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रायपुर में दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों का विरोध प्रदर्शन, गीत संगीत से बघेल सरकार को लगाई गुहार

Musical protest of daily wage workers रायपुर में वन विभाग के दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी हड़ताल पर हैं. हड़ताल के चौथे दिन कर्मचारियों ने गीत संगीत के जरिए सरकार को जगाने का काम किया है. नियमितिकरण और स्थाई नौकरी की मांग को लेकर कर्मचारी विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.Chhattisgarh daily wage forest workers union

Musical protest of daily wage workers
दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों का विरोध प्रदर्शन
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Published : Aug 24, 2022, 8:15 PM IST

Updated : Aug 25, 2022, 12:24 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के बूढ़ा तालाब धरना स्थल पर 20 अगस्त से वन विभाग के दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर (Musical protest of daily wage workers in Chhattisgarh) हैं. प्रदर्शन कर रहे सभी दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी वन विभाग में कार्यरत हैं. ये 2 सूत्रीय मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. इस विरोध प्रदर्शन में नियमितिकरण और नौकरी स्थाई करने की मांग शामिल है (Chhattisgarh daily wage forest workers union strike).

गीत संगीत से बघेल सरकार को लगाई गुहार

धरना स्थल पर गीत संगीत के साथ प्रदर्शन: वन विभाग के दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी धरना स्थल पर गीत संगीत के जरिए विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रदर्शनकारी कर्मचारी हारमोनियम के साथ गाना गा रहे हैं और सरकार तक अपनी गुहार पहुंचाने का काम कर रहे हैं. दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी प्रदर्शन स्थल पर हारमोनियम, ढोलक और मंजीरा के साथ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. गीत संगीत के जरिए कर्मचारी अपने साथियों का उत्साह बढ़ा रहे हैं और सरकार तक अपनी मांग पहुंचाने का काम कर रहे हैं. बाकी दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी भी इस कार्यक्रम का आनंद उठा रहे हैं



सीएम से लगा रहे गुहार: इस प्रदर्शन में दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी पुरुषोत्तम साहू ने बताया कि "अपनी मांगों को लेकर कुछ गीत भी लिखे हैं. जिन गीतों के माध्यम से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मांग पूरा करने के लिए गुहार लगा रहे हैं. वन विभाग में दैनिक वेतन भोगी के रूप में काम करने वाले कर्मचारियों की 2 सूत्रीय मांगें हैं. जिसमें पहली मांग स्थायीकरण और दूसरी मांग नियमितीकरण की है इन कर्मचारियों का कहना है कि जो कर्मचारी 2 साल की सेवा पूर्ण कर लिए हैं उन्हें स्थाई किया जाए और जो दैनिक वेतन भोगी 10 वर्ष की सेवा पूरा कर चुके हैं उन्हें नियमित किया जाए. पूरे प्रदेश में वन विभाग में दैनिक वेतन भोगी के रूप में काम करने वाले कर्मचारियों की संख्या लगभग 6500 हैं और इन कर्मचारियों को वेतन के रूप में प्रतिमाह 9 हजार रुपये ही वेतन मिलता है.

ये भी पढ़ें: बघेल सरकार की सदबुद्धि के लिए जशपुर में कर्मचारियों ने भगवान जगन्नाथ से की आराधना


सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप: छत्तीसगढ़ दैनिक वेतन भोगी वन कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री रामकुमार सिन्हा ने बताया कि "वन विभाग में दैनिक वेतन भोगी के रूप में काम करते हुए कर्मचारियों ने 2 साल से लेकर 17 साल तक की सेवा पूरी कर ली है. लेकिन इसके बावजूद उन्हें स्थाई नहीं किया जा रहा है. कांग्रेस ने सरकार बनने से पहले कर्मचारियों को नियमित करने का वादा किया था. लेकिन अभी तक यह वादा पूरा नहीं हो पाया है.

रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के बूढ़ा तालाब धरना स्थल पर 20 अगस्त से वन विभाग के दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर (Musical protest of daily wage workers in Chhattisgarh) हैं. प्रदर्शन कर रहे सभी दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी वन विभाग में कार्यरत हैं. ये 2 सूत्रीय मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. इस विरोध प्रदर्शन में नियमितिकरण और नौकरी स्थाई करने की मांग शामिल है (Chhattisgarh daily wage forest workers union strike).

गीत संगीत से बघेल सरकार को लगाई गुहार

धरना स्थल पर गीत संगीत के साथ प्रदर्शन: वन विभाग के दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी धरना स्थल पर गीत संगीत के जरिए विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रदर्शनकारी कर्मचारी हारमोनियम के साथ गाना गा रहे हैं और सरकार तक अपनी गुहार पहुंचाने का काम कर रहे हैं. दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी प्रदर्शन स्थल पर हारमोनियम, ढोलक और मंजीरा के साथ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. गीत संगीत के जरिए कर्मचारी अपने साथियों का उत्साह बढ़ा रहे हैं और सरकार तक अपनी मांग पहुंचाने का काम कर रहे हैं. बाकी दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी भी इस कार्यक्रम का आनंद उठा रहे हैं



सीएम से लगा रहे गुहार: इस प्रदर्शन में दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी पुरुषोत्तम साहू ने बताया कि "अपनी मांगों को लेकर कुछ गीत भी लिखे हैं. जिन गीतों के माध्यम से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मांग पूरा करने के लिए गुहार लगा रहे हैं. वन विभाग में दैनिक वेतन भोगी के रूप में काम करने वाले कर्मचारियों की 2 सूत्रीय मांगें हैं. जिसमें पहली मांग स्थायीकरण और दूसरी मांग नियमितीकरण की है इन कर्मचारियों का कहना है कि जो कर्मचारी 2 साल की सेवा पूर्ण कर लिए हैं उन्हें स्थाई किया जाए और जो दैनिक वेतन भोगी 10 वर्ष की सेवा पूरा कर चुके हैं उन्हें नियमित किया जाए. पूरे प्रदेश में वन विभाग में दैनिक वेतन भोगी के रूप में काम करने वाले कर्मचारियों की संख्या लगभग 6500 हैं और इन कर्मचारियों को वेतन के रूप में प्रतिमाह 9 हजार रुपये ही वेतन मिलता है.

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सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप: छत्तीसगढ़ दैनिक वेतन भोगी वन कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री रामकुमार सिन्हा ने बताया कि "वन विभाग में दैनिक वेतन भोगी के रूप में काम करते हुए कर्मचारियों ने 2 साल से लेकर 17 साल तक की सेवा पूरी कर ली है. लेकिन इसके बावजूद उन्हें स्थाई नहीं किया जा रहा है. कांग्रेस ने सरकार बनने से पहले कर्मचारियों को नियमित करने का वादा किया था. लेकिन अभी तक यह वादा पूरा नहीं हो पाया है.

Last Updated : Aug 25, 2022, 12:24 PM IST
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