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मोहिनी एकादशी 2023: जानिए शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और महत्व - मोहिनी एकादशी

मोहिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से हर मनोकामना पूर्ण होती है. इस दिन नियमानुसार व्रत रखने के साथ खास विधि से पूजा-अर्चना करनी चाहिए.

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मोहिनी एकादशी
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Published : Apr 26, 2023, 7:09 PM IST

मोहिनी एकादशी 2023

रायपुर: मोहिनी एकादशी 2023 का व्रत 1 मई को मनाया जाएगा. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. मान्यता है कि भगवान विष्णु ने इसी दिन असुरों का वध करने के लिए मोहिनी का रूप धारण किया था. इसलिए इसे मोहिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है.

मोहिनी एकादशी का मुहूर्त: मोहिनी एकादशी का शुभ मुहूर्त वैशाख शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 30 अप्रैल 2023 रात्रि 8:28 से शुरू होगी. इसका समापन 1 मई 2023 को रात 10:09 पर होगा. उदया तिथि के अनुसार यह व्रत 1 मई 2023 सोमवार के दिन मनाया जाएगा. इस व्रत का पारण 2 मई को सुबह 5:40 से सुबह 8:19 तक रहेगा. मोहिनी एकादशी पर इस बार भद्रा का साया भी दिखाई पड़ रहा है. भद्रा 1 मई को सुबह 9:22 से रात्रि 10:09 तक रहेगा. मोहिनी एकादशी में रवि योग भी बन रहा है, जो सुबह 5:41 से सुबह 5:51 तक रहेगा.

ऐसे करें पूजा: पापों से मुक्ति के लिए भगवान विष्णु की पूजा आराधना की जाती है. मोहिनी एकादशी में एक बार फलाहार करें. मोहिनी एकादशी के दिन सात्विक और शुद्ध भोजन करना चाहिए. सुबह जल्दी उठकर स्नान, ध्यान और योग से निवृत्त होकर भगवान विष्णु की पूजा-आराधना करनी चाहिए. मोहिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु को मिठाई और पंचामृत का भोग अर्पित करना चाहिए. एकादशी के दिन रात्रि जागरण कर अगले दिन स्नान ध्यान से निवृत्त होकर भगवान की पूजा आराधना कर इस एकादशी का पारण करना चाहिए. इस गरीबों को दान देना चाहिए. ऐसा करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है.

यह भी पढ़ें: Shiv Mahapuran Katha: कथावाचक प्रदीप मिश्रा पहुंचे भिलाई, लाखों की संख्या में पहुंचे श्रद्धालु

इसलिए किया जाता है मोहिनी एकादशी व्रत: मान्यता है कि, "एक बार देवता असुरों से परास्त होकर दुखी थे. जिसके बाद देवता भगवान विष्णु के पास जाकर शिकायत किए. भगवान विष्णु इन देवताओं को फिर से वहीं स्थापित करना चाहते थे. भगवान विष्णु ने देवताओं से कहा कि समुद्र मंथन होगा. उस समय सारे देवता पूछ की तरफ रहेंगे. समुद्र मंथन में 14 रत्नों की प्राप्ति होगी जिसमें से एक अमृत होगा और इसी अमृत पान को पीकर आप लोग अमर हो जाओगे. राक्षस का राज्य समाप्त हो जाएगा. विष्णु ने मोहिनी का रूप धारण करके राक्षसों को विष पिला दिया और देवताओं को अमृत पिला दिया. जिसके बाद से भगवान विष्णु की प्रियता के लिए मोहिनी एकादशी का व्रत किया जाने लगा."

मोहिनी एकादशी काफी शुभ माना जाता है. ऐसे में आप भी नियम पूर्व मोहिनी एकादशी का पालन और व्रत कीजिए. सभी जातकों को पुण्य फल की प्राप्ति होगी.

मोहिनी एकादशी 2023

रायपुर: मोहिनी एकादशी 2023 का व्रत 1 मई को मनाया जाएगा. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. मान्यता है कि भगवान विष्णु ने इसी दिन असुरों का वध करने के लिए मोहिनी का रूप धारण किया था. इसलिए इसे मोहिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है.

मोहिनी एकादशी का मुहूर्त: मोहिनी एकादशी का शुभ मुहूर्त वैशाख शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 30 अप्रैल 2023 रात्रि 8:28 से शुरू होगी. इसका समापन 1 मई 2023 को रात 10:09 पर होगा. उदया तिथि के अनुसार यह व्रत 1 मई 2023 सोमवार के दिन मनाया जाएगा. इस व्रत का पारण 2 मई को सुबह 5:40 से सुबह 8:19 तक रहेगा. मोहिनी एकादशी पर इस बार भद्रा का साया भी दिखाई पड़ रहा है. भद्रा 1 मई को सुबह 9:22 से रात्रि 10:09 तक रहेगा. मोहिनी एकादशी में रवि योग भी बन रहा है, जो सुबह 5:41 से सुबह 5:51 तक रहेगा.

ऐसे करें पूजा: पापों से मुक्ति के लिए भगवान विष्णु की पूजा आराधना की जाती है. मोहिनी एकादशी में एक बार फलाहार करें. मोहिनी एकादशी के दिन सात्विक और शुद्ध भोजन करना चाहिए. सुबह जल्दी उठकर स्नान, ध्यान और योग से निवृत्त होकर भगवान विष्णु की पूजा-आराधना करनी चाहिए. मोहिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु को मिठाई और पंचामृत का भोग अर्पित करना चाहिए. एकादशी के दिन रात्रि जागरण कर अगले दिन स्नान ध्यान से निवृत्त होकर भगवान की पूजा आराधना कर इस एकादशी का पारण करना चाहिए. इस गरीबों को दान देना चाहिए. ऐसा करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है.

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इसलिए किया जाता है मोहिनी एकादशी व्रत: मान्यता है कि, "एक बार देवता असुरों से परास्त होकर दुखी थे. जिसके बाद देवता भगवान विष्णु के पास जाकर शिकायत किए. भगवान विष्णु इन देवताओं को फिर से वहीं स्थापित करना चाहते थे. भगवान विष्णु ने देवताओं से कहा कि समुद्र मंथन होगा. उस समय सारे देवता पूछ की तरफ रहेंगे. समुद्र मंथन में 14 रत्नों की प्राप्ति होगी जिसमें से एक अमृत होगा और इसी अमृत पान को पीकर आप लोग अमर हो जाओगे. राक्षस का राज्य समाप्त हो जाएगा. विष्णु ने मोहिनी का रूप धारण करके राक्षसों को विष पिला दिया और देवताओं को अमृत पिला दिया. जिसके बाद से भगवान विष्णु की प्रियता के लिए मोहिनी एकादशी का व्रत किया जाने लगा."

मोहिनी एकादशी काफी शुभ माना जाता है. ऐसे में आप भी नियम पूर्व मोहिनी एकादशी का पालन और व्रत कीजिए. सभी जातकों को पुण्य फल की प्राप्ति होगी.

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