रायपुर: दीनदयाल ऑडिटोरियम में टीकाकरण के दौरान रविवार को भारी बदइंजामी देखने को मिली. लोगों ने यहां वैक्सीनेशन में अव्यवस्था का आरोप लगाया और हंगामा करने लगे. यहां पहुंचे लोगों ने वहां मौजूद विधायक विकास उपाध्याय को घेर लिया. लोगों का कहना था कि वह सुबह साढ़े 5 बजे से टीका लगाने के लिए यहां लाइन में खड़े हैं. लेकिन टीका नहीं लग पाया. दीनदयाल ऑडिटोरियम में वैक्सीनेशन के लिए पहुंचे लोग लगातार विधायक विकास उपाध्याय से सवाल कर रहे थे.
बीजेपी प्रवक्ता गौरीशंकर श्रीवास ने घटना की निंदा की है. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में ऐसी घटनाओं के लिए कोई जगह नहीं है. उन्होंने भूपेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में कोरोना से निपटने में सरकार नाकाम है. उनके MLA पत्रकारों से दुर्व्यवहार कर रहे हैं. जो बिलकुल ही गलत है.
ETV भारत के संवाददाता को कवरेज से रोका
इन सारी घटनाओं को ETV भारत के संवाददाता अपने मोबाइल के कैमरे में कैद कर रहे थे. तभी इस दौरान विधायक विकास उपाध्याय ने आपा खो दिया. वह ईटीवी भारत के पत्रकार को कवरेज से रोकने लगे. विकास उपाध्याय ETV भारत के पत्रकार की तरफ झपट पड़े. जिससे ETV भारत के मीडियाकर्मी का मोबाइल जमीन पर गिर गया. विधायक संवाददाता से बहस करने लगे. जब उसने बताया कि वह पत्रकार है. तो विधायक को अपनी गलती का एहसास हुआ. जिसके बाद उन्होंने कहा कि 'मुझे पता नहीं था कि आप मीडियाकर्मी हो, मैने सोचा आम पब्लिक हो'. ऐसे में विकास उपाध्याय के जवाब से एक और सवाल उठता है कि क्या आम आदमी के साथ भी वह ऐसा बर्ताव कर सकते हैं. पत्रकार तो जो स्थिति है उसे दिखाने की कोशिश कर रहा था. ऐसे में उसे रोकना कहां तक ठीक है.
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विधायक विकास उपाध्याय की दबंगई और इस बर्ताव को वहां मौजूद लोगों ने देखा. इस घटना से यह साबित होता है कि जनप्रतिनिधियों में आम आदमी के लिए कितना सम्मान है. सरकार लगातार दावे करती है कि वह आम आदमी के हितों के बारे में सोचती है. बघेल सरकार प्रदेश में पत्रकारों की सुरक्षा की बात करती है. लेकिन अगर सूबे में पत्रकारों के साथ ऐसा बर्ताव होता है तो आप सोच सकते हैं उनकी सुरक्षा की स्थिति कैसी होगी.