भी फोन पर नहीं आया है. जब रिपोर्ट पॉजिटिव आई तब वे एम्स अस्पताल गए, लेकिन किसी ने भी कोई खोज खबर नहीं ली. उन्होंने पुलिस थाने में भी बात की, लेकिन अब तक कुछ नहीं हो पाया है. मरीज और उनका परिवार आमापारा स्थित एक बस्ती में रहता है. अभी भी मरीज और मरीज के परिजन अस्पताल जाने के लिए इंतजार ही कर रहे हैं.

रायपुर में 800 से ज्यादा मरीजों की पहचान

राजधानी रायपुर में पिछले सप्ताह भर में 800 से ज्यादा मरीज मिल चुके हैं. इतना ही नहीं प्रदेश में लगातार मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है. सबसे बड़ी बात है कि अब स्वास्थ्य विभाग भी हाथ खड़े करता नजर आ रहा है. ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि खासकर राजधानी रायपुर में तमाम अस्पतालों में बेड फुल हो चुके हैं.

बीजेपी ने सरकार पर लगाए कई आरोप

इस मामले को लेकर विपक्ष में बैठी भारतीय जनता पार्टी ने भी राज्य सरकार पर निशाना साधा है. छत्तीसगढ़ सरकार पर अव्यवस्था का आरोप लगाया है. पूर्व सभापति नगर निगम प्रफुल्ल विश्वकर्मा का कहना है कि कोई पहला मामला नहीं है कि जब रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बावजूद कई दिनों तक मरीज और परिजन इंतजार कर रहे हों. ऐसे कई मामले लगातार सामने आ रहे हैं. हम भी अपने स्तर पर कोशिश कर रहे हैं कि जल्द से जल्द मरीजों को अस्पताल ले जाया जाए, लेकिन यह स्वास्थ्य विभाग की और छत्तीसगढ़ सरकार की बड़ी नाकामी है. इस दौर में दावा पर बात करने वाली सरकार के पास मरीजों के उपचार को लेकर कोई व्यवस्था नहीं है.

रायपुर: छत्तीसगढ़ में कोरोना के बेलगाम संक्रमण से लोग दहशत में हैं. लगातार मरीजों की संख्या बढ़ रही है और धीरे-धीरे स्वास्थ्य विभाग के इंतजामों की पोल खुल रही है. राजधानी रायपुर में बड़ी लापरवाही देखने को मिली है. यहां कोरोना मरीज के परिजन अस्पताल प्रबंधन और प्रशासन को खुद जाकर जानकारी दे रहे हैं कि उनके घर का सदस्य कोरोना पॉजिटिव है. बावजूद इसके मरीजों को स्वास्थ्य विभाग इलाज के लिए अस्पताल लेकर नहीं जा रहा है, जिससे मरीज की जान को तो खतरा है ही, साथ ही दूसरे लोगों में भी कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ता दिख रहा है.

रायपुर स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही

कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के परिजनों का कहना है कि पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल मेकाहारा और क्षेत्र के संबंधित थाने में जाकर सूचना दी, लेकिन तीन दिन बीत जाने के बाद उसको कोविड-19 अस्पताल नहीं ले जाया गया. ऐसे में इलाके में कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ता जा रहा है. जबकि राजधानी रायपुर पहले ही कोरोना हॉटस्पॉट बन चुका है, लेकिन विभाग गंभीर नजर नहीं आ रहा है. मरीज की रिपोर्ट तीन दिन पहले पॉजिटिव आई थी.

इलाका अब भी नहीं हुआ सील
मरीज के परिजन क्षेत्र के पार्षद से लेकर ETV भारत से मदद की गुहार लगा रहे हैं. बड़ी हैरत की बात है कि कोविड-19 की गाइडलाइन के मुताबिक पॉजिटिव आने पर न केवल मरीज को, बल्कि उसके परिजनों को क्वॉरेंटाइन करने के साथ क्षेत्र को सील कर दिया जाता है, लेकिन यहां तो तमाम चीजें उल्टी ही नजर आ रही हैं.

एक ही कमरा, एक ही बाथरूम, चार सदस्य
मरीज के परिजन ने बताया वे लोग किराए के घर में रहते हैं. उनके पास एक ही कमरा है. उस कमरे में संक्रमित मरीज समेत चार अन्य लोग भी रहते थे. फिलहाल उन्होंने मरीज को अलग से कमरा दिया हुआ है, लेकिन खतरा अभी भी बना हुआ है, क्योंकि मरीज उसी घर में रह रहा है. वहीं पर वॉशरूम यूज कर रहा है. वहीं नहा रहा है और वहीं पर खाना खा रहा है.

अस्पताल जाने के लिए इंतजार कर रहे मरीज

परिजन बता रहे हैं कि कोरोना जांच रिपोर्ट लेने के लिए भी वे 2 दिन तक लगातार अस्पताल का चक्कर काटते रहे हैं. रिपोर्ट पॉजिटिव आने का मैसेज भी फोन पर नहीं आया है. जब रिपोर्ट पॉजिटिव आई तब वे एम्स अस्पताल गए, लेकिन किसी ने भी कोई खोज खबर नहीं ली. उन्होंने पुलिस थाने में भी बात की, लेकिन अब तक कुछ नहीं हो पाया है. मरीज और उनका परिवार आमापारा स्थित एक बस्ती में रहता है. अभी भी मरीज और मरीज के परिजन अस्पताल जाने के लिए इंतजार ही कर रहे हैं.

रायपुर में 800 से ज्यादा मरीजों की पहचान

राजधानी रायपुर में पिछले सप्ताह भर में 800 से ज्यादा मरीज मिल चुके हैं. इतना ही नहीं प्रदेश में लगातार मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है. सबसे बड़ी बात है कि अब स्वास्थ्य विभाग भी हाथ खड़े करता नजर आ रहा है. ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि खासकर राजधानी रायपुर में तमाम अस्पतालों में बेड फुल हो चुके हैं.

बीजेपी ने सरकार पर लगाए कई आरोप

इस मामले को लेकर विपक्ष में बैठी भारतीय जनता पार्टी ने भी राज्य सरकार पर निशाना साधा है. छत्तीसगढ़ सरकार पर अव्यवस्था का आरोप लगाया है. पूर्व सभापति नगर निगम प्रफुल्ल विश्वकर्मा का कहना है कि कोई पहला मामला नहीं है कि जब रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बावजूद कई दिनों तक मरीज और परिजन इंतजार कर रहे हों. ऐसे कई मामले लगातार सामने आ रहे हैं. हम भी अपने स्तर पर कोशिश कर रहे हैं कि जल्द से जल्द मरीजों को अस्पताल ले जाया जाए, लेकिन यह स्वास्थ्य विभाग की और छत्तीसगढ़ सरकार की बड़ी नाकामी है. इस दौर में दावा पर बात करने वाली सरकार के पास मरीजों के उपचार को लेकर कोई व्यवस्था नहीं है.

Last Updated : Jul 25, 2020, 5:55 PM IST
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