रायपुर: कर्मकार कल्याण मंडल के पूर्व अध्यक्ष मोहन एंटी ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार के खिलाफ मजदूरों के मुद्दे को लेकर मोर्चा खोल दिया है. मोहन एंटी ने शुक्रवार को रायपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कांग्रेस सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए और भूपेश सरकार को मजदूर विरोधी बताया.
"सरकार है मजदूर विरोधी": कर्मकार कल्याण मंडल के पूर्व अध्यक्ष मोहन एंटी ने कहा कि "प्रदेश की भूपेश सरकार मजदूर विरोधी सरकार है. प्रदेश के पूर्व में पंजीकृत 18 लाख मजदूरों में करीब 9 लाख पात्र मजदूरों को सरकार की समाजिक सुरक्षा योजनाओं से अपात्र घोषित कर दिया गया. कांग्रेस सरकार ने 9 लाख गरीब मजदूरों के अधिकारों को छीना है. पिछले 5 साल में 35 लाख मजदूरों ने श्रम कार्ड बनावाने के लिए आवेदन दिया है. इनमें से केवल 9 लाख 30 हजार मजदूरों का ही मजदूर कार्ड बन सका है. भारी संख्या में आज भी प्रदेश के मजदूर कार्ड के लिए भटक रहे हैं."
विज्ञापन में करोड़ों खर्च कर रही सरकार: मोहन एंटी ने कहा कि "श्रम विभाग के विभिन्न कल्याण मंडलों में करीब 1 हजार करोड़ रुपए राशि का बजट है. लेकिन छत्तीसगढ़ शासन केवल 25 प्रतिशत राशि ही मजदूरों के विभिन्न समाजिक सुरक्षा योजनाओं में दे रही है. कर्मकार कल्याण मंडल में वर्तमान में 7 सौ करोड़ रुपए सेस (फंड) के रूप में जमा है. इसमें मात्र 22.76 करोड़ रुपए ही मजदूरों के सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में खर्च किया गया है. मजदूरों को समाजिक सुरक्षा योजना का लाभ ना देकर पूरे प्रदेश में विज्ञापन में करोड़ों रुपए की राशि खर्च किया जा रहा है, जो सर्वोच्च न्यायालय के दिशा निर्देश और सिफारिशों के खिलाफ है."
रकम मजदूरों के खाते में डीबीटी करे सरकार: मोहन एंटी ने कहा कि "छत्तीसगढ़ सरकार ने मजदूरों के समाजिक सुरक्षा के लिए चलाई जा रही योजनाओं में भ्रष्टाचार किया है. श्रम कार्यालय भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया है. अपात्र लोगों को योजनाओं का लाभ 25 प्रतिशत कमीशन लेकर प्राथमिकता से दिया जा रहा है और पात्र लोगों को योजनाओं के लाभ से वंचित किया जा रहा है. भाजपा यह मांग करती है कि इस मजदूर दिवस को मजदूरों के पैसे पर कुंडली मारकर बैठना छोड़े और सीधे उनके खाते में रकम ट्रांसफर करे."
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मोहन एंटी ने कहा कि "प्रदेश की कांग्रेस सरकार मजदूरों को समाजिक सुरक्षा का लाभ डीबीटी के माध्यम से नहीं दे रही है. जबकि पूर्व की भाजपा सरकार डीबीटी के माध्यम से योजनाओं का लाभ मजदूरों को प्रदान करती थी. लेकिन कांग्रेस सरकार ने मजदूरों के विभिन्न समाजिक सुरक्षा योजनाओं को बंद कर दिया है. इसमें मुख्य रूप से मजदूरों की लोकप्रिय योजना मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना, जिसके तहत मजदूरों की कन्याओं की शादी के लिए 20 हजार रुपए की राशि प्रदान की जाती थी, उसे बंद कर दिया गया है."