रायपुर : राष्ट्रीय पोषण महीने का आयोजन 1 सितम्बर से किया जाएगा. इस साल डिजिटल जन-आंदोलन के रूप में पोषण माह मनाया जाएगा. छत्तीसगढ़ में पोषण अभियान के अंतर्गत 1 से 30 सितम्बर तक राष्ट्रीय पोषण माह का आयोजन किया जाएगा. कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए, इस साल राष्ट्रीय पोषण माह को डिजिटल जन-आंदोलन के रूप में मनाया जाएगा.
VC और वर्चुअल सेमिनार कार्यक्रम के जरिए होगा कार्यक्रम
इस दौरान कुपोषण के प्रति जन-जागरूकता के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, वर्चुअल सेमिनार कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा और सोशल प्लेटफार्म का उपयोग किया जाएगा, ताकि लोगों को जानकरी मिल सके.
बता दें कि, कुपोषण के स्तर में व्यापक कमी लाने के उद्देश्य से साल 2018 से देशव्यापी पोषण अभियान का संचालन किया जा रहा है. इस अभियान में व्यवहार परिवर्तन, संप्रेषण को एक प्रमुख घटक के रूप में रखा गया है.जन समुदाय तक पहुंच बढ़ाने और व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए जन-आंदोलन के रूप में हर साल राष्ट्रीय पोषण माह का आयोजन किया जाता है.
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2018 से मनाया जा रहा राष्ट्रीय पोषण माह
केन्द्रीय महिला व बाल विकास मंत्रालय की ओर से साल 2018 से राष्ट्रीय पोषण माह के रूप में मनाया जा रहा है. इसका उद्देश्य देश में कुपोषण की समस्या को खत्म करना है. इस अभियान का उद्देश्य ‘हर घर पोषण त्योहार’ का संदेश पहुंचाना है.
राष्ट्रीय पोषण मास
इसका उद्देश्य प्रसवपूर्व देखभाल, स्तनपान, एनीमिया, बालिकाओं के लिए पोषण का महत्व, स्वच्छता और विवाह की सही उम्र के बारे में जागरूकता फैलाना है. इसका आयोजन संयुक्त रूप से नीति आयोग, महिला व बाल विकास मंत्रालय की तरफ से किया जाता है. बता दें कि भारत में कुपोषण की समस्या काफी गंभीर है. सर्वे के मुताबिक भारत में औसतन 5 बच्चों में से एक बच्चा वेस्टेड (ऊंचाई के अनुरूप वज़न कम होना) है. इस अभियान का उद्देश्य बच्चों, महिलाओं व किशोरियों के शारीरिक विकास के मार्ग में बाधाओं को दूर करना है. इस अभियान का उद्देश 2022 तक बच्चों में स्टंटिंग (कुपोषण के कारण ऊंचाई कम होना) की दर को कम करना है.