रायपुर: प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. इस बीच कोरोना के नए वैरिएंट की प्रदेश में दस्तक से हर कोई दहशत में हैं. लोगों में भी बदलते मौसम के साथ-साथ सर्दी-खांसी, बुखार की शिकायतें अधिक देखने को मिल रही है. मौजूदा समय में मौसमी बीमारी और ओमीक्रोन के लक्षण को पहचान पाना मुश्किल सा हो गया है. ऐसे में जरूरी है कि प्रदेश में ज्यादा से ज्यादा कोरोना टेस्टिंग हो.
राज्य सरकार द्वारा जारी किए गए गाइडलाइन में कोरोना टेस्टिंग के लिए कहा गया है. क्योंकि बस, ट्रेन और फ्लाइट से दूसरे देशों से और राज्यों से यात्री आ जा रहे हैं. ऐसे में जरूरी है कि बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट पर टेस्टिंग जरूरी हो. बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच ईटीवी भारत ने रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड में कोरोना टेस्टिंग का जायजा (Corana testing station and airport in Raipur) लिया. इस दौरान नजारा कुछ और ही देखने को मिला.
शाम के बाद रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड में नहीं हो रही टेस्टिंग
रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड में कोरोना टेस्टिंग तो की जा रही है. लेकिन शाम 4:00 बजे के बाद जब रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर सबसे ज्यादा भीड़ लगती है. तब दोनों ही जगह टेस्टिंग नहीं की (negligence in Corona testing) जा रही है. जो कि स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही को साफ तौर पर दर्शाता है. प्रदेश में वैसे ही तेजी से संक्रमित मरीज बढ़ रहे हैं. इस लापरवाही से प्रदेश में संक्रमित मरीजों की संख्या में इजाफा साफ तौर पर देखने को मिल रहा है. इस बीच प्रदेश में मौत का आंकड़ा भी बढ़ा है.
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रेलवे स्टेशन में यात्रियों का किया जा रहा वैक्सीनेशन
इस विषय में रेलवे स्टेशन पर तैनात स्वास्थ्य कर्मी ने बताया कि, हमारे द्वारा रेलवे स्टेशन में जितने भी यात्री दूसरे राज्यों से आ रहे हैं. उनकी टेस्टिंग की जा रही है. जिन्होंने दोनों डोज लगा लिए हैं उनकी भी टेस्टिंग रेलवे स्टेशन पर की जा रही है. जो यात्री पिछले 3 दिन के अंदर RT-PCR का नेगेटिव रिपोर्ट दिखा रहे हैं. सिर्फ उन्हीं को बिना टेस्टिंग के रेलवे स्टेशन से बाहर जाने दिया जा रहा है. इसके अलावा सभी की टेस्टिंग रेलवे स्टेशन में की जा रही है. लेकिन रेलवे स्टेशन में स्वास्थ्य कर्मी की सिर्फ 1 ही टीम लगाई गई है. जो सुबह 8 बजे से शाम 4 बजे तक लोगों का कोरोना टेस्ट कर रहे हैं.
लोग खुद कोरोना टेस्टिंग से भाग रहे हैं
बस स्टैंड स्वास्थ्य कर्मचारी ने बताया कि बस स्टैंड में कोरोना टेस्टिंग के लिए डेस्क तो लगाया गया है, लेकिन लोग खुद लापरवाह हैं. बस स्टैंड में बहुत भीड़ रहती है. ऐसे में हम कोशिश करते हैं कि जितने लोगों को बस स्टैंड में टेस्टिंग कर सकें. उतना करें, लेकिन लोग खुद टेस्टिंग के लिए नहीं आते हैं. हमारी ड्यूटी सुबह 8:00 बजे से शाम 4:00 बजे तक बस स्टैंड में लगाई गई है.
फ्लाइटों में यात्रियों की संख्या हुई कम
प्रदेश में फ्लाइट की संख्या भी कम हुई है. यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या भी काफी कम हुई है. जहां 27 दिसंबर से 2 जनवरी तक रायपुर एयरपोर्ट से 386 फ्लाइट ने आवागमन किया. जिसमें 41 हजार 988 रेलयात्री रायपुर आए और गए. 3 जनवरी से 9 जनवरी तक फ्लाइटों की संख्या घटकर 364 हो गई. यात्रियों की संख्या भी काफी घटी है. 3 जनवरी से 9 जनवरी तक 31 हजार 750 यात्रियों ने रायपुर से यात्रा की है. यानी कि कोविड की वजह से सिर्फ 1 हफ्ते में लगभग 10 हजार यात्री कम हुए हैं.
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रेलवे स्टेशन पर गाइडलाइन का हो रहा पालन
इस बीच ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान रेलवे स्टेशन पर यात्री ने कहा कि, रेलवे स्टेशन में व्यवस्था अच्छी है. यात्रियों की भी टेस्टिंग हो रही है. वैक्सीनेशन भी किया जा रहा है. रेलवे स्टेशन में मास्क भी लोगों के चेहरे पर नजर आ रहा है. सोशल डिस्टेंसिंग भी दिख रही है. प्रदेश में लगतार संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ रही है. ऐसे में जरूरी है कि लोग गाइडलाइन का पालन करें और लापरवाही ना बरतें.
लोगों में कोरोना को लेकर दिखी लापरवाही
बस से यात्रा करने वाले यात्रियों ने बताया कि प्रदेश में लगातार संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ रही है. ऐसे में वैक्सीनेशन और टेस्टिंग काफी जरूरी हो जाती है. बस स्टैंड में कोरोना टेस्ट तो किया जा रहा है. लेकिन बहुत सारे ऐसे यात्री हैं. जो टेस्ट नहीं करा रहे हैं. कई ऐसे यात्री हैं जो सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं.