रायपुरः नवरात्रि का त्योहार (navratri 2021 ) भारतीय संस्कृति (Indian culture) में उत्साह, उल्लास और उमंग का त्योहार है. यह दुनियाभर में हिंदुओं द्वारा मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण त्योहार है. शारदीय नवरात्रि (Sharadiya Navratri) अश्विन शुक्ल पक्ष (Ashwin Shukla Paksha) की प्रतिपदा तिथि को शुरू होता है. नवरात्र को भारत में शरद ऋतु के आगमन का प्रतीक भी माना जाता है.
संस्कृत में नवरात्रि का अर्थ है नौ रातें, जिसमें देवी दुर्गा के नौ रूपों की एक विशेष क्रम में पूजा की जाती है. व्रत का पालन करने और विभिन्न अनुष्ठानों करने के साथ प्रत्येक दिन के लिए एक विशेष प्रसाद तैयार करना प्रतीकात्मक महत्व रखता है.बताया जाता है कि प्रेम और भक्ति के साथ अलग-अलग अवतारों की पूजा करने से शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक शक्तियां मिलती है. मां शारदे देवी का प्रत्येक रूप विशेष शक्तियों और दैवीय गुणों की कुंजी है. इन नौ दिनों में मां को नौ प्रसादों का भोग लगाना चाहिए. ऐसा करने से माता प्रसन्न होती हैं. नौ दिनों तक शारदीय नवरात्र में नौ शक्तियों को प्रत्येक दिन देवी दुर्गा को अर्पित किए जाते हैं.
- मां शैलपुत्रीः मां शैलपुत्री 'पहाड़ों की बेटी' के रूप जानी जाती है, वह शक्तिशाली ऊर्जा देती है. जो आपको शक्ति और दृढ़ता का आशीर्वाद देती है. इन्हें देसी गाय के दूध से बना शुद्ध घी अर्पित किया जाता है. अगर पूर्णिमा की रात घी का मंथन किया हुआ अर्पण करें तो वह सर्वोतम माना जाता है.
- मां ब्रह्मचारिणीः स्वयं पर संयम और नियंत्रण के लिए आशीर्वाद देती है. दूसरा दिन अपनी ऊर्जाओं को बढ़ाने का दिन है. इन्हें गुड़ और दूध चढ़ाया जाता है. मिठाई में सफेद रंग होना चाहिए, जैसे नारियल की मिठाई देवी को 'भोग' के रुप में अर्पित करना चाहिए.
- मां चंद्रघंटाः इन्हें दूध से बने उत्पाद मिठाइयाँ आदि पसंदीदा हैं.
- मां कूष्मांडाः ये प्रगति और सफलता की देवी हैं. नारियल, नारियल पानी का प्रसाद पसंद करती हैं. गुड़ से बनी मिठाई को चढ़ाया जाना आदर्श माना जाता है.
- मां स्कंदमाताः मां स्कंदमाता को प्रसन्न करने के लिए उन्हें फल, विशेष रूप से केला चढ़ा सकते हैं.
- मां कात्यायिनी: कात्यायिनी देवी के लिए आदर्श भोग शहद और गुड़ है.
- मां कालरात्रि: दिव्य देवी कालरात्रि को प्रसाद के रूप में नारियल दिया जाना चाहिए.
- मां महागौरी: सूखे मेवों से बना हलवा अर्पित करना चाहिए.
- मां सिद्धिदात्री:इन्हें विशेष रूप से सेब और अनार के फल चढ़ाया जा सकता है.
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हालांकि नवमी तिथि को जब मां का भव्य भोग लगता हैं. उस समय मां को नारियल की बलि के साथ हलवा, चना और पुड़ी का भोग लगाना चाहिए. इस दिन हवन का खास महत्व होता है. साथ ही जो नौ कन्याएं भोजन के लिए आपके घर आए उनको दान-दक्षिणा के साथ बच्चों के मनपसंद की चीजें भेंट करें. इससे माता रानी प्रसन्न होती है.