रायपुर : छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में सड़क हादसा (Road Accident in Raipur) रोकने के लिए किये जा रहे प्रयासों बावजूद इसमें कमी होती नजर नहीं आ रही है. जनवरी से नवंबर के बीच की के हादसों के आंकड़ों पर नजर डालें तो न इनमें कमी आई है और न ही उनसे होने वाली मौतें ही घटी हैं. आयेदिन सड़क दुर्घटना में किसी न किसी की मौत की खबर आती ही रहती है. साल 2020 के मुकाबले इस साल अब तक 11 महीने तक में महज एक हादसा कम हुआ है, जबकि मौत के आंकड़े में भी महज 8 की कमी है. वहीं हादसों को रोकने वाले खर्च बीते वर्ष के मुकाबले इस साल कहीं ज्यादा हुए हैं.
बता दें कि साल 2021 के अब तक 11 महीने के आंकड़ों पर नजर डालें तो अबतक 1597 हादसे हुए हैं. इन हादसों में हुई मौत का आंकड़ 428 है. जबकि हादसों में घायलों की संख्या 1185 है. इनमें ज्यादातर दुर्घटनाएं धरसीवां, खरोरा और आरंग समेत टाटीबंध चौक की हैं.
नहीं थम रहा मौत का आंकड़ा
पिछले 3 साल में हुए हादसों पर गौर करें तो साल 2020 और 21 में हुए हादसों और उनमें होने वाली मौतों में वृद्धि हुई है. साल 2019 में हुए कुल 2146 हादसों में 458 मौतें पूरे साल भर में हुईं थी. साल 2020 में मौत का यह आंकड़ा 1766 हादसों में कुल 482 था, जो दुर्घटनाओं में कमी को दर्शाता है. लेकिन उनमें होने वाली मौतों के आंकड़े जरूर बढ़ गए. वहीं साल 2021 में अब तक 11 महीने के आंकड़ों पर नजर डालें तो अबतक 1597 हादसे हुए हैं. इनमें हुई मौत का आंकड़ 428 है. जबकि हादसों में घायलों की कुल संख्या 1185 है.
इधर, अगर 11 महीने के आंकड़ों पर नजर डालें तो साल 2019 में 1985 हादसों में 413 मौतें हुई, जबकि 1576 लोग घायल हुए. वहीं साल 2020 में 1598 हादसों में 436 लोगों की मौतें हुईं और 1186 लोग घायल हुए. इस तरह देखा जाए तो साल 2020 और 2021 के आंकड़ों में मामूली अंतर है.
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कोरोना काल की वजह से थमे आंकड़े
अगर राजधानी रायपुर के सड़क हादसों के आंकड़ों पर नजर डालें तो साल 2019 में होने वाले हादसों के मुकाबले साल 2020 और 21 में हादसों में कमी आई है. इसका कारण इन दो सालों में लॉकडाउन का लगना रहा. नहीं तो कोरोना काल के इन 2 सालों में हादसे और उनमें होने वाली मौतों का रिकॉर्ड कुछ और ही बयां करता.
सबसे अधिक मौतें दोपहिया सवारों की
अगर इस वर्ष के हादसों की करें तो सबसे ज्यादा मौतें दोपहिया वाहन सवारों की हुई है. अब तक 118 दोपहिया वाहन सवारों की मौतें हुई हैं. इसके बाद करीब 102 मौतें ऐसे वाहनों से हुईं, जो अज्ञात हैं. ट्रक की चपेट में आने से 96, टैंकर से हुए हादसों में 11, बस के साथ भारी वाहन से 17, कार से 51, ऑटो रिक्शा से 5 और अन्य वाहनों की चपेट में आने से अब तक 21 लोगों की मौतें हुई हैं.
ये हैं रायपुर के ब्लैक स्पॉट
टाटीबंध चौक, पिंटू ढाबा सेरीखेड़ी, रिंग रोड नंबर 3 जिंदल मोड़, मंदिर हसौद बस स्टैंड चौक, महात्मा गांधी सेतु महानदी पारा गांव, धनेली नाला से मेटल पार्क मोड़ तक, भानपुरी तिराहा से यातायात थाना भानपुरी तक, गड़रिया नाला से ग्राम बेमता तक और सिंघानिया चौक से रजबंधा मैदान तक का क्षेत्र.
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केस-1 : पार्टी से लौट रहे थे छात्र, दो की हुई थी मौत
रायपुर एयरपोर्ट रोड पर 28 अगस्त की रात एक दर्दनाक हादसा हुआ था. इसमें कारसवार दो छात्रों की मौत हो गई थी. जबकि एक छात्र गंभीर रूप से घायल हो गया था. सभी पार्टी करने के बाद अपनी कार से वापस लौट रहे थे. इसी दौरान मवेशियों से टकराने के बाद उनकी कार पलट गई और सभी दुर्घटना के शिकार हो गए.
केस-2 : मॉडलिंग से लौट रही युवतियों में एक की मौके पर हुई थी मौत
मॉडलिंग इवेंट से लौट रही युवतियां 27 नवंबर की देर रात वीआईपी रोड चौक पर सड़क हादसे का शिकार हो गई थीं. घटना में तीन सगी बहनों समेत कुल छह लोगों को कार चालक ने रौंद दिया था. घटना में एक युवती की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि 4 लोग घायल हो गए थे.
ग्रामीण क्षेत्रों में सबसे अधिक दुर्घटनाएं
इस मामले में रायपुर यातायात डीएसपी सतीश ठाकुर (Raipur Traffic DSP Satish Thakur) ने बताया कि वर्ष 2021 में जनवरी से नवंबर तक कुल 428 मौतें हुई हैं. सड़क दुर्घटना में मौत का सबसे बड़ा कारण लापरवाही से वाहन चलाना, शराब पीकर वाहन चलाना और नियमों का पालन नहीं करते हुए वाहन चलाना है. इनमें सबसे अधिक संख्या दोपहिया वाहन चालकों की है. शाम 6 से लेकर रात 9 बजे तक सबसे अधिक दुर्घटनाएं हुई हैं.
यातायात डीएसपी सतीश ठाकुर ने लोगों से अपील करते हुए कहा है कि जब भी लोग हाई-वे पर सफर करें तो कार में सीट बेल्ट का इस्तेमाल जरूर करें. दोपहिया वाहन चालक हेलमेट जरूर पहनें और नियमों का पालन भी करें. उन्होंने बताया कि ज्यादातर दुर्घटनाएं धरसीवां, खरोरा और आरंग समेत ग्रामीण क्षेत्रों में हुई हैं. जबकि शहर में एक्सीडेंट का ग्राफ काफी कम है.